Ayush Mhatre: आयुष म्हात्रे ने पहले ही मैच में तोड़ा 18 साल पुराना रिकॉर्ड, विस्फोटक बल्लेबाजी देख फैंस बोले “इसे अब तक बचाकर क्यों रखा था” बेतिया में ग्रामीणों का इंसाफ: गांव की लड़की से छेड़खानी करने वाले 2 मनचलों को जमकर पीटा, चेहरे पर कालिख लगाकर चप्पल से पिटाई का Video Viral Lawrence Bishnoi: लॉरेंस बिश्नोई गैंग में धड़ल्ले से हो रही युवाओं की भर्ती, चुनौती से निपटने के लिए पुलिस ने तैयार किया मास्टरप्लान वर्दी का ख्वाब साकार कर रहे हैं अजय सिंह, फिजिकल की तैयारी के लिए युवाओं को दे रहे हाई जम्पिंग गद्दा कर्नाटक में पूर्व DGP की हत्या, पत्नी पर लगा संगीन आरोप, बिहार के रहने वाले थे ओम प्रकाश PBKSvsRCB: पंजाब किंग्स पर जीत के साथ विराट कोहली ने तोड़ डाला धोनी का यह बड़ा रिकॉर्ड, अब रोहित शर्मा की बारी Bihar News: चुनावी साल में केंद्र सरकार ने खोला खजाना, बिहार के लिए बनाया विकास का यह मेगा प्लान; जानिए.. Bihar News: एक गलती और कई दुकानें राख में तब्दील, लाखों की संपत्ति स्वाहा, कहीं आप भी तो नहीं करते यह भूल? मुंगेर में 5 मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा, हथियार बनाते 3 कारीगर गिरफ्तार Bihar Crime: शराब तस्करों का पीछा करने के दौरान पुलिस की गाड़ी पलटी, 2 पुलिसकर्मी घायल, तस्कर गिरफ्तार
29-Mar-2020 04:45 PM
DESK : पूरे देश में कोरोना वायरस का खौफ है. खौफ इतना है कि किसी की मौत पर कंधा देने के लिए 4 लोग भी नहीं मिल रहे हैं. एक ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में देखने को मिला, जहां एक बुजुर्ग के मौत के बाद उसके बेटे ने अपने रिश्तेदारों को अर्थी को कंधा देने के लिए बुलाया लेकिन कोरोना के खौफ के आगे कोई भी उसके घर नहीं आया. इसी दौरान हिंदू मुस्लिम एकता की एक मिसाल भी देखने को मिली, कुछ मुसलमान पड़ोसी आगे आए और उन्होंने न सिर्फ अर्थी को कंधा दिया बल्कि श्मशान घाट में दाह संस्कार भी करवाया.
मामला उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के आनंद विहार का है. आनंद विहार में रहने वाला रविशंकर बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखता है. उसका घर जिस इलाके में है वह मुस्लिम आबादी वाला इलाका है. शनिवार को रविशंकर के पिता की मौत हो गई. रविशंकर ने अपने पिता के मौत के बाद दोस्तों, आस पड़ोस में रहने वाले रिश्तेदारों को संदेश भेजा लेकिन अर्थी को कंधा देने वाला तक भी कोई नहीं पहुंचा. रविशंकर इसके बाद परेशान हो गया क्योंकि वह घर में अकेले था और अर्थी को कंधा देने के लिए 4 लोग चाहिए थे. थोड़ी ही देर बाद रविशंकर के मोहल्ले में रहने वाले कुछ मुसलमान लोग पहुंचे और जब उन्हें रविशंकर के परेशानी का पता चला तो उन्होंने रविशंकर के साथ मिलकर अर्थी तैयार करवाई और यही नहीं अपने कंधे पर रखकर काली नदी स्थित श्मशान घाट तक पहुंचे. इस दौरान रविशंकर के साथ ही उनके मुसलमान पड़ोसियों ने राम नाम सत्य है भी बोला.
इसके बाद ही मुसलमानों ने दाह संस्कार की सारी प्रक्रिया पूरी करवाई. रविशंकर के बेटे ने मुखाग्नि दी और इस दौरान रविशंकर के पूरा मुस्लिम समाज खड़ा रहा और इसके साथ ही गरीब रविशंकर की घर आकर सब ने मदद का आश्वासन भी दिया है.