ब्रेकिंग न्यूज़

पटना में नगर निगम की लापरवाही से खुला मेनहोल बना जानलेवा, नाले में गिरा बच्चा पहली उड़ान बनी आखिरी सफर, सऊदी नौकरी पर निकले युवक ने फ्लाइट में दम तोड़ा, विदेश में नौकरी का सपना रह गया अधूरा जमुई में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, जंगल से 24 सिलेंडर बम बरामद भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, महिला की मौत, 6 की हालत गंभीर Patna News: पटना एयरपोर्ट के लिए जारी हुआ नया आदेश, उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई बेगूसराय में टला बड़ा हादसा: चलती ट्रेन के इंजन में लगी आग, यात्रियों ने कूदकर बचायी अपनी जान गांधी सेतु पर ट्रक और पिलर के बीच फंसा बाइक सवार, ट्रैफिक पुलिस ने किया रेस्क्यू AI in election: AI की चालबाज़ी से उलझे बिहार के वोटर! फर्जी कॉल्स-Deepfake से फैला भ्रम, अब चुनाव आयोग कसेगा शिकंजा! प्यार के लिए लड़का बना लड़की, अब पति किन्नर से शादी की जिद पर अड़ा Bihar politics : तेजस्वी ने किया 'महिला संवाद' पर हमला, जदयू का पलटवार...क्या महिलाओं की तरक्की से डरते हैं नेता प्रतिपक्ष?

बेगूसराय के 50 मजदूर फंसे हैं केरल में, बिहार सरकार से लगायी मदद की गुहार

बेगूसराय के 50 मजदूर फंसे हैं केरल में, बिहार सरकार से लगायी मदद की गुहार

27-Mar-2020 09:50 PM

By Jitendra Kumar

BEGUSARAI : कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच किए गए लॉकडाउन में बेगूसराय के 50 से अधिक मजदूर केरल में फंस गए हैं। वहां इन लोगों के समक्ष खाने-पीने की भीषण समस्या हो गई है। परेशान मजदूरों ने सोशल मीडिया वीडियो जारी कर बिहार सरकार और जिला प्रशासन से वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की गुहार लगाई है।


सभी मजदूर नीतीश सरकार से विनती की कि हमलोगों की स्थिति बद से बदतर हो गई है ,जल्दी हमलोगों को यहां से  ले जाने का उपाय सरकार करे।मजदूरों में नावकोठी पंचायत के 28 मजदूर तथा रजाकपुर पंचायत के 22 मजदूर, बलिया प्रखंड के दो, तेघड़ा प्रखंड के एक एवं चेरिया बरियारपुर प्रखंड के सात मजदूर शामिल हैं‌। यह सभी केरल के त्रिशूर जिला के कोट्टानेल्लुर कांपलेक्स तथा इरमंगलम में फंसे हैं।


रजाकपुर के मो. तिजामुल, नावकोठी के मो. तनवीर आदि ने मोबाइल पर वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बताया है कि पिछले चार दिनों से कमरे में बंद हैं। स्थानीय पुलिस घर से निकलने नहीं दे रही है, स्थानीय प्रशासन का कोई सहयोग उन्हें नहीं मिल रहा है, खाने-पीने की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गयी है। इन लोगों के पास ना तो रूपये हैं और ना ही आसपास कोई ठिकाना, इन्हें अन्यत्र कहीं शिफ्ट भी नहीं किया गया है। सभी लोग किराए के एक कमरा में किसी तरह से कैदी बने हुए हैं। बाहर निकलने पर प्रतिबंध है, रात में अगर भोजन की तलाश में निकलते भी हैं तो स्थानीय पुलिस के दमन का शिकार हो जाते हैं। मजदूरों का कहना है कि 24 घंटे में कोई व्यवस्था नहीं होती है तो भूखमरी का संकट और गहरा जाएगा।