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28-Feb-2023 06:37 PM
By First Bihar
PATNA: बिहार विधानसभा में आज राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के दौरान दिलचस्प वाकया हुआ। विधानसभा अध्यक्ष ने बहस में बोल रहे नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा को पहले रोका कि चूंकि शाम के पांच बजे तक ही विधानसभा की कार्यवाही का तय समय है इसलिए वे आज बोलना बंद कर दें। उन्हें कल भी बोलने का मौका दिया जायेगा। इसी दौरान विजय कुमार सिन्हा की बहस उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से हो गयी। बहस के बीच विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि वे कल तेजस्वी यादव की हजारों करोड़ों की संपत्ति का ब्योरा पेश करेंगे। आखिर में निर्देश आया-नेता प्रतिपक्ष को जो बोलना है आज ही बोलें क्योंकि उनके भाषण के लिए सदन का समय बढ़ा दिया गया है।
आगे का वाकया और दिलचस्प है. नेता प्रतिपक्ष समेत बीजेपी विधायकों ने कहा कि चूंकि विधानसभा अध्यक्ष ने पहले कह दिया था कि कल बोलना है इसलिए वे कल ही बोलेंगे. लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन का समय बढा दिया गया है और आज ही बोलना होगा. इसी बीच नेता प्रतिपक्ष समेत बीजेपी के सारे विधायक सदन से वाकआउट कर गये. उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने ये तलाशा कि सत्ता पक्ष की ओर से कौन बोलेगा. मंत्री श्रवण कुमार से पूछा गया-कोई नाम दीजिये जो अभी सदन में बोले. सत्ता पक्ष की ओर से मैसेज आया कि माले विधायक महबूब आलम बोलेंगे. महबूब आलम को बोलने का मौका देकर सदन की कार्यवाही जारी रखी गयी।
पूरा वाकया पढ़िये और समझिये
विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा हो रही थी. भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा सदन में बोल रहे थे. शाम के पांच बजने वाले थे कि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव से उनकी बहस हो गयी. विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मधेपुरा में मेडिकल कॉलेज अस्पताल की हालत से तेजस्वी यादव के मिशन 60 की पोल खुल गयी है।
तब तक शाम पांच बज गये थे. चूंकि विधानसभा की कार्यवाही शाम पांच बजे तक की चलनी थी इसलिए विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने सदन में बोल रहे विजय कुमार सिन्हा को रोका. विधानसभा अध्यक्ष- एक मिनट के लिए रूकिये, मैं आपको एक मिनट के लिए रोक रहा हूं. विजय सिन्हा अपनी सीट पर बैठ गये. इसी बीच तेजस्वी यादव बोलने के लिए उठे. आगे का पूरा वाकया शब्दशः पढिये.
तेजस्वी बोले-अध्यक्ष महोदय, जरा इनसे (विजय कुमार सिन्हा से) पूछा जाये कि मधेपुरा का मेडिकल कॉलेज अस्पताल की शुरूआत कब हुई थी और कौन मंत्री था. इनको जानकारी नहीं होगी कि 20-21 में शुरूआत की गयी थी. उस समय इन लोग तो ख्याल रखे नहीं अब इनकी गलतियों को हम लोग सुधार रहे हैं.
विधानसभा अध्यक्ष- “इनको (विजय कुमार सिन्हा को) नहीं जानकारी है तो ये जानकारी हासिल करें.
विधानसभा अध्यक्ष-“माननीय नेता विरोधी दल, आपको मैं एक मिनट के लिए इसलिए रोक रहा हूं कि आज सदन की अवधि पांच बजे तक ही है. अगर आप चाहें तो आपका वक्तव्य कल भी जारी रहेगा. आपके समय में कमी नहीं होगी. आप 45 मिनट बोल चुके हैं.”
विजय कुमार सिन्हा-“महोदय, 40 मिनट ही बोले हैं, क्योंकि टोका-टोकी हुई है. कल बोलेंगे.”
विजय कुमार सिन्हा ने अब तेजस्वी यादव को जवाब देना शुरू किया-“आप सरकार में हैं सुन लीजिये, अगर जो पूर्व के मंत्री...पूर्व की सरकार..कोई गड़बड़ी की है..कोई भ्रष्टाचार किया है..हिम्मत है तो उसकी जांच कराइये. पूरी ताकत के साथ कह रहे हैं और अगर जो जांच नहीं कराते हैं तो हमारे सारे मंत्री बेदाग हैं. सरकार को खुला चुनौती है…है हिम्मत..कराइये जांच.”
जवाब देने के लिए तेजस्वी यादव उठे-“अध्यक्ष महोदय, हम नेता प्रतिपक्ष को काफी देर से सुन रहे थे. जब नीतीश जी आपके साथ थे तो आपको हरिश्चंद्र नजर आते थे. आपके पास कौन सा नया टेक्नोलॉजी आ गया कि जिस दिन से हटे उस दिन से सरकार जो है भ्रष्टाचारी हो गयी.”
इस बीच भाजपा के विधायकों ने हंगामा खड़ा कर दिया. विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा विधायकों की ओर मुखातिब होकर बोलना शुरू किया-“अरे सुनिये न, सुन लीजिये, क्या कह रहे हैं. बैठिये, बैठिये, आप बैठिये.”
उधर सत्ता पक्ष के विधायक भी जवाब देने के लिए खडे हुए. विधानसभा अध्यक्ष उनकी ओर मुखातिब हुए-“माननीय सदस्य सत्ता पक्ष..आप भी अपना स्थान ग्रहण करें. माननीय विरोधी पक्ष, आप भी अपना स्थान ग्रहण करिये. उप मुख्यमंत्री जी क्या कहना चाहते हैं इसको आप सुनिये.”
डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव अपने स्थान पर बोलने के लिए खडे थे. विधानसभा अध्यक्ष ने उनसे कहा-एक मिनट रूक जाइये. विधानसभा अध्यक्ष की ओर से फिर नियमन आया-माननीय नेता, विरोधी दल..बेहतर होगा कि आप आज ही अपना भाषण पूरा कर लें. उस अवधि तक सदन की अवधि विस्तारित की जाती है.”
विजय कुमार सिन्हा-“अध्यक्ष महोदय, कल. आज नहीं...आसन ने जब निरपेक्ष भाव से जब कल की आपने घोषणा कर दी है तो कल होगा.”विधानसभा अध्यक्ष(नेता प्रतिपक्ष से)-“मैं कह रहा हूं कि अगर चाहें तो आज ही आप बोल लीजिये.”नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा-“हमारे कई विधायक जा चुके हैं, कल बोलेंगे.”विधानसभा अध्यक्ष-“माननीय उप मुख्यमंत्री जी, आप बोलिये.”
नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने आपत्ति जतायी. विधानसभा अध्यक्ष-“वे बोलने के लिए खड़े हुए थे. मैंने रूकवाया था. उनके बाद आप बोलिये न.” नेता प्रतिपक्ष-हम नहीं बोलेंगे. विधानसभा अध्यक्ष-क्यों नहीं, आपको समय दिया गया है. अध्यक्ष ने तेजस्वी यादव को बोलने की इजाजत दी- बोलिये. तेजस्वी यादव ने बोलना शुरू किया-अब हम खड़े हो गये हैं ये क्या बोलेंगे, कहां से बोलेंगे. अभी ये कह रहे थे चित्त भी मेरी पट भी मेरी. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा-नहीं, आप (तेजस्वी यादव) बहुत जानकारी मांग रहे थे, उनके पास जानकारी नहीं है. वे क्या करें, दिक्कत में हैं.
तेजस्वी यादव-अध्यक्ष महोदय, अभी नेता प्रतिपक्ष बोल रहे थे कि अगर पूर्व में कोई गड़बड़ी किया है, भ्रष्टाचार किया है..तो कार्रवाई कीजिये वर्ना पूर्व में जितने मंत्री थे वे निर्दोष हैं, सच्चे हैं. आपकी (भाजपा) भी तो सरकार आयी थी जब हम विपक्ष में थे. हमको किसलिए बोलकर आपलोगों ने बदनाम किया था. कौन सा घोटाला निकाला आपने बिहार सरकार में हमारे खिलाफ या हमारे किसी मंत्री के खिलाफ. यानि आप हमलोगों को निर्दोष मान रहे हैं. अरे बताइये न भाई. अरे बात बताओ, आप ही की बात के हिसाब से हम बात कर रहे हैं.
अध्यक्ष की अनुमति के बाद नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा बोलने के लिए उठे-अध्यक्ष महोदय, मैं कह रहा हूं महोदय कि इनके प्रश्नों का जवाब हम कल देंगे. और एक-एक प्रश्न का जवाब देंगे. आपके एक एक प्रश्न का जवाब देंगे. आज पांच बज चुके हैं.तेजस्वी यादव-लिखवा कर लाइयेगा. दिल्ली से...नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा-लिखवा कर नहीं, आप कल करिये. आप हजारों करोड़ों के मालिक कैसे बने. हजारों करोड़ों की संपत्ति का डाटा लेते आयेंगे और बता देंगे कि कैसे बनें. कल करेंगे.
इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी को बोलने के लिए कहा. विजय चौधरी-महोदय, अभी जो माननीय नेता प्रतिपक्ष औऱ उप मुख्यमंत्री जी के बीच बात चल रही थी. वो पुराने मंत्रियों के खिलाफ जांच चाह रहे थे. और उप मुख्यमंत्री कह रहे थे कि आपने कहां जांच करायी. हम तो उप मुख्यमंत्री जी औऱ सदन को बताना चाहते हैं कि वो जब कहते हैं कि पुराने मंत्रियों के खिलाफ जांच की जाये तो उनको पुराना हिसाब चुकाना है.
शोरगुल के बीच भाजपा विधायक सदन से बाहर जाने लगे. तभी विधानसभा अध्यक्ष की ओर से नियमन आया-माननीय सदस्यगण, सदन की कार्यवाही सदन की सहमति से विस्तारित हो चुका है. इसलिए नेता प्रतिपक्ष को अपनी बात कहन की इजाजत है, वे कहें.
भाजपा विधायकों ने आपत्ति जतायी. कल भाषण पूरा करने की घोषणा हो चुकी है. किसकी सहमति से कार्यवाही विस्तारित की जा रही है. विधानसभा अध्यक्ष-विस्तारित हो चुका है, सदन की सहमति है. इस बीच भाजपा विधायक सदन से बाहर निकल गये. विधानसभा अध्यक्ष-अब दूसरे को बुलवाया जाये. ऐ श्रवण जी, किसी और का नाम दीजिये, बुलवाया जाये. सत्ता पक्ष की ओऱ से नाम आया-महबूब आलम. विधानसभा अध्यक्ष की ओर से घोषणा हुई-माननीय सदस्य महबूब आलम, आपका राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलिये, चूंकि सदन विस्तारित हो चुका है.