BIHAR: बिजली चोरी का विरोध करना छोटे भाई को पड़ा महंगा, बड़े भाई ने पीट-पीटकर मौत के घाट उतारा, मायके गई हुई थी पत्नी गिरिडीह में निःशुल्क स्वास्थ्य जाँच शिविर का आयोजन, 400 से अधिक लोगों का इलाज 23 दिसंबर को पटना में नितिन नवीन का रोड शो, घर से बाहर निकलने से पहले जान लीजिए रूट चार्ट VB-G RAM G Act: ‘विकसित भारत- जी राम जी’ बिल को राष्ट्रपति की मिली मंजूरी, अब मजदूरों को 125 दिनों का रोजगार VB-G RAM G Act: ‘विकसित भारत- जी राम जी’ बिल को राष्ट्रपति की मिली मंजूरी, अब मजदूरों को 125 दिनों का रोजगार गोल प्रतिभा खोज परीक्षा 2025: छात्रों की प्रतिभा को पहचानने और मार्गदर्शन देने का भरोसेमंद मंच बिहार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के गृह जिले का हाल देखिये, टॉर्च की रोशनी में हुआ मरीज का इलाज, वीडियो हो गया वायरल नए साल के जश्न की तैयारी में बिहार के माफिया: पटना में सरकार की नाक के नीचे चल रही थी नकली शराब फैक्ट्री; ऐसे हुआ खुलासा नए साल के जश्न की तैयारी में बिहार के माफिया: पटना में सरकार की नाक के नीचे चल रही थी नकली शराब फैक्ट्री; ऐसे हुआ खुलासा पटना के सचिवालय थाना क्षेत्र में अवैध शराब तस्करी का भंडाफोड़, धंधेबाज भी गिरफ्तार
27-Jan-2022 10:28 PM
PATNA: पटना हाई कोर्ट में साइबर क्राइम से जुड़े मामले पर सुनवाई हुई। गूगल एलएलसी अमेरिका की ओर से वरीय अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव कोर्ट के समक्ष पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता मुकुल रोहतगी फेसबुक की ओर से उपस्थित हुए। व्हाट्सएप का पक्ष वरीय अधिवक्ता अरविंद दातर ने रखा। इन सभी वरीय अधिवक्ताओं ने कहा कि वे अनुसंधान में पूरी तरह से सहयोग करने को तैयार हैं, कही कोई अड़चन नहीं आएगी।
इस पर कोर्ट ने पूछा कि फिर अभी तक आपत्तिजनक पोस्ट को यूट्यूब से क्यों नहीं हटाया गया है,जो कि गूगल की कंपनी है। इस मामले में उनके वरीय अधिवक्ता का कहना था कि प्रावधान के मुताबिक जबतक कोर्ट का आदेश नहीं होता है, तबतक वे नहीं हटा सकते हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि कोर्ट आदेश करने को तैयार है। जस्टिस संदीप कुमार शिव कुमार व अन्य के मामले पर सुनवाई की। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने साइबर क्राइम से जुड़े मामलों पर सुनवाई करते हुए बैंक से जवाब तलब किया था।
साथ ही साथ हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक पोस्ट के मामले में कोर्ट ने फेसबुक, व्हाट्सएप, गूगल व यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के स्थानीय हेड को नोटिस जारी करने का आदेश दिया था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को आर्थिक अपराध इकाई द्वारा किये जा रहे अनुसंधान में सहयोग करने को कहा गया है था।
कोर्ट के समक्ष हलफनामा दाखिल कर बताया गया था कि फेसबुक, व्हाट्सएप, गूगल व यूट्यूब जैसे मीडिया प्लेटफॉर्म आर्थिक अपराध इकाई के साथ अनुसंधान में सहयोग नहीं कर रही है। कोर्ट का कहना था सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस तरह का व्यवहार सहन नहीं किया जाएगा क्योंकि उन्हें पुलिस को अनुसंधान में सहयोग करना होगा। इसलिए कोर्ट ने इन सोशल मीडिया प्लेटफार्म के स्थानीय हेड को भी जवाब देने को कहा था। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने यह भी कहा था कि यदि ये जवाब नहीं देते हैं, तो कार्रवाई की जाएगी। इस मामले पर अगली सुनवाई 1 फरवरी को होगी।