शिवहर में भीषण सड़क हादसा, दो युवकों की हालत गंभीर अररिया: दो साइबर ठग गिरफ्तार, सीएसपी खातों के जरिए ठगी का खुलासा KATIHAR: रेलवे फाटक पार करने के दौरान ट्रेन की चपेट में आया बुजुर्ग, मौके पर ही दर्दनाक मौत मुजफ्फरपुर जंक्शन पर 24 लाख की विदेशी इलायची जब्त, राजधानी एक्सप्रेस से भेजा जा रहा था दिल्ली शिवहर पुलिस की कार्रवाई, हथियार के साथ एक अपराधी गिरफ्तार बेतिया में बड़ी कार्रवाई: सात साइबर अपराधियों को पुलिस ने दबोचा, 3 लाख कैश भी बरामद Bihar News: भागलपुर में वंदे भारत एक्सप्रेस पर फिर से पथराव, कोच C-4 की खिड़कियां टूटीं Bihar News: भागलपुर में वंदे भारत एक्सप्रेस पर फिर से पथराव, कोच C-4 की खिड़कियां टूटीं फुहा फुटबॉल महासंग्राम: दूसरे दिन एकौना ने पिरोटा को हराकर दर्ज की शानदार जीत फुहा फुटबॉल महासंग्राम: दूसरे दिन एकौना ने पिरोटा को हराकर दर्ज की शानदार जीत
05-Oct-2022 01:27 PM
PATNA: आज विजयादशमी है और लोग रावण के पुतला दहन की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन बिहार की सियासत में सरकार के पुतला दहन की तैयारी चल रही है। दरअसल, पटना हाई कोर्ट ने नगर निकाय चुनाव पर रोक लगा दिया है, जिसके बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला है। जायसवाल ने कहा है कि आज रावण के साथ बिहार सरकार का भी पुतला दहन करें जिनकी मानसिकता के कारण 4600 से ज्यादा नगर निकाय के उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ सके हैं।
संजय जायसवाल ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा है कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव अपने जालसाजी में सफल रहे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भी उन्होंने उसका पालन नहीं किया। आज सभी नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत पर बिहार सरकार के अफसरों का कब्जा हो गया है। गांव के भी चुनाव स्थगित हुए थे। लेकिन तब हम पूर्ण रूप से सत्ता में थे और इसलिए मुखिया का कार्यकाल सम्राट चौधरी जी ने नीतीश कुमार से झगड़ कर बढ़ा दिया था। पंचायतों के विकास चुनाव तक के लिए पंचायत के प्रतिनिधियों के पास ही रहा।नगर के चुनाव स्थगित होने तक नीतीश कुमार की मानसिकता प्रधानमंत्री बनने का स्वप्न देखने की हो गई थी। इसीलिए उन्होंने नगर निगम के प्रतिनिधियों का कार्यकाल नहीं बढ़ाया।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि अब नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव अफसरों के साथ मिलकर नगर चलाएंगे और जनप्रतिनिधि नहीं होने के कारण किसी भी नगर में जनता की बात सुनने वाला कोई नहीं होगा। एक बात जरूर होगा कि अब विकास के बदले कागज पर ही विकास राशि का बंदरबांट अफसर और मंत्रियों के बीच हो जाएगा।