ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Politics: ‘9वीं फेल बेटे को सीएम बनाना चाहते हैं लालू, बच्चों की चिंता कोई उनसे सीखे’ प्रशांत किशोर का तंज Bihar Politics: ‘9वीं फेल बेटे को सीएम बनाना चाहते हैं लालू, बच्चों की चिंता कोई उनसे सीखे’ प्रशांत किशोर का तंज BIHAR NEWS : गर्लफ्रेंड से मिलने गए युवक की हत्या, 2 साल से था अफेयर Fake Currency Racket: कहां मिले बस से दो करोड़ के नकली नोट? फेक करेंसी के बड़े सिंडिकेट का हो सकता है खुलासा Fake Currency Racket: कहां मिले बस से दो करोड़ के नकली नोट? फेक करेंसी के बड़े सिंडिकेट का हो सकता है खुलासा Bihar News: पटना में इस दिन होगा 'यूथ ऑफ बिहार @2047 स्टूडेंट कॉन्क्लेव', केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान करेंगे संबोधित Bihar News: पटना में इस दिन होगा 'यूथ ऑफ बिहार @2047 स्टूडेंट कॉन्क्लेव', केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान करेंगे संबोधित Success Story: IBM की नौकरी छोड़ बने IPS बने लोढ़ा , जानिए अचनाक क्यों होने लगी नाम की चर्चा गोपालगंज में महावीरी जुलूस के दौरान अश्लील डांस, मुन्ना किन्नर ने मंच से उड़ाए नोट, वीडियो वायरल Bihar News: श्रम संसाधन विभाग की छापेमारी से हड़कंप, दो दुकानों से पांच बच्चों का रेस्क्यू; दुकानदारों के खिलाफ केस दर्ज

‘जातीय गणना के आंकड़ों पर लोगों को संदेह.. समीक्षा कराएं नीतीश’ बिहार सरकार से सुशील मोदी की मांग

‘जातीय गणना के आंकड़ों पर लोगों को संदेह.. समीक्षा कराएं नीतीश’ बिहार सरकार से सुशील मोदी की मांग

06-Oct-2023 07:16 PM

By First Bihar

PATNA: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद सत्ता से जुड़ी चुनिंदा जातियों को छोड़ कर लगभग सभी जातियों के लोग ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। 


सुशील मोदी ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और जदयू के एक सांसद सहित अनेक लोग जब सर्वे के आंकड़ों को विश्वसनीय नहीं मान रहे हैं, तब सर्वे प्रक्रिया की समीक्षा करायी जानी चाहिए। बिहार में जातीय गणना कराने के सरकार के नीतिगत निर्णय पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की मुहर लगने के बाद अब कानूनी रूप से सर्वे को लेकर कोई कानूनी मुद्दा नहीं है।  


उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ सर्वे की विश्वसनीयता जनता का मुद्दा बन गया है। ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि  प्रगणकों ने अनेक इलाकों के आंकड़े घर बैठे तैयार कर लिए। वैश्य, निषाद जैसी कुछ जातियों के आंकड़े 8-10 उपजातियों में तोड़ कर दिखाये गए, ताकि उन्हें अपनी राजनीतिक ताकत का एहसास नहीं हो। यह किसके इशारे पर हुआ ?


सुशील मोदी ने कहा कि राज्य में वैश्य समाज की आबादी 9.5 फीसद से अधिक है, लेकिन यह सर्वे में दर्ज नहीं हुआ। जिस जाति-धर्म के लोग वर्तमान सत्ता के साथ हैं, उनकी संख्या को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाने के लिए उपजातियों के आंकड़े छिपाये गए। जातीय सर्वे पर जो सवाल उठ रहे हैं, उनका उत्तर राज्य सरकार को देना चाहिए, पार्टी प्रवक्ताओं को नहीं।