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सीएम के गृह जिले में नहीं दिख रहा तेजस्वी के मिशन- 60 का असर, सुबह से गायब है पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर

सीएम के गृह जिले में नहीं दिख रहा तेजस्वी के मिशन- 60 का असर, सुबह से गायब है पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर

08-Dec-2022 06:35 PM

By RAJKUMAR

NALNDAD : बिहार के उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव भले ही मिशन -60 चलाकर राज्य के सभी सदर अस्पतालों की सुविधा बेहतर करने की बात करते हो या फिर खुद देर रात्री निरिक्षण पर निकल जाते हो, मगर उनके इस मेहनत पर पानी फेड़नें में उनके ही विभाग से सहयोगी पीछे नहीं हट रहे हैं।  इसी कड़ी में अब जो मामला सामने आया है वह स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा होने से साथ ही साथ राज्य के मुखिया नीतीश कुमार के गृह जिले से जुड़ा हुआ है। यहां के परिवार को शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए घटों इंतजार करना पड़ा, लेकिंन इसके बाबजूद किसी ने सुध नहीं ली। 


दरअसल, बिहार में उपमुख्यमंत्री द्वारा मिशन -60 के अंतर्गत सबसे पहले नालंदा जिले के बिहारशरीफ सदर अस्पताल की सुविधा में बढ़ोतरी की गई।  नए -नए संसाधन दे दिए गए हो। लेकिन, इसके बाबजूद यहां के डॉक्टर और अस्पताल कर्मी लापरवाही बरतने के पीछे नहीं हट रहे हैं। आए दिन इस अस्पताल के खराब व्यवस्था से जुड़ी कोई न कोई खबर निकल कर सामने आते ही रहती है।  इसी कड़ी में अब जो मामला सामने आया है। उसमें नालंदा जिले हिलसा थाना इलाके में एक व्यक्ति का शव मिला था जिसके बाद पुलिस के मदद से शव को पोस्टमार्टम के लिए बिहार सदर अस्पताल दिन के 1:00 बजे दिन में लाया गया मगर शाम 7 बजने को हैं, लेकिन अभी तक शव का पोस्टमार्टम नहीं किया गया।


इधर, इस मामले में परिवार वालों और पुलिसकर्मी ने बताया कि सदर अस्पताल में मौजूद डॉक्टर का कहना है कि उसको पोस्टमार्टम करने नहीं आता है जब दूसरा डॉक्टर आएगा तो पोस्टमार्टम की प्रक्रिया की जाएगी। सबसे बड़ी बात यह है कि, इतने बड़े सदर अस्पताल और इतनी बड़ी आबादी वाले जिले में  पोस्टमार्टम करने वाला डॉक्टर कब आएगा इस बात की जानकारी किसी के पास नहीं है।  वह आएगा या छुट्टी पर हैं, इसकी भी जानकारी अस्पताल प्रसाशन द्वारा कोई भी देने को तैयार नहीं है। 


वहीं, सुबह से अबतक पोस्टमार्टम नहीं होने के कारण इस ठंड के मौसम में पोस्टमार्टम के लिए आए परिवार को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पुलिसकर्मी का कहना है कि पूर्व में इतना बुरा हाल सदर अस्पताल का कभी नहीं हुआ था जो वर्तमान में हुआ है। पुलिसकर्मी ने बताया कि पोस्टमार्टम के लिए जब भी चिकित्सक से बात करने के लिए जाते हैं तो टालमटोल का रवैया अपनाया जा रहा है।