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27-Apr-2021 03:03 PM
DESK : देश में साइबर अपराधियों काफी एक्टिव हो गए हैं. आम लोग तो दूर इन अपराधियों ने अब चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया को ही अपना निशाना बना लिया है. दरअसल, जस्टिस नुतालपति वेंकट रमणा ने दो दिन पहले ही भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली थी कि उनका फर्जी ट्विटर हैंडल बन गया जिसके बाद CJI ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई है.
मामला संज्ञान में आने के बाद सीजेआई रमणा ने खुद पुलिस में शिकायत की. इसके बाद ट्विटर न केवल ट्वीट हटाए बल्कि अकाउंट भी सस्पेंड कर दिया. जानकारी हो कि ट्विटर पर @NVRamanna के नाम से फर्जी अकाउंट बनाया गया था. और उस अकाउंट से 98 ट्वीट भी किये गये थे जिसके ट्विटर ने हटा दिया है. हटाए गए ट्वीट में लिखा था- "अजीत डोभाल की कूटनीति के कारण, अमेरिका ने भारत को वैक्सीनेशन के लिए कच्चे माल की आपूर्ति करने का फैसला किया."
आपको बता दें, जस्टिस एन.वी. रमणा का जन्म 27 अगस्त 1957 को आंध्रप्रदेश के कृष्णा जिले के पोन्नवरम गांव में हुआ था. 10 फरवरी 1983 को उन्होंने वकालत की शुरुआत की. 27 जून 2000 को वे आंध्रप्रदेश के हाईकोर्ट में स्थायी जज के तौर पर नियुक्त हुए. जस्टिस रमणा को फरवरी 2014 में सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था. उन्होंने 10 फरवरी 1983 को वकालत के साथ करियर की शुरुआत की थी. जस्टिस रमणा आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के पहले ऐसे जज हैं जो CJI बने हैं. जस्टिस रमना 26 अगस्त 2022 को रिटायर होंगे.
गौरतलब है कि जस्टिस एन.वी. रमणा ने देश के 48वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के रूप में कार्यभार संभाला है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें शपथ दिलाई थी. जस्टिस रमणा ने CJI एसए बोबडे की जगह ली है. जस्टिस बोबडे 23 अप्रैल को सेवानिवृत हुए हैं. जस्टिस बोबडे ने ही न्यायाधीश एन.वी. रमणा के नाम का प्रस्ताव राष्ट्रपति को भेजा था.