Bihar Assembly Election : बिहार में भी लागू होगा शिंदे फार्मूला ! BJP के प्लान पर CM नीतीश के करीबी नेता का बड़ा खुलासा, जानिए क्या दिया जवाब Bihar News: बिहार के निजी अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत के बाद हंगामा, गुस्साए परिजनों ने की तोड़फोड़ और सड़क जाम Bihar Crime News: बिहार के इस जिले में युवक की गोली मारकर हत्या, छापेमारी में जुटी पुलिस Chhath Puja: आज है अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य, पटना से लेकर पूरे बिहार के घाट छठ महापर्व के लिए तैयार Bihar election: कमजोर वर्ग के वोटरों की सुरक्षा को लेकर डीजीपी ने कसी कमर,कहा - दागियों-दबंगों पर होगी सख्त कार्रवाई Bihar election: बिहार चुनाव 2025: पहले चरण के मतदान से पहले पीएम नरेंद्र मोदी 2 नवंबर को पटना में करेंगे रोड शो Chhath Puja 2025: लोक आस्था का महापर्व छठ का दूसरा दिन, उपेन्द्र कुशवाहा की पत्नी ने किया खरना पूजा, छठी मईया से बिहार की तरक्की की कामना Chhath puja 2025: लगातार दूसरे दिन अजय सिंह ने छठ व्रतियों के बीच किया पूजन सामग्री का वितरण Bihar Election 2025 : जदयू विधायक दामोदर रावत का ग्रामीणों से विरोध, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल; जानिए क्या है पूरा मामला Chhath puja : पीएम मोदी ने मन की बात में दी छठ महापर्व की शुभकामनाएं, कहा - घर घर बन रहे ठेकुआ, सज रहे घाट
31-Jul-2020 09:52 AM
PATNA : बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने सरकार की नई शिक्षा नीति के हवाले से कहा कि इस नीति में शिक्षामित्र, पारा शिक्षक, संविदा शिक्षक अथवा कम वेतन पर नियोजन या नियुक्ति नहीं करने की बात कही गई है मगर बिहार में अल्प वेतन पर नियोजित शिक्षकों से न सिर्फ काम लिया जा रहा है बल्कि नियोजन भी बदस्तूर जारी है। सरकार को नियोजन के आधार व अल्प वेतन पर शिक्षकों की नियुक्ति पर तात्कालिक प्रभाव से रोक लगानी चाहिए और नियमित वेतनमान पर योग्य एवं कुशल शिक्षक की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ की जानी चाहिए ।
शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्य से किया जाए मुक्त
संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति के प्रावधान के अनुसार शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्य से पुरी तरह मुक्त की जानी चाहिए। शिक्षा नीति में स्पष्ट है कि जब तक शिक्षकों का आकर्षक, सम्मानजनक तथा गरिमापूर्ण वेतनमान नहीं होगा तब तक शिक्षा में गुणात्मक विकास असंभव है। शिक्षा को पंचायती राज से मुक्त करने तथा माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 (ए) के तहत शिक्षा का मौलिक अध्किार प्रदान किया गया है जो बेहतर और स्वागत योग्य कदम है।
जीडीपी का दस प्रतिशत शिक्षा पर किया जाए खर्च
अभिषेक कुमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति में शिक्षा पर जीडीपी का छह प्रतिशत तक खर्च करने की बात कही गई है मगर वर्तमान परिवेश में दस प्रतिशत खर्च होना चाहिए। जिसमें पिछड़े राज्यों को ज्यादा से ज्यादा सहायता मिलती और ना सिर्फ वहां के साधन संसाधन विकसित होते बल्कि समान रूप की शिक्षा कायम करने की घोषणा भी सही मायने में सफलीभूत होती। उन्होंने कहा कि समान व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने हेतु पड़ोस पद्धति के माध्यम की बात कही गयी है। जिससे स्पष्ट है कि शिक्षा व विद्यालयों की जरूरतों को नजरअंदाज किया गया है। ऐसा न हो कि मात्रात्मक शिक्षा का विकास हो मगर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का विकास एक बार फिर सपना ही रह जाए।