Chhath Puja 2025: बिहार के इन प्रमुख स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट पर रोक, जानिए.. रेलवे ने क्यों लिया इतना बड़ा फैसला? Chhath Puja 2025: बिहार के इन प्रमुख स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट पर रोक, जानिए.. रेलवे ने क्यों लिया इतना बड़ा फैसला? BIHAR NEWS : बिहार में बेख़ौफ़ हुए अपराधी ! नाटक देखने गए युवक को ताबड़तोड़ मारी गोली, मौके पर हुई मौत; गांव में फैला खौफ Bihar Elections 2025 : 'अभी से RJD-कांग्रेस वाले छर्रा, कट्टा और दुनाली की धमकी देने लगे हैं...', बोले PM मोदी - बिहार का युवा हर गुणा-गणित समझता Patna News: पटना में तेज रफ्तार हाईवा लाइन होटल में घुसा, हादसे में तीन लोग बुरी तरह से घायल Patna News: पटना में तेज रफ्तार हाईवा लाइन होटल में घुसा, हादसे में तीन लोग बुरी तरह से घायल Bihar Elections 2025 : समस्तीपुर में पीएम मोदी का लालू और लालटेन पर तंज: “जब हर हाथ में लाइट है, तो लालटेन की क्या जरूरत?”कहा - बिहार को चाय वाला चाहिए, घोटाला वाला नहीं" Bihar Election 2025: जन सुराज ने गोपालगंज में निर्दलीय प्रत्याशी को दिया समर्थन, प्रशांत किशोर ने बीजेपी पर बोला जोरदार हमला Bihar Election 2025: जन सुराज ने गोपालगंज में निर्दलीय प्रत्याशी को दिया समर्थन, प्रशांत किशोर ने बीजेपी पर बोला जोरदार हमला Bihar Elections 2025 : कर्पूरी ग्राम में बोले PM मोदी – लालू और RJD परिवार चोरी के मामलों में जमानत पर, अब ‘जननायक’ की उपाधि की भी हो रही चोरी
24-May-2021 04:20 PM
DESK : देश पहले ही कोरोना संकट से जूझ रहा था. उसके बाद ब्लैक और व्हाइट फंगस के मरीजों ने लोगों में दहशत पैदा कर दिया. इतना भी कम नहीं था कि अब एक नई आफत ने देश में दस्तक दे दी है. उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद से अजीब मामला सामने आया है. यहां एक मरीज़ में ब्लैक फंगस के साथ-साथ व्हाइट फंगस और यलो फंगस भी मिला है. गाजियाबाद के जिस अस्पताल में ये मामला सामने आया है, वहां व्हाइट फंगस के ही 7 केस सामने आ चुके हैं.
गाज़ियाबाद के संजय नगर निवासी एक शख्स में तीन तरह के फंगस पाए गए, अब वरिष्ठ ENT डॉक्टर उनकी जांच में जुटे हैं. गाजियाबाद के एक निजी अस्पताल में ब्लैक, व्हाइट फंगस के कुल 26 केस दर्ज किए गए हैं. हिस्टोपैथोलॉजी रिपोर्ट के आधार पर मरीजों में सफेद फंगस और एक मरीज में यलो फंगस की पुष्टि हुई है. हालांकि, फिलहाल स्वास्थ्य विभाग के किसी अधिकारी के द्वारा भी इसकी पुष्टि नहीं की गई है. बहरहाल, जिस तरह से फंगस के स्पेशलिस्ट के द्वारा यह घोषणा की गई है तो निश्चित तौर पर यह माना जा सकता है कि अब तीन तरीके का फंगस यहां लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है.
डॉक्टर का कहना है कि पहले ब्लैक फंगस के लक्षण मिले, अब व्हाइट फंगस के मरीजों के भी मिले हैं. इसकी शुरुआत में नाक से ही वायरस फेफड़ों में पहुंच जाता है, इसमें इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन फॉसकरिजॉन और एम्फोटरेसिन-बी भी अभी नहीं मिल रहे हैं.डॉक्टर के मुताबिक, अगर मरीज़ में ब्लैक-व्हाइट फंगस पाया जाता है तो इलाज में डबल हो जाता है. डॉक्टर ने जानकारी दी है कि यलो फंगस में सुस्ती, कम भूख लगना, वजन कम होना मुख्य लक्षण हैं. जैसे-जैसे यह आगे बढ़ता है आप पीले फंगस के अधिक गंभीर लक्षण, जैसे मवाद का रिसाव करना और संभवतः खुले घाव का धीमी गति से ठीक होना और सभी घावों की धीमी गति से भरना, कुपोषण और अंग विफलता जैसे लक्षण भी देख पाएंगे.
डॉक्टर का दावा है कि यलो फंगस एक घातक बीमारी है क्योंकि यह आंतरिक रूप से शुरू होता है और इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप किसी भी लक्षण को नोटिस करते ही चिकित्सा उपचार करें. यह दुर्भाग्य से कई मामलों में प्रबंधन करना बहुत मुश्किल बना देता है और इसमें केवल देरी हो सकती है. इसका एक मात्र इलाज इंजेक्शन Amphoteracin B है जो एक ब्रॉड स्पेक्ट्रम एंटीफ़ंगल है. डॉक्टर के मुताबिक, ऐसी बीमारी को रोकने के लिए आसपास सफाई रखना बेहद जरूरी है.