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12-Feb-2023 08:38 AM
By First Bihar
PATNA : बिहार में बाढ़ से निजात देने के लिए अब पटना हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया। पटना उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने इस पर अपना निर्देश जारी किया है। कोर्ट ने सरकार से 13 मार्च को अद्यतन स्थिति कोर्ट में पेश करने की भी हिदायत दी है।
मिली जानकारी के अनुसार पटना हाईकोर्ट ने कोसी विकास प्राधिकरण के गठन के साथ ही समयबद्ध तरीके से उत्तर बिहार में बाढ़ की सदियों पुरानी समस्या के समाधान के उपायों और संसाधनों की पहचान करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक कोसी विकास प्राधिकरण में बिहार सरकार, भारत सरकार, नेपाल सरकार एवं अन्य हितधारकों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसको समयबाध तरीके से बाढ़ से संबंधित जटिल मुद्दों को हल करने के लिए काम करना होगा। कोर्ट ने कहा कि है कि बाढ़ से होने वाली तबाही के संकट को समाप्त करने के लिए सबको मिलकर काम करना होगा।
दरअसल, पिछले दिनों पटना हाईकोर्ट में इस संबंध में एक मामला दायर किया गया था। इस मामले में अपील करने वाले अरविंद कुमार ने राछह प्रमुख परियोजनाओं को लेकर कोर्ट का ध्यान आकृष्ट कराया गया था। जिसके बाद अब अब पटना उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने इस पर अपना निर्देश जारी किया। कोर्ट ने इन परियोजनाओं पर सरकार से 13 मार्च को अद्यतन स्थिति कोर्ट में पेश करने की भी हिदायत दी है।
आपको बताते चलें कि, बिहार में सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार, अररिया, मधुबनी, दरभंगा, खगड़िया, भागलपुर, किशनगंज का इलाका बाढ़ प्रवाभित इलाकों में जाना जाता है। वहीं परियोजनाओं की बात करें जिसको लेकर कोर्ट का ध्यान आकृष्ट कराया गया तो उसमें बहुउद्देशीय कोसी हाई डैम को लेकर 1991 में नेपाल सरकार से हुए समझौते, कोसी-मेची नदी जोड़ योजना, सनकोसी परियोजना, कमला-बागमती परियोजना, पाठक कमेटी की रिपोर्ट और सिल्ट की समस्या शामिल थी।