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19-Oct-2020 06:24 PM
PATNA : पटना स्नातक क्षेत्र से एमएलसी चुनने के लिए हो रहे चुनाव में दो दफे से विधान पार्षद नीरज कुमार की नैया मंझधार में फंसती दिख रही है. 22 अक्टूबर को इस चुनाव के लिए मतदान होना है. लेकिन जेडीयू प्रत्याशी के वोट बैंक में कई तरफ से जबरदस्त सेंधमारी ने खेल बिगाड दिया है. पिछले चुनाव में बेहद कम वोट से हारे वेंकटेंश शर्मा की चुनौती ने लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है.
मुसीबत में नीरज कुमार
पटना स्नातक क्षेत्र से हो रहे विधान परिषद चुनाव में मंत्री नीरज कुमार तीसरी दफे एमएलसी बनने की कवायद में लगे हैं. लेकिन मतदान से तीन दिन पहले का नजारा कुछ और है. नीरज कुमार मुसीबत में फंसे नजर आ रहे हैं. उनके आधार वोटरों में जबरदस्त सेंधमारी के आसार साफ साफ दिख रहे हैं. मामला सिर्फ उनके स्वजातीय वोटरों का ही नहीं है बल्कि जो वोटर एनडीए के आधार वोट माने जाते हैं उनमें बिखराव नजर आ रहा है.
दरअसल इस सीट से प्रमुख उम्मीदवारों में जेडीयू के नीरज कुमार के साथ साथ पूर्व विधान पार्षद आजाद गांधी, कांग्रेस के दिलीप कुमार और निर्दलीय वेंकटेश शर्मा शामिल हैं. हालांकि विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह के दामाद रवि रंजन और पूर्व सांसद अरूण कुमार के बेटे रितुराज भी दमखम के साथ चुनाव मैदान में हैं. उम्मीदवारों की इसी सूची ने जेडीयू को सांसत में डाल दिया है.
अनंत सिंह बड़े फैक्टर बने
दरअसल इस स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में सबसे ज्यादा तादाद भूमिहार वोटरों की है. इस वर्ग के वोटरों के बीच अनंत सिंह बड़े फैक्टर बन गये हैं. भूमिहार वोटरों के एक बडे वर्ग को इस बात से नाराजगी है कि अनंत सिंह के साथ सरकार ने जो कुछ किया उसके पीछे नीरज कुमार ही थे. नीरज कुमार के गांव मोकामा के निवासी और स्नातक क्षेत्र के वोटर रमेश ने फर्स्ट बिहार को बताया“अनंत सिंह पर सरकार ने बहुत जुल्म किया है. उन्हें सारे झूठे मामले में फंसाया गया है. हम इस चुनाव में इसका बदला ले लेंगे.”
हालांकि मोकामा के ही एक दूसरे वोटर सत्यप्रकाश ने कहा कि वे जेडीयू को ही वोट देंगे. लेकिन मोकामा में मिले दर्जनों वोटरों का आक्रोश बता रहा था कि उनका इरादा क्या है. अनंत सिंह समर्थक पूरे दमखम के साथ नीरज कुमार का विरोध करने में जुटे हैं.
उधर मोकामा से सटे बाढ़ की तस्वीर अलग दिखायी पड़ी. जातीय गोलबंदी बता रही थी कि जेडीयू के आधार वोट खिसक चुके हैं. यहां राजपूत जाति के वोटरों की तादाद अच्छी है. बाढ बाजार में मोहन सिंह ने जब हमारी टीम ने पूछा कि एमएलसी चुनाव में क्या होगा तो मुस्कुराने लगे. बहुत कुरेदने के बाद वे खुले और फिर जो कुछ कहा वो जेडीयू के लिए सकून देने वाला नहीं था. मोहन सिंह ने कहा कि लडाई तो त्रिकोणीय है. उनके मुताबिक स्नातक सीट की लडाई आजाद गांधी, वेंकटेश शर्मा और नीरज कुमार के बीच है. लेकिन अब लोग गोलबंद होने लगे हैं. कई लोग ऐसे भी मिले जो खुलकर ये बोल रहे थे कि वोट तो अपनी जाति के ही उम्मीदवार को ही देंगे.
बात सिर्फ बाढ-मोकामा इलाके की नहीं है. मामला नालंदा में भी फंसा है. कांग्रेस की ओर से दिलीप कुमार चुनाव मैदान में उतर गये हैं. उन्होंने नीतीश कुमार के गृह जिले में जेडीयू के आधार वोट में जबरदस्त सेंधमारी की है. दरअसल वे कुर्मी जाति से आते हैं. हरनौत बाजार में दिलीप कुमार के समर्थक केशव प्रसाद मिल गये. उन्होंने दावा किया कि इस बार ये सीट गिरवी से मुक्त हो जायेगा.
फर्स्ट बिहार की टीम ने पालीगंज, विक्रम से लेकर मसौढ़ी-फुलवारी और नवादा के वोटरों से बात की. भूमिहार जाति के वोटर बंटे हुए नजर आये. इस जाति के वोटरों में नीरज कुमार, वेंकटेश शर्मा और रितुराज की चर्चा हो रही थी. उधर राजपूत वोटरों में रवि रंजन के प्रति लगाव दिख रहा था.
इन सबके बीच आरजेडी समर्थित उम्मीदवार आजाद गांधी अलग ही समीकरण बना रहे हैं. आजाद गांधी इस क्षेत्र से पहले भी विधान पार्षद रह चुके हैं. आजाद गांधी दावा कर रहे हैं कि उन्हें लालू यादव के आधार वोटरों के साथ साथ अनंत सिंह के वोटरों का भी समर्थन हासिल है. लिहाजा उनकी जीत में कोई शक ही नहीं है.
कुल मिलाकर देखें तो पटना स्नातक क्षेत्र में जेडीयू का वोट बैंक पूरी तरह से बिखरा हुआ नजर आ रहा है. तीन दिन बाद मतदान है. अगर हालात यही रहे तो फिर नीरज कुमार की नैया का पार लग पाना मुश्किल होगा.