Bihar News: राज्य में कल 436 पंचायत भवनों का निरीक्षण, जांच का जिम्मा 110 इंजीनियरों पर Bihar News: सीएम नीतीश के नालंदा में भारी बवाल, सड़क हादसे में बच्चे की मौत के बाद लोगों ने स्कॉर्पियो को लगाई आग Bihar News: सीएम नीतीश के नालंदा में भारी बवाल, सड़क हादसे में बच्चे की मौत के बाद लोगों ने स्कॉर्पियो को लगाई आग Bihar News: शादी में डांस के दौरान विवाद, बदमाशों ने दूल्हे और उसकी माँ को जमकर पीटा Bihar Crime News: बिहार के सरकारी अस्पताल की महिला गार्ड पर सुपरवाइजर की थी बुरी नजर, झांसा देकर कमरे में बुलाया और.. Patna Crime News: पटना पुलिस की बड़ी कार्रवाई, लूट और गोलीकांड के दो आरोपी अरेस्ट; 5 साल से दे रहे थे चकमा Patna Crime News: पटना पुलिस की बड़ी कार्रवाई, लूट और गोलीकांड के दो आरोपी अरेस्ट; 5 साल से दे रहे थे चकमा Success Story: किसान की बेटी बनीं IAS अधिकारी, सेल्फ स्टडी कर हासिल किया मुकाम Bihar Politics: डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को क्यों होना पड़ा कोर्ट में पेश? पांच आरोपी के खिलाफ आरोप तय Bihar Politics: डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को क्यों होना पड़ा कोर्ट में पेश? पांच आरोपी के खिलाफ आरोप तय
09-Jan-2023 01:34 PM
PATNA: बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर सियासत थमने का नाम ले रही है। एक तरफ बिहार सरकार यह दावा कर रही है कि जातिगत गणना के बाद विकास को गति मिलेगी तो वहीं विपक्षी दल बीजेपी का कहना है कि नीतीश कुमार आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद की तरह बिहार में जातिय उन्माद फैलाना चाह रही है और शराबबंदी की तरफ जातिगत गणना भी बिहार में फेस साबित होगी। इसी बीच बिहार की ट्रांसजेंडर्स लीडर रेशमा प्रसाद ने जातिगत जनगणना को लेकर सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने बिहार में हो रहे जातिगत गणना को अपराध बताया है और कहा है कि जहां जाति की बात होगी वहां समानता की बात नहीं हो सकती है। रेशमा प्रसाद का कहना था कि जातीय जनगणना से समाज में असमानता फैलेगी। सरकार को किसी की जाति पूछने का कोई अधिकार नहीं है।
रेशमा प्रसाद ने कहा कि यहां के राजनेता नहीं चाहते हैं कि बिहार जाति के बंधन से आगे बढ़े हालांकि बहुते से ऐसे अच्छे नेता हैं जिन्होंने दूसरी जाति और धर्म में जाकर शादियां की और जाति के बंधन को तोड़ने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि बिहार में कराई जा रही जातिगत जनगणना किसी अपराध से कम नहीं है।बिहार में अगर जाति को जिंदा रखने की बात हो रही है तो यह कहीं से भी लॉजिकल नहीं है कि समानता और समाजवाद की बात नहीं हो सकती है। बिहार के नेता जाति के नाम पर सिर्फ और सिर्फ राजनीति करते हैं। खासकर बिहार में ट्रांसजेंडर कम्यूनिटी के लिए बहुत बुरी हालत है। जब हम कह रहे हैं कि हम ट्रांसजेंडर है तब भी हमें ओबीसी की कटेगरी में डाल दिया जाता है। ओबीसी कटेगरी जातियों पर आधारित है।
उन्होंने कहा कि सरकार किसी की जाति पूछने वाली होती कौन है। अगर ऐसी ही बात है तो सरकार को स्पेशल मैरिज एक्ट को खत्म कर देना चाहिए। जो लोग जाति और धर्म की बात होती है तो उन्हें सांप्रदायिक कहा जाता है तो किस आधार पर जाति आधारित जनगणना हो रही है। अगर जाति की बात हो रही है तो वह बिल्कुल गलत है, वहां कहीं से भी समानता और न्याय की बात नहीं हो सकती है। पूरे विश्व में जाति और धर्म के नाम पर अलगाव की स्थिति है, क्या लोगों की जाति को स्टेबलिश कर उसे दूर किया जा सकता है।
रेशमा प्रसाद ने कहा कि बिहार सरकार अगर विकास के प्रति ईमानदार है तो उसे लोगों की जाति पूछने की जरूरत ही नहीं है। जो लोग जाति की बात करते हैं वे अंबेडकर को नहीं मानने वाले हैं। बाबा साहेब ने कहा था कि देश में जाति को खत्म करना है। अगर लोगों के जातियों की गिनती की जाती है तो यह इंसानियत के खिलाफ है। कोई भी राजनेता जाति के खिलाफ बात करने से डरता है क्योंकि वे जानते हैं कि उनकी राजनीति जाति पर आधारित है। क्या जो लोग समाजसेवा का काम कर रहे हैं वे लोगों की जाति पूछकर उनकी मदद करेंगे। जाति के नाम पर हर समुदाय के लोगों के बीच विखराव है, इसलिए जाति और धर्म का भेदभाव खत्म करने की जरुरत है ना कि लोगों की जाति पूछने की कोई आवश्यकता है।