BIHAR: ट्रेन हादसे में पैर गंवाने वाले शिवम को मिला नया जीवन, समाजसेवी अजय सिंह ने दिलाया कृत्रिम पैर और नौकरी हजारीबाग डाक मंडल बना देश का नंबर 1, डाक जीवन बीमा में एक दिन में 5 करोड़ से अधिक प्रीमियम डिपॉजिट बेगूसराय में युवक की निर्मम हत्या: चाकू से गोदा, गोली मारी, प्रेम प्रसंग में मर्डर की आशंका डाईआर्च ग्रुप ने दिल्ली में खोला नया ऑफिस, Real Estate से लेकर FMCG सेक्टर तक का विस्तार Bihar Teacher News: बिहार के सरकारी प्लस-2 विद्यालयों में नए बहाल 5728 प्रधानाध्यापकों की हुई पदस्थापन, लिस्ट..... Life Style: सावन में क्यों नहीं खानी चाहिए कढ़ी और साग? जानिए... सही कारण Bihar Elections: इस पार्टी से चुनाव लड़ेंगे पवन सिंह? सुपरस्टार के संकेत से सियासी हलचल तेज Sawan 2025: बिहार के 5 प्रमुख कांवर रुट, जहां मिलती है श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ Manrega Yojna Bihar: एक दर्जन से अधिक पंचायत सेवकों पर फर्जीवाड़े का आरोप, अब होगी कार्रवाई Cricket: टेस्ट में भारत के खिलाफ सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज, टॉप 3 में इंग्लैंड के 2 बल्लेबाज शामिल
22-Dec-2019 07:13 PM
PATNA : बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर आरजेडी, कांग्रेस और वामपंथी पार्टियां दुष्प्रचार कर राज्य और देश के अल्पसंख्यकों के बीच भ्रम फैला रही हैं। यह कानून किसी धर्म के खिलाफ नहीं है। बीजेपी बड़े पैमाने पर जनसंपर्क अभियान चला इस भ्रम जाल को तोड़ेगी।
बीजेपी प्रदेश परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि आरजेडी के बंद के दौरान बिहार में बड़े पैमाने पर हिंसा व लूटपाट हुई। बिहार की राजधानी पटना में नेता प्रतिपक्ष के इशारे पर पत्रकारों के कैमरे तोड़े गये और उनपर हमले हुए। क्या राजद भागलपुर के कार्यकर्ताओं की तरह नेता प्रतिपक्ष पर भी कार्रवाई करेगा और पत्रकारों को इलाज के खर्चें व तोड़े गये कैमरों की क्षति की भरपाई करेगी?
डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री और 2003 में तत्कालीन राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मनमोहन सिंह ने नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन किया था। संसद में मनमोहन सिंह ने बयान दिया था कि कि बंटवारे के बाद बंग्लादेश में अल्पसंख्यकों को प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा है। यह हमारा नैतिक दायित्व है कि दुर्भाग्यशाली नागरिकों को भारत में शरण लेना पड़ता है तो हमारा दृष्टिकोण इन्हें नागरिकता देने में और लिबरल होना चाहिए। उन्होनें बताया कि अटल जी की सरकार के दौरान नागरिकता संशोधन के लिए बने नियमों को 3 साल तक मनमोहन सरकार ने कायम रखा था।