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11-Mar-2021 08:45 PM
PATNA: देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अपने युवराज के कार्यकाल में सबसे बुरे दौर में पहुंच गयी है. एक गैर सरकारी संगठन के सर्वे में ये बात निकल कर साम़ने आयी है. कांग्रेस की बुरी हालत का आलम ये है कि पिछले पांच सालों में पार्टी के 170 विधायकों ने कांग्रेस को अलविदा कह दूसरे पार्टी का दामन थाम लिया. विधायकों के पाला बदलने के कारण कई राज्यों में कांग्रेस की सरकार भी चली गयी.
ADR की रिपोर्ट
देश की सियासी पार्टियों पर नेशनल इलेक्शन वाच और एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिकट रिफार्म्स (एडीआर) ने सर्वे किया है. इस सर्वे में साल 2016 से 2020 के दौरान हुए चुनावों के समय विधायकों के दिए गए हलफनामे का विश्लेषण किया गया है. सर्वे में ये पाया गया पिछले पांच सालों में कांग्रेस के 170 विधायक दूसरी पार्टियों में चले गये. इसी अवधि मे बीजेपी के सिर्फ 18 विधायकों ने ही दूसरी पार्टियों का दामन थामा.
BJP में सबसे ज्यादा दलबदलु हुए शामिल
ADR की रिपोर्ट में बताया गया है कि बीजेपी में सबसे ज्यादा दलबदलु विधायक शामिल हुए. 2016 से 2020 के बीच पाला बदल कर चुनाव में उतरने वाले कुल विधायकों की तादाद 405 रही है. इनमें से 182 विधायकों ने बीजेपी का दामन थामा. वहीं दल बदल कर कांग्रेस में जाने वाले विधायकों की संख्या सिर्फ 28 रही. तेलगांना की क्षेत्रीय पार्टी टीआरएस यानि तेलंगाना राष्ट्र समिति ने 25 दलबदलु विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल कराया.
एडीआर की रिपोर्ट में सांसदों के दलबदल के बारे में भी जानकारी दी गयी है. 2019 में हुए लोगसभा चुनाव में बीजेपी के पांच सांसदों ने दल बदल कर दूसरी पार्टी का दामन थाम लिया. उधर 2016 से 2020 के बीच कांग्रेस के 7 राज्यसभा सांसद पार्टी का साथ छोड़ गये और दूसरी पार्टी में शामिल हो गये. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 2016 से 2020 के दौरान कुल 16 राज्यसभा सांसदों ने दल बदल लिया. इनमें से 10 बीजेपी में शामिल हो गये और नयी पार्टी से सांसद बन गये. उधर 2019 के लोकसभा चुनाव में कुल 12 सांसदों ने पार्टी बदल ली थी. इनमें से पांच ने कांग्रेस का दामन थाम कर चुनाव लड़ा था.
कई राज्यों में गिर गयी सरकार
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक दल बदल के कारण कई राज्यों में सरकार गिर गयी. सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को हुआ. विधायकों के साथ छोड़ जाने के कारण मध्य प्रदेश औऱ कर्नाटक जैसे बड़े राज्यों में कांग्रेस की सरकार गिर गयी. दल बदल के कारण मणिपुर, गोवा और अरूणाचल प्रदेश में भी सरकार बनीं औऱ बिगड़ी.