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02-Aug-2021 12:55 PM
PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जनता दरबार के कार्यक्रम में उस वक्त आगबबूला हो गए, जब उनके सामने एक के बाद एक दर्जन भर ऐसी शिकायतें आईं, जिसमें प्रशासन की खामियां थीं. लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ शिकायत सुनकर सीएम नीतीश काफी गुस्से में आ गए. उन्होंने तत्काल मुख्य सचिव से लेकर आमिर सुबहानी तक जैसे सीनियर अफसरों को एक लाइन से खड़ा कर सुना दिया कि आखिरकार किस तरीके से प्रशासन के लोग काम कर रहे हैं.
दरअसल सीएम नीतीश सोमवार को जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के दौरान आम लोगों की शिकायत सुन रहे थे. इस दौरान सीएम के सामने लगातार कई केस आएं, जिसमें लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में गड़बड़ी देखी गई. मुख्यमंत्री अपने एक अधिकारी को इसके बारे में समझा ही रहे थे कि एक और मामला इसी से जुड़ा हुआ सामने आ गया.
बुजुर्ग की शिकायत सुनते ही सीएम आगबबूला हो गए और उन्होंने तत्काल बिहार के मुख्य सचिव से लेकर आमिर सुबहानी तक को बुलाया और उन्हें लाइन से खड़ा कर बताया कि आखिरकार किस तरीके से प्रशासनिक अधिकारी कार्य करते हैं.
दरअसल एक बुजुर्ग फरियादी ने मुख्यमंत्री से आकर कहा कि "मैंने पत्नी के नाम पर एक कट्ठा जमीन लिया था. उसमें से थोड़ा सा जमीन भू-अर्जन में चला गया. मैंने भू-अर्जन पदाधिकारी से शिकायत की मेरे जमीन का मुझे पैसा मिलना चाहिए. भू-अर्जन पदाधिकारी ने मेरी शिकायत नहीं सुनी. इसके बाद मैंने लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत शिकायत की. लोक शिकायत से आदेश हुआ कि मेरा भुगतान किया जाये लेकिन उसका अनुपालन आज तक नहीं किया. मुझे पैसा नहीं दिया गया और मुझे धमकाया भी गया."
बुजुर्ग की शिकायत सुनने के बाद सीएम नीतीश ने फौरन अधिकारी को कहा कि जाकर पूरा के पूरा रिकार्ड निकलवाइये. लोक शिकायत निवारण में किसी मामले का फैसला हो गया और अगर उसका क्रियान्वयन नहीं हो रहा है तो तत्काल वैसेमामलों का सारा रिकार्ड निकलवाइये. हर चीज को निकाल कर देखिये कि कितना पेंडिंग है. अभी हमने दो बार समीक्षा बैठक की तो उसमें ऐसा कुछ भी नहीं कहा गया. अब जब हम जनता के दरबार कार्यक्रम शुरू किये तो एक के बाद एक मामले सामने आ रहे.
सीएम ने कहा कि लोक शिकायत निवारण कानून के तहत मामले का निबटारा हो गया लेकिन उसका एक्जीक्यूशन नहीं हो रहा है. क्यों उसका क्रियान्वयन नहीं हो रहा है, इसका पता लगाइये. कानून में तो एक्शन का भी प्रावधान है. इन सभी चीजों को देखना बेहद जरूरी है. सारे डिपार्टमेंट से पूरा का पूरा फिगर मांगिये, कहां गड़बड़ी है. देखिये कि लोक शिकायत की ओर से जो फैसले आएं, उसकी क्या स्थिति है. क्रियान्वयन हुआ कि नहीं हुआ, किस कारण से पेंडिंग है. क्यों पेंडिंग है. ये जानना बेहद जरूरी है. चीफ सेक्रेटरी के साथ मिलकर पहले ये काम पूरा कीजिये. मैं एक दिन बैठकर इसके बारे में सारा अपडेट लूंगा कि लोक शिकायत निवारण कानून से जुड़े मामलों का क्या हुआ.
गौरतलब हो कि हर सोमवार को अलग-अलग विभागों से संबंधित मामले जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सुने जाते हैं. लोगों की शिकायतें सुनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तत्काल शिकायतों का निवारण का निर्देश संबंधित विभाग के पदाधिकारियों और मंत्रियों को देते हैं.