रफ्तार ने ले ली जान: बेलगाम पिकअप ने साइकिल सवार को रौंदा, GMCH में इलाज के दौरान मौत कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद पहली दफे पटना आयेंगे नितिन नबीन, कई कार्यक्रमों में होंगे शामिल, जानिये उनका मिनट टू मिनट प्रोग्राम BIHAR: महिला सिपाही के साथ आर्मी के जवान ने की छेड़खानी, विरोध करने पर जान से मारने की कोशिश बिहार में मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना, 8 रुपये का लालच देकर 5 साल के मासूम के साथ दरिंदगी Bihar News: बालू को लेकर 12 बिंदु पर समीक्षा, डिप्टी CM ने बुलाई हाईलेवल मीटिंग, क्या हैं बारह प्वाइंट्स... Bihar Teacher News: बिहार में प्रधान शिक्षकों को लेकर शिक्षा विभाग ने ले लिया बड़ा फैसला, जारी किए यह निर्देश Bihar Teacher News: बिहार में प्रधान शिक्षकों को लेकर शिक्षा विभाग ने ले लिया बड़ा फैसला, जारी किए यह निर्देश पटना में नितिन नबीन का रोड शो कल, घर से बाहर निकलने से पहले एक बार देख लें रूट चार्ट Bihar News: बिहार के 11 बालू व 8 भू माफियाओं की संपत्ति होगी जब्त, EOU ने ED को भेजा प्रस्ताव Bihar News: बिहार के 11 बालू व 8 भू माफियाओं की संपत्ति होगी जब्त, EOU ने ED को भेजा प्रस्ताव
22-Jul-2024 01:22 PM
By First Bihar
DESK : राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT)ने कक्षा-6 की टेक्सटबुक में कई परिवर्तन किए हैं। पाठ्यपुस्तक में बताया गया है कि ग्रीनविच मध्य रखा से पहले भी एक 'मध्य रेखा' थी जो कि उज्जैन से होकर गुजरती थी। इसके अलावा पाठ्युपुस्तक में जाति आधारित भेदभाव का उल्लेख नहीं किया गया है। वहीं अब तक पढ़ाई जाने वाली हड़प्पा सभ्यता को 'सिंधु-सरस्वती' सभ्यता बताया गया है।
एनसीईआरटी ने क्लास 6 की टेस्टबुक में बड़ा बदलाव किया है। अब एनसीईआरटी की बुक में बताया गया है कि ग्रीनविच मध्यरेखा से काफी पहले भारत में अपनी एक रेखा थी। इस बात की जानकारी सोशल साइंस की बुक में दी गई है। सोशल साइंस की नई बुक में यह कहा गया है कि ग्रीनविच मध्यरेखा से काफी पहले भारत की अपनी प्रधान मध्यरेखा थी जिसे ‘मध्यरेखा’ कहा जाता था और जो मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर से गुजरती थी।
इस बुक के अनुसार, ‘ग्रीनविच भूमध्य रेखा पहली प्रधान मध्यरेखा नहीं है। अतीत में अन्य भी थीं। वास्तव में, यूरोप से कई शताब्दियों पहले, भारत की अपनी एक प्रधान मध्यरेखा थी। इसे मध्य रेखा कहा जाता था और यह उज्जयिनी (आज का उज्जैन) शहर से होकर गुजरती थी, जो कई शताब्दियों तक खगोल विज्ञान का एक प्रतिष्ठित केंद्र था।’
वहीं, नए पाठ्यक्रम के अनुसार विकसित पाठ्यपुस्तक में जो बदलाव किए गए हैं उनमें जाति-आधारित भेदभाव का कोई उल्लेख नहीं किया गया है, भेदभाव के बारे में बी आर आंबेडकर के अनुभव के संदर्भ में बदलाव किया गया है। इसमें वेदों का विवरण दिया गया है और कहा गया है कि महिलाओं और शूद्रों को इन ग्रंथों का अध्ययन करने का अधिकार नहीं था।
उधर, नई बुकमें हड़प्पा सभ्यता को ‘सिंधु-सरस्वती’ सभ्यता के रूप में संदर्भित किया गया है। पाठ्यपुस्तक में अतीत से हटकर, ‘भारतीय सभ्यता का प्रारंभ’ अध्याय में ‘सरस्वती’ नदी का कई बार उल्लेख किया गया है। इसमें कहा गया है कि ‘सरस्वती’ नदीघाटी में सभ्यता के प्रमुख शहरों-राखीगढ़ी और गणवेरीवाला के साथ-साथ छोटे शहर और कस्बे भी शामिल थे। इसके अनुसार, आज उक्त नदी को भारत में ‘घग्गर’ के नाम से और पाकिस्तान में ‘हाकरा’ के नाम से जाना जाता है तथा अब यह मौसमी नदी है।