ग्राहक बनकर आए शातिर चोरों ने दिनदहाड़े ज्वेलरी शॉप से उड़ाए लाखों के जेवर, सीसीटीवी में कैद हुई करतूत बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन पटना पहुंचे, पिता की पुण्यतिथि में होंगे शामिल BIHAR POLITICS: श्रवण कुमार बने NDA के मुख्य सचेतक, विनोद नारायण झा बने उप मुख्य सचेतक, अधिसूचना जारी Bihar News: दो बाइक की टक्कर में युवक की मौत, तीन लोग गंभीर रूप से घायल Bihar News: बिहार में सड़क सुरक्षा एवं जाम से निजात के लिए ठोस पहल, परिवहन सचिव ने की अहम बैठक; दिए यह निर्देश Bihar News: बिहार में सड़क सुरक्षा एवं जाम से निजात के लिए ठोस पहल, परिवहन सचिव ने की अहम बैठक; दिए यह निर्देश 14223/14224 राजगीर-वाराणसी बुद्ध पूर्णिमा एक्सप्रेस का टर्मिनल बदलकर बनारस से 08 मार्च से परिचालन BPSC AEDO एग्जाम स्थगित: 10 से 16 जनवरी तक होने वाली परीक्षा टली, जल्द घोषित होगा नया डेट BPSC AEDO एग्जाम स्थगित: 10 से 16 जनवरी तक होने वाली परीक्षा टली, जल्द घोषित होगा नया डेट Patna News: पटना में ऑटो पकड़ने के लिए अब भटकने की जरूरत नहीं, नीतीश सरकार ने कर दी हाइटेक व्यवस्था
15-Jun-2022 09:10 AM
PATNA: स्वामी सहजानन्द ने जो जमींदारी का अभियान छेड़ा था वह देश भर में फैल गया है। बिहटा के श्री सीताराम आश्रम में स्वामी सहजानन्द सरस्वती शिक्षण और खेल केंद्र का उदघाटन किया गया। खास बात तो यह है कि इसका उद्घाटन तामिलनाडु के राज्यपाल रवींद्र नारायण रवि ने किया। खेल केंद्र के साथ -साथ स्वामी सहजानन्द सरस्वती से जुड़े पत्रों, तस्वीरों उनके उद्धरणों, सहजानन्द के बारे में लिखे गए महापुरुषों के विचारों पर आधारित म्युजियम का भी उदघाटन किया गया। उदघाटन के साथ ही म्युजियम को सार्वजनिक रूप से खोल दिया गया। इस मौके पर कर्नल डॉ ए. के सिंह ने चिंताहरण सोशल डेवलपमेंट ट्रस्ट द्वारा जीर्णोद्धार कार्यक्रम के शिलापट्ट का लोकार्पण भी किया गया।
सीताराम आश्रम ट्रस्ट के सचिव डॉ सत्यजीत सिंह ने कहा कि स्वामी सहजानन्द का व्यक्तित्व विकासमान रहा। उन्होंने सन्यासी के रूप के अपना जीवन शुरू किया और बाद में किसानों-मज़दूरों के लिए काम करना शुरू किया।
वहीं श्री सीताराम आश्रम के ट्रस्टी कैलाशचंद्र झा ने कहा कि स्वामी सहजानन्द का नाम अब हमारे प्रधानमंत्री भी ले रहे हैं। जब अकादमिक जगत में स्वामी के कार्यों की उपेक्षा की गई लेकिन उनपर का किया अमेरिका के वर्जीनिया विश्विद्यालय के वाल्टर हाउज़र ने किया। वाल्टर हाउज़र 1957 में भारत आये। उन्होंने काफी कोशिश की जिसु सीताराम आश्रम की सामग्रियों को संरक्षित किया जा सके। जब इसमें असफल रहे तो उन सामग्रियों को अमेरिका में ले गए। 2015 से इन सामग्रियों के लाने की प्रक्रिया शुरू हुई। 2017 में वाल्टर हाउज़र ने उन सामग्रियों को लौटा दिया। हमलोग दस्तावेज आये हैं उन सबका डिजिटाइजेशन करने का प्रयास किया जा सके।
इस मौके पर बिहटा, बिक्रम, नौबतपुर, पटना से बुद्धीजीवी और बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद थे। प्रमुख लोगों में जी.एन शर्मा, लवकुश कुमार, अजीत सिंह, उदय राज उदय, मुन्ना सिंह, उज्ज्वल कुमार, गोपाल शर्मा, आभा झा, विभा सिंह, रंजीत सिंह, संजीत सिंह, विनेश सिंह, निखिल कुमार, शिवम, कुमार वरुण, राकेश कुमुद, प्रमोद कुमार, धनन्जय, मुकेश कुमार, रंजन, सरोज, अविनाश, शत्रुघ्न, अनिल, खुशबू, सत्या शर्मा मौजूद रहें।