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13-Dec-2019 01:16 PM
PATNA: आज के जमाने की लड़कियां लड़कों से किसी भी मायने में कम नहीं हैं. हर फील्ड में लड़कियां आगे बढ़कर लड़कों को टक्कर दे रही हैं. महिलाएं आज आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ समाज के लिए भी एक मिसाल पेश कर रही हैं. लेकिन इस समाज में आज भी कई ऐसे लोग हैं, जो महिलाओं को कम आंकते हैं और उन्हें उनके रंग रूप को लेकर प्रताड़ित करते हैं.
राजधानी पटना की रहने वाली वंदना सबके लिए प्रेरणास्त्रोत बन गई है. जिस बहू को ससुरालवालों ने उसके सांवले रंग को लेकर ताने मारे और बेटी पैदा करने पर घर से निकाल दिया वही वंदना आज राज्य ज्यूडिशियरी की परीक्षा पास कर जज बन गई हैं. ससुराल से निकाले जाने के बाद वंदना ने अपना हौसला कभी भी टूटने नहीं दिया और अपनी बेटी को पालते हुए हायर एजुकेशन जारी रखा और एग्जाम क्लीयर करके वो जज बन गईं.
वंदना का मायके मोकामा के राम शरण टोला में है. उसकी शादी साल 2015 में पटना में हुई. जब शादी हुई थी तो वह मोकामा में नियोजित शिक्षक थी. शादी के बाद वंदना ने पटना आकाशवाणी में ट्रांसमिशन एग्जिक्यूटिव का पद संभाला. वंदना ने बताया कि शादी के एक साल बाद उसे बेटी हुई. जिसके बाद ससुराल वाले उसके सांवले रंग के साथ लड़की को जन्म के लिए ताने देने लगे. ससुराल वालों की प्रताड़ना से तंग आकर वंदना को अपनी 20 दिन की बेटी को लेकर ससुराल छोड़कर मायके आना पड़ा. विधि स्नातक वंदना को बाढ़ कोर्ट के वकील मधुसूदन शर्मा ने जज की परीक्षा देने के लिए प्रेरित किया. जिसके बाद उन्होंने इसकी तैयारी की और 29 नवंबर को बिहार की न्यायिक परीक्षा पास कर ली और वो जज बन गईं.