40 साल दरगाह की सेवा के बाद श्यामलाल की घर वापसी, पहलगाम आतंकी हमले से हुआ हृदय परिवर्तन Bihar News: सदर अस्पताल में मिला 25 वर्षीय युवक का शव, प्रेमिका के परिवार वालों पर हत्या का आरोप आतंकवादी हमले के खिलाफ पटना में महागठबंधन का कैंडल मार्च, तेजस्वी यादव-मुकेश सहनी सहित कई नेता रहे मौजूद Road Accident: भारतीय सेना के जवान की सड़क हादसे में मौत, पिता के निधन के बाद छुट्टी पर आए थे घर गोपालगंज में 4 दिन से लापता युवती की लाश बगीचे से बरामद, हत्या के विरोध में परिजनों ने किया सड़क जाम हंगामा CSKvsSRH: 10वें स्थान को लेकर CSK और SRH में रोचक जंग के बीच चेन्नई को मिले भविष्य के 2 सुपरस्टार BIHAR NEWS: विनोद सिंह गुंजियाल बने बिहार के नये मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, 2007 बैच के हैं IAS अधिकारी महागठबंधन में महाघमासान होना तय! RJD से दबने को तैयार नहीं कांग्रेस, को-ओर्डिनेशन कमेटी में दिखा दिया अपना जोर Pahalgam Terror Attack: रूस की अपने नागरिकों को सलाह, “पाकिस्तान की यात्रा न करें”, भारत-पाक के बीच तनाव से पूरी दुनिया अलर्ट Sindhu Water Treaty: बूंद-बूंद पानी को तरसेगा पाकिस्तान! सिंधु जल समझौता को लेकर चल रही शाह की बैठक खत्म; पाक के खिलाफ बड़ा फैसला
22-Jul-2024 01:28 PM
By First Bihar
DELHI: सुप्रीम कोर्ट से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें कांवड़ यात्रा के दौरान उस रूट की दुकानों पर दुकानदारों का नेमप्लेट लगाने का आदेश दिया था। योगी सरकार के इस फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर रोक लगाने की मांग की गई थी।
दरअसल, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 22 जुलाई से शुरू हो रहे कांवड़ यात्रा को लेकर आदेश जारी किया था कि कांवड़ यात्रा के रूट में जितनी भी खाने-पीने की चीजों की दुकानें हैं उन दुकानों पर दुकान के मालिक और संचालक अपना नाम लिखेंगे। यूपी की योगी सरकार ने शिवभक्तों की आस्था का हवाला देकर इस आदेश का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है। सरकार के इस फैसले के बाद इसको लेकर विवाद छिड़ गया था।
एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इस फैसले को रद्द करने की मांग की। एनडीओ की तरफ से 20 जुलाई को ऑनलाइन सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दाखिल की गई, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया था। इसके अलावा कई अलग-अलग याचिकाएं भी दाखिल की गई थीं। आज 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने याचिकाओं पर सुनवाई की।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए योगी सरकार के आदेश पर रोक लगा दिया और कहा कि दुकानदार अपनी दुकानों पर खाने का प्रकार लिखें, अपना नाम लिखने की उन्हें जरूरत नहीं है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर शुक्रवार तक जवाब देने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि राज्यों के जवाब दाखिल करने तक ऐसे किसी भी आदेश पर रोक रहेगी। कोर्ट ने कहा कि दुकानदारों को पहचान बताने की जरुरत नहीं है बल्कि उन्हें केवल खाने के प्रकार बताने होंगे। कांवड़ियों को शाकाहारी खाना मिले और साफ सफाई रहे। खाना शाकाहारी है या मांसाहारी यह बताना जरूरी है। 26 जुलाई को इस मामले पर अगली सुनवाई होगी।