BIHAR: स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार की दिशा में बड़ा कदम, अरवल में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने 30 बेड वाले CHC का किया उद्घाटन BIHAR: समस्तीपुर सदर अस्पताल के गेट पर बेहोश युवती को छोड़ दो युवक फरार, इलाज के दौरान मौत SAMASTIPUR: बिहार में अपराधी बेलगाम, कोल्ड ड्रिंक और सिगरेट मांगने के बाद दुकानदार को मारी गोली BIHAR: दिन में साधु रात में डाकू, कुख्यात दरभंगी सहनी गिरफ्तार Bihar News: सीएम नीतीश कुमार कल देंगे बड़ी सौगात, 6,938 पथों के निर्माण का करेंगे कार्यारंभ Bihar News: सीएम नीतीश कुमार कल देंगे बड़ी सौगात, 6,938 पथों के निर्माण का करेंगे कार्यारंभ CBSE 10th, 12th Result 2025 : कल जारी हो सकता है CBSE 10वीं और 12वीं का रिजल्ट! 42 लाख से अधिक छात्रों का इंतजार होगा खत्म CBSE 10th, 12th Result 2025 : कल जारी हो सकता है CBSE 10वीं और 12वीं का रिजल्ट! 42 लाख से अधिक छात्रों का इंतजार होगा खत्म Bihar Crime News: बिहार के इस रेलवे स्टेशन से एक दर्जन नाबालिग लड़कियां बरामद, कहां लेकर जा रहे थे मानव तस्कर? Bihar News: बिहार की बेटियों के लिए प्रेरणास्रोत बनीं सुहानी, सीएम नीतीश कुमार ने दी 11 लाख की साइकिल
22-Jul-2021 02:15 PM
By ASMEET SINHA
PATNA: शिक्षा विभाग ने e-sambandhan पोर्टल का आज शुभारंभ किया। शिक्षा विभाग के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने ई-संबंधन पोर्टल का उद्घाटन किया। इस पोर्टल के जरीये प्राइवेट स्कूलों को एनओसी आसानी से मिलेगा। एनओसी लेने के लिए अब सरकारी कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। इसके लिए पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन देने होंगे।
इस वेब पोर्टल के माध्यम से इच्छुक विद्यालय प्रस्वीकृति एवं अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। आवेदन पर की गयी प्रत्येक कार्रवाई की सूचना आवेदक को पोर्टल से प्राप्त हो जाएगी। ऑनलाइन आवेदन करने के दौरान यदि किसी भी तरह की तकनीकी समस्या होती है तो इसके लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है। 7004070073, 7396000010 इन हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है।
राइट टू एजुकेशन के तहत निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत गरीब बच्चों के नामांकन की भी जानकारी संबंधन पोर्टल पर मिलेगी। स्कूलों के आवेदन की सारी जानकारी शिक्षा विभाग इस पोर्टल के जरीये दी जाएगी। निजी स्कूलों को प्रस्वीकृति और अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए अब सरकारी कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना होगा बल्कि इसके लिए सीधे इस पोर्टल पर आवेदन करना होगा। जिसके बाद आवेदन की स्थिति की जानकारी इस पर उपलब्ध होगी।
कोरोना को लेकर बंद स्कुलों को खोलने को लेकर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि उनकी खुद इच्छा है कि स्कूल जल्द खुले। कोरोना के खतरे को देखते हुए इसका फैसला बिहार सरकार लेगी। बच्चों को शिक्षा देना बेहद जरूरी है लेकिन उनकी सुरक्षा उससे ज्यादा जरूरी है। पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद ही सरकार स्कूलों को खोले जाने पर फैसला लेगी। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि लगातार स्कूलों के बंद रहने से छात्रों के पठन-पाठन पर असर पड़ रहा है। हम भी चाहते है कि स्कूलों को जल्द खोला जाए लेकिन बच्चों की जान जोखिम में डालकर ऐसा करना भी उचित नहीं है। इच्छा रहते हुए भी कोई फैसला लेने में आशंकित हो जाते हैं। कोरोना की रफ्तार पूरी तरह से कम होती है तो इस पर फैसला लिया जाएगा।
2016 के नियोजित शिक्षकों पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि 2016 के नियोजित शिक्षकों के डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की जांच की निगरानी की जा रही है। 5 साल से चल रहे जांच प्रक्रिया को अब खत्म करने को लेकर शिक्षा विभाग काम कर रहा है। 2016 से निगरानी विभाग उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद जांच कर रही है।
विभाग ने भी यह निर्णय लिया कि अब इस जांच प्रक्रिया का अंत होना चाहिए। काफी समय दे दिया गया। नियोजित शिक्षकों को कई बार डॉक्यूमेंट अपलोड करने का निर्देश विभाग दे चुका है। 2016 से अभी तक जिन शिक्षकों ने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए अपलोड नहीं किया है। उनकी सेवा को लेकर कोई विचार आगे नहीं किया जाएगा और जिन नियोजित शिक्षकों ने डॉक्यूमेंट अपलोड किया है उसकी सत्यता का जांच कर विभाग आगे की कार्रवाई करेगी।
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में कोरोना की स्थिति की समीक्षा की जाती है। 6 अगस्त से पहले बैठक होगी। शिक्षा विभाग की मंशा है कि विद्यालय खोले जाए। लगातार विद्यालय बंद रहने से छात्रों पर गलत असर होता है। लगातार विद्यालय के बंद रहने से छात्रों के पठन पाठन पर असर पड़ रहा है। हम भी चाहते है विद्यालय खोले जाए। लेकिन बच्चों की जान को जोखिम में डालकर ऐसा करना भी सही नहीं है। इच्छा रहते हुए कोई निर्णय लेने में आशंकित हो जाते है। कोरोना की रफ्तार यदि कम रही तो हम विद्यालय को खोलने के बारे में सोचेंगे।
उन्होंने कहा कि अभी आईएसएमआर की एक रिपोर्ट आई है जिसमें चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना संक्रमण में कमी आने पर सबसे पहले प्राइमरी स्कूल खोले जाने चाहिए। क्योंकि छोटे बच्चों में कोरोना के संक्रमण का खतरा कम है और संक्रमण होने पर हल्का रहता है। आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि छोटे बच्चे वायरस को आसानी से हैंडल कर लेते हैं। उनके लंग्स में वह रिसेप्टर कम होते हैं जहां वायरस जाता है। सीरो सर्वे में देखा गया है कि 6 से 9 साल के बच्चों में लगभग उतनी ही एंटीबॉडी दिखी जितनी बड़ों में है। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि यदि स्थिति नियंत्रित रही तो हम स्कूलों को खोलने का कदम उठाएंगे।