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17-Oct-2022 11:40 AM
By Srikant Rai
MADHEPURA: डिप्टी सीएम के साथ साथ स्वास्थ्य मंत्री का दायित्व संभाल रहे तेजस्वी यादव लाख दावे कर लें लेकिन बिहार में स्वास्थ्य व्यावस्था की बदहाली दूर होती नहीं दिख रही है। बिहार के सरकारी अस्पतालों से हर दिन कोई न कोई ऐसी तस्वीर सामने आ ही जाती है जो सरकार के सभी दावों की पोल खोलकर रख देती है। बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल बयां करने वाली एक ऐसी ही तस्वीर मधेपुरा से सामने आई है। मामला मधेपुरा सदर अस्पताल का है, जहां मरीजों का टॉर्च की रोशनी में इलाज किया जाता है।
दरअसल, रविवार को मधेपुरा सदर अस्पताल की बिजली कई घंटो तक गुल रही। अस्पताल में जेनरेटर की व्यवस्था नहीं होने के कारण शाम से लेकर देर रात तक सदर अस्पताल के डॉक्टर मोबाइल के टॉर्च और इमरजेंसी लाइट जलाकर मरीजों का इलाज किया गया। बिजली नहीं रहने के कारण मरीज और उनके परिजन रातभर परेशान रहे। इस दौरान कई मरीजों को अस्पताल के बेड पर छटपटाते हुए देखा गया। इस सब के बावजूद सदर अस्पताल में लाइट की व्यवस्था नहीं की गई।
इतना ही नहीं अन्य वार्डों के साथ साथ इमरजेंसी की भी बिजली गुल रही। जिला अस्पताल होने के बावजूद मोबाइल की रोशनी में दूरदराज से आये मरीजों का इलाज किया गया। मरीजों की मानें तो दिनभर गर्मी से बेड पर वे छटपटाते रहे लेकिन अस्पताल प्रबंधन सुध लेने तक नहीं आया। शाम में चार इमरजेंसी मरीज आये जिसका इलाज करने के लिए परिजनों को मोबाइल और टॉर्च का ही सहारा लेना पड़ा। मरीजों और परिजनों का कहना था कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग चाहे जितना भी दावा कर ले लेकिन सच्चाई कुछ और ही है।