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08-Aug-2020 08:10 AM
PATNA : केरल में हुए विमान हादसे के बाद एक बार फिर पटना एयरपोर्ट पर विमानों के उड़ने और उतरने के खतरे पर चर्चा तेज हो गई है. पटना एयरपोर्ट भी बेहद खतरनाक है. जिसे लेकर कोझिकोड हादसे के बाद DGCA के कान खड़े हो गए हैं.
केरल के जिस एयरपोर्ट पर या हादसा हुआ है उसकी लंबाई 9 हजार फिट है जबकि पटना एयरपोर्ट पर रनवे की लंबाई मात्र 65 सौ फीट है. खतरे का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि पटना के रनवे पर विमानों के उतरने के बाद ब्रेक इतनी जोर से लगता है कि विमान में बैठे यात्रियों तक पहियों की थरथराहट का साफ असर होता है.
वहीं दूसरा सबसे बड़ा खतरा परिसर का छोटा होना है. एयरपोर्ट पर उतरने और उड़ान भरने वाले विमान परिसर छोटा होने की वजह से काफी नीचे उड़ते हैं और उतरते हैं. यदि विमान को इतना नीचे न किया जाए तो लैंडिंग के दौरान टचडाउन से विमान के आगे निकलने का खतरा होता है.
इसके साथ ही पटना एयरपोर्ट के लिए तीसरा सबसे बड़ा खतरा है सचिवालय का वॉच टावर है. पायलट को लैंडिंग और उड़ान के दौरान हमेशा सतर्कता बरतनी पड़ती है. अगर विमान के पहिए सही जगह पर रनवे को टच नहीं करते हैं तो और दुबारा उड़ान भरने की स्थिति पैदा हो तो इस टॉवर से टकरा सकता है. एयरपोर्ट के लिए एक और सबसे बड़ा खतरा रनवे के दूसरे छोर पर रेलवे की पटरी से है. पटरी के छोर पर पोल लगे हैं जिसेस बिजली सप्लाई होती है और इससे रेलवे का परिचालन होता है इस पुल से भी बड़ा खतरा बना रहता है.