ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: BPSC से चय़नित परियोजना प्रबंधकों ने उद्योग मंत्री से की मुलाकात, नीतीश मिश्रा बोले- औद्योगिक विकास में सभी मजबूत स्तंभ की भूमिका निभाएंगे Crime News: 50 साल की महिला ने पति को दी सजा-ए-मौत, 23 साल के बॉयफ्रेंड के चक्कर में 6 टुकड़े कर ठिकाने लगा दिया Crime News: 50 साल की महिला ने पति को दी सजा-ए-मौत, 23 साल के बॉयफ्रेंड के चक्कर में 6 टुकड़े कर ठिकाने लगा दिया Bihar News: बिहार में फिल्म शूटिंग पर ग्रहण! 32 डीएम ने नहीं बताया स्पॉट; बड़ी लापरवाही उजागर Success Story: बिहार की ज्ञानी कुमारी को गूगल में मिली लाखों की जॉब, जानिए... कैसे मिली सफलता? Indian Army School: अपने बच्चों को बनाना चाहते हैं सेना में अफसर? इस स्कूल से बेहतर नहीं है कोई और विकल्प Bihar News: जांच रिपोर्ट के बाद वेतन की होगी वसूली...SP ने RTI से दी जानकारी, सिपाहियों के संघ के 'नेता' का फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट लगाकर फरार रहने का हुआ था खुलासा Indian Army School: NDA में सफलता का मंत्र है सैनिक स्कूल! जानिए कैसे होता है बच्चों का ट्रांसफॉर्मेशन Gandak River Bridge: बिहार से यूपी अब कुछ मिनटों में! 4000 करोड़ का पुल बदल देगा सफर की तस्वीर! Terrorist To President: कैसे मोस्ट वांटेड आतंकी बन गया एक देश का राष्ट्रपति, कभी सिर पर था 85 करोड़ का इनाम

बिहार के अस्पतालों में डॉक्टर-नर्स भले ही ना मिले, पांच भाषाओं के जानकार जरूर मिलेंगे: सरकार का नया फैसला जानिये

बिहार के अस्पतालों में डॉक्टर-नर्स भले ही ना मिले, पांच भाषाओं के जानकार जरूर मिलेंगे: सरकार का नया फैसला जानिये

11-Dec-2022 07:14 AM

PATNA : बिहार के सरकारी अस्पतालों में जितने डॉक्टरों का पद स्वीकृत हैं उनमें से लगभग 65 परसेंट पद खाली हैं. यानि अगर सरकारी अस्पतालों में 100 डॉक्टर होने चाहिये तो सिर्फ 35 डॉक्टर हैं. नर्स के कितने हजार पद खाली हैं इसका हिसाब सरकार के पास भी नहीं है. राज्य के ज्यादातर अस्पतालों में डॉक्टर और नर्स नहीं मिलेंगे लेकिन अब पांच भाषाओं के जानकार लोग मिल जायेंगे. सरकार ने सरकारी अस्पतालों के लिए पांच भाषाओं के जानकार लोगों की नियुक्ति का आदेश जारी किया है. 


स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने जिला अस्पताल यानि सदर अस्पतालों को निर्देश दिया है कि अस्पताल अपने स्तर पर स्थानीय भाषा के जानकारों की अपनी आवश्यकता के अनुसार नियुक्त करें. अस्पताल प्रबंधन को ऐसे कम से कम पांच-पांच जानकार लोगों को रखने को कहा गया है. भाषाओं के जानकार लोगों को अस्पतालों में तैयार किये गये मे-आइ-हेल्प यू डेस्क पर तैनात किया जायेगा. वे सारी भाषा को समझ कर काम करेंगे. 

बिहर के डिप्टी सीएम सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव द्वारा स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए शुरू किए गए मिशन 60 के तहत अब राज्य के सरकारी मेडिकल कालेज और अस्पतालों के साथ-साथ सदर अस्पतालों में भी मरीज और उनके परिजनों को स्थानीय भाषा में अस्पताल की सुविधाओं के संबंध में जानकारी देने की तैयारी शुरू हो गयी है. 


दरअसल बिहार सरकार ने सभी जिला अस्पतालों में हेल्प डेस्क बनाने का निर्देश दिया है. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव के पत्र में हेल्प डेस्क की व्यवस्था को प्रभावी बनाने का निर्देश दिया गया है. हेल्प डेस्क पर तैनात लोग अस्पतालों में आने वाले मरीजों और परिजनों की मदद करेंगे. सरकार ने कहा है कि अस्पताल के मे-आइ-हेल्प यू डेस्क पर तैनात लोगों को बिहार की स्थानीय भाषा की जानकारी होनी चाहिये. लिहाजा अब हेल्प डेस्क पर बिहार की पांच स्थानीय भाषा भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका और बज्जिका भाषाओं के जानकारों की तैनाती होगी. वे स्थानीय भाषा में मरीजों या उनके परिजनों से बात कर उनकी मदद करेंगे. हेल्प डेस्क अस्पताल में रजिस्ट्रेशन से लेकर डॉक्टर, जांच की सुविधा, दवा काउंटर आदि की जानकारी उपलब्ध करायेगा. 

सरकार ने कहा है कि अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के किसी भी प्रश्न का उत्तर उन्हीं की स्थानीय भाषा में दिया जाये. स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों के लिए नयी संचालन प्रक्रिया (SOP) बनाया है उसमें इसे शामिल किया गया है. सरकार कही रही है कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों को निजी अस्पताल जैसे सुविधा दी जायेगी.