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28-Mar-2020 08:00 AM
By Jitendra Kumar
BEGUSARAI: बेटे की मौत के बाद पिता चाहकर भी अपने बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाए. 72 घंटे से शव सदर हॉस्पिटल में पड़ा था. जिसके बाद गांव के लोग आगे आए और युवक का अंतिम संस्कार कराया.
लॉकडाउन के कारण पिता और भाई दिल्ली में फंसे
दिल्ली में रहने के कारण उसके पिता और दोनों भाई ना तो अंतिम दर्शन कर सके और ना ही अंतिम संस्कार में शामिल हो सके. दोनों लॉकडाउन के कारण दिल्ली में फंसे हुए हैं. जिस युवक की मौत हुई उसकी मां की पहले ही मौत हो चुकी हैं. युवक 24 मार्च को वीरपुर थाना में प्रेम प्रसंग में हिरासत में लिए जाने के बाद थाना में सुसाइड कर लिया था.
चाहकर भी नहीं आ पाए
उसके दोनों भाई पिता के साथ ही दिल्ली में रहते हैं. पिता और भाई को मौत की जानकारी मिली. लेकिन दिल्ली से आने की कोई व्यवस्था नहीं रहने के लिए वह लोग सदर हॉस्पिटल में शव रिसीव करने नहीं आ सके. 72 घंटा बीत जाने के बाद शुक्रवार को जब शव के अंतिम संस्कार की सरकारी प्रक्रिया शुरू होती. इससे पहले वैश्य पोद्दार महासभा के महासचिव विश्वनाथ पोद्दार समेत अन्य लोगों ने विचार-विमर्श की किया तथा परिजनों से बात करने के बाद शव सदर हॉस्पिटल से लेकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया. जानकारी के अनुसार उक्त युवक जनवरी में गांव के ही एक लड़की को लेकर भाग गया था. लड़की के पिता द्वारा प्राथमिकी दर्ज करवाने के बाद प्रेमी युगल की खोजबीन की जा रही थी. प्रेमी युगल के दिल्ली में होने की जानकारी के बाद वहां पहुंची पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया और 24 मार्च को प्रेमी-प्रेमिका को लेकर वीरपुर आ गई थी. लड़की का बयान कोर्ट में करवाया गया. जबकि युवक को थाना के हाजत में रखने के बदले थाना के ही एक कमरा में रखा गया था. इसी दौरान 24 मार्च की शाम पुलिस वाले कमरे के कमरे से युवक की गले में गमछा का फंदा लगाकर झूलते पाया गया था.