सहरसा में बाइक की डिक्की से चोरी हुए 3 लाख रूपये कटिहार से बरामद, आरोपी फरार आर्केस्ट्रा में नाबालिगों के शोषण के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 21 लड़कियों को कराया मुक्त, 3 आरोपी गिरफ्तार बेगूसराय में बाइक सवार युवकों की दबंगई, 10 रूपये की खातिर पेट्रोल पंप पर की मारपीट और फायरिंग SUPAUL: छातापुर में संतमत सत्संग का 15वां महाधिवेशन संपन्न, VIP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा ने महर्षि मेही परमहंस को दी श्रद्धांजलि Sonia Gandhi Admitted: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की तबीयत बिगड़ी, इलाज के शिमला के अस्पताल पहुंचीं Sonia Gandhi Admitted: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की तबीयत बिगड़ी, इलाज के शिमला के अस्पताल पहुंचीं Bihar News: बिहार महिला आयोग में भी अध्यक्ष-सदस्यों की हुई नियुक्ति, इन नेत्रियों को मिली जगह, जानें... Bihar Crime News: बिहार में पंचायत के दौरान खूनी खेल, गोली मारकर युवक की हत्या; गोलीबारी से दहला इलाका Bihar News: बिहार को मिली एक और बड़ी उपलब्धि, शिक्षा, शोध और सेवा को नई उड़ान; डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने क्या कहा? Bihar News: बिहार को मिली एक और बड़ी उपलब्धि, शिक्षा, शोध और सेवा को नई उड़ान; डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने क्या कहा?
15-Dec-2021 08:29 AM
By AKASH KUMAR
AURANGABAD : रबी की खेती के लिए किसानों को खाद की जरुरत है। इधर बाजार में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध नहीं है। नतीजतन किसान कालाबाजारी में 1200 के बदले 1800 रूपये प्रति बोरी के महंगे दाम पर खाद खरीदने को मजबूर हो रहे है। उंची कीमत पर खाद खरीदने से बचने के लिए जब किसान सहकारी संस्थाओं के उर्वरक बिक्री केंद्र पर पहुंच रहे है, तो यहां भी उन्हें भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
पहली परेशानी तो मांग ज्यादा और उपलब्धता कम होने के कारण उर्वरक बिक्री केंद्रों पर भीड़ का लगना। फिर भीड़ में लंबी कतार में घंटो खड़ा रहना। यह सब सहते हुए घंटों कतार में लग कर किसान जब काउंटर तक पहुंच जाते है तो स्टॉक खत्म हो जाता है। ऐसे में फिर अगले दिन आना और घंटो लाइन लगाना तब जाकर खाद पाना, इन दिनो किसानों के लिए यह रोजमर्रा बन गया है।
पहले जहां किसानो को सहजता से खाद मिल जाता था। वहीं अब किसानों को खाद खरीदने के लिए खुद के किसान होने का प्रमाण तक देना पड़ रहा है। हालांकि सांसद सुशील कुमार सिंह ने किसानों को खाद उपलब्ध कराने के लिए भरपूर प्रयास किया है। लोकसभा में भी सवाल उठाया है, जो सराहनीय है, पर अबतक उनके प्रयास पूरे परवान नही चढ़ पाए है।
इधर कृषि विभाग के अधिकारी भी किसानों को निर्धारित सरकारी दर पर खाद उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे है। नियंत्रित मूल्य पर खाद उपलब्ध कराने के लिए वे उर्वरक बिक्री की दुकानों का भी निरीक्षण कर दुकानदारों को सख्त हिदायत भी दे रहे है। इन सबके बावजूद खाद किसानो को सही तरीके से नही मिल रहा है। नतीजा किसान अब भी परेशान है।