पुलिस की चौकसी पर उठा सवाल: मुजफ्फरपुर में लग्जरी कार सवार बदमाशों का दुस्साहस देखिये, गैस कटर से SBI ATM काटकर 25 लाख उड़ाए तेजस राजधानी एक्सप्रेस में परोसा गया खराब खाना, यात्रियों का आरोप—शिकायत पर बोला स्टाफ “कंप्लेन कही भी कर लो कुछ नहीं होगा” अच्छी नौकरी करने वाली पत्नी को नहीं मिलेगा गुजारा भत्ता, इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला जानिये कौन है प्रमोद निषाद?..जिसने 19 हजार फर्जी आधार कार्ड का पूरा नेटवर्क खड़ा कर दिया जमुई में महादलित युवक को नंगा करके पीटा, वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर किया वायरल IndiGo Flight News: इंडिगो की उड़ानों का रद्द होने का सिलसिला जारी, पटना से 8 फ्लाइट कल कैंसिल आय से अधिक संपत्ति मामला: AIG प्रशांत कुमार के खिलाफ दर्ज FIR रद्द, हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी SVU आय से अधिक संपत्ति मामला: AIG प्रशांत कुमार के खिलाफ दर्ज FIR रद्द, हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी SVU अगुवानी–सुल्तानगंज पुल का मुख्य सचिव ने किया निरीक्षण, मई 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य Pawan Singh Threat Case: ‘हम जो करते हैं खुलेआम करते हैं, पवन सिंह को धमकी नहीं दी’, लॉरेंस बिश्नोई गैंग का ऑडियो आया सामने
09-Jun-2021 07:57 AM
PATNA : कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पटना के कई प्राइवेट अस्पतालों में मनमानी की खूब खबरें सामने आई. इस दौरान परिजनों ने कई अस्पतालों के ऊपर गंभीर आरोप लगाए. पटना के साईं हॉस्पिटल के ऊपर रेमडेसिविर जैसी दवा की कालाबाजारी का आरोप लगा था. इस अस्पताल के ऊपर केस भी दर्ज किया गया था. लेकिन आपको यह जानकर हैरत होगी कि महज 3 दिन की जांच के बाद इस अस्पताल को क्लीनचिट दे दी गई. इतना ही नहीं अस्पताल पर रेमडेसिविर की कालाबाजारी को लेकर जो आरोप लगे थे उसे मानवीय भूल बताकर साईं हॉस्पिटल को पाक साफ करार दिया गया.
आपको बता दें कि 17 मई को शिकायत मिलने के बाद ड्रग डिपार्टमेंट की टीम ने साईं अस्पताल में छापेमारी की थी और फिर कंकड़बाग थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी. साईं हॉस्पिटल पर आरोप था कि 65 वायल रेमडेसिविर साईं मेडिकल के द्वारा एमआरपी से अधिक कीमत पर बेची गई. इंजेक्शन पर ₹4000 ज्यादा लिए गए.
मामले की जांच करने के बाद ड्रग डिपार्टमेंट की तरफ से एफआईआर दर्ज कराई गई थी लेकिन बाद में सहायक औषधि नियंत्रक के नेतृत्व में 3 सदस्यों की एक टीम बनाई गई जिसे जांच का जिम्मा दिया गया. टीम ने 20 मई को जांच की. 21 मई को राज्य औषधि नियंत्रक को रिपोर्ट सौंप कर यह कह दिया कि साईं मेडिकल द्वारा जो उल्लंघन किया गया, वह मानवीय भूल थी.
औषधि विभाग की जांच टीम की तरफ से अस्पताल को दी गई क्लीनचिट को लेकर अब बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है. एफआईआर दर्ज होने के 3 दिन बाद ड्रग कंट्रोलर के आदेश पर असिस्टेंट कंट्रोलर के नेतृत्व में जांच करने पहुंची टीम को अस्पताल की तरफ से यह बताया गया कि दवा की कीमत ₹3000 प्रति वायल कर दी गई है. तब जिन लोगों को ₹4000 प्रति वायल के हिसाब से बेचा गया था, उन्हें एक ₹1000 वापस लौटा दिए गए हैं.
कोरोना महामारी के बीच ऐसी शिकायतें खूब देखने को मिली. साईं हॉस्पिटल के मामले में ड्रग विभाग की टीम शुरुआत में तो सख्त लिखी लेकिन बाद में मामला सुस्त पड़ गया. आखिरकार अब अस्पताल के ऊपर कालाबाजारी के जो आरोप लगे थे, उस मामले को मानवीय भूल कैसे बता दिया गया, यह अपने आप में बड़ा सवाल खड़ा करता है.