ब्रेकिंग न्यूज़

बेतिया में नहर में गिरकर 14 माह की मासूम बच्ची की मौत, गांव में शोक की लहर सहरसा में पशु तस्करी का खुलासा, पिकअप से दो मृत बछड़े बरामद जमीन की रजिस्ट्री पर ठंड का असर, 67 आवेदन में केवल 30 का हुआ निबंधन पटना में ठंड का कहर जारी: 2 जनवरी तक सभी स्कूल बंद, DM त्यागराजन ने जारी किये आदेश बिहार की इस लुटेरी दुल्हन से सावधान: शादी करने के बाद उसी रात लाखों का चूना लगाकर हो जाती है फरार, अब तक रचा चुकी है दर्जनों ब्याह जिनकी शादी नहीं हो रही थी वही बने शिकार, बिहार में लुटेरी दुल्हन गैंग बेनकाब गोपालगंज में चोरी कांड का खुलासा, हथियार और लाखों के गहनो के साथ दो शातिर चोर गिरफ्तार सहरसा सदर अस्पताल चोरी कांड का खुलासा: पुलिस छापेमारी में 6 चोर गिरफ्तार, एसी का आउटडोर यूनिट भी बरामद JP Ganga Path: दीघा से कोईलवर तक होगा जेपी गंगा पथ का विस्तार, 6495 करोड़ की लागत से बदल जाएगी सूरत; चेंज होगी पटना की कनेक्टिविटी JP Ganga Path: दीघा से कोईलवर तक होगा जेपी गंगा पथ का विस्तार, 6495 करोड़ की लागत से बदल जाएगी सूरत; चेंज होगी पटना की कनेक्टिविटी

आयुर्वेदिक कॉलेज के डॉक्टर्स पर एक्शन, 9 पीजी छात्रों को निष्कासित किया गया

आयुर्वेदिक कॉलेज के डॉक्टर्स पर एक्शन, 9 पीजी छात्रों को निष्कासित किया गया

02-Mar-2021 07:09 AM

PATNA : अनुशासनहीनता के आरोप में आयुर्वेदिक कॉलेज के 9 पीजी छात्रों को निष्कासित कर दिया गया है। 6 महीने के लिए इनका निष्कासन किया गया है और इस दौरान उन्हें जूनियर डॉक्टरों को दिए जाने वाला मानदेय भी नहीं मिलेगा। सोमवार को आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ दिनेश्वर प्रसाद ने निष्कासन का आदेश जारी कर दिया। 


आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ दिनेश्वर प्रसाद की तरफ से जो आदेश जारी किया गया है उसमें कहा गया है कि इन छात्रों ने कोरोना प्रोत्साहन राशि के लिए प्रदर्शन के दौरान शिक्षकों से अभद्रता की और कॉलेज में तालाबंदी की। निष्कासित किए गए छात्रों में अर्चना राय, धनंजय कुमार, रूपेश सिंह, संतोष राय, अजय कुमार, मुकेश कुमार, धर्मेंद्र प्रसाद, कुमार भास्कर और अभिजीत सावंत शामिल हैं। 


आपको याद दिलाते हैं कि कोरोना प्रोत्साहन राशि की मांग को लेकर पिछले दिनों आयुर्वेदिक कॉलेज के छात्रों ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान जमकर हंगामा भी हुआ था। अब इसी मामले में अनुशासनहीनता के आरोप में 9 पीजी छात्रों को 6 महीने के लिए निष्कासित कर दिया गया है। अब कॉलेज प्रशासन 6 महीने के बाद इनके व्यवहार की समीक्षा करेगा। अनुशासन समिति तय करेगी कि इन पीजी छात्रों को पुनः प्रवेश मिलेगा या नहीं। आयुर्वैदिक कॉलेज में अनुशासनहीनता के मामले में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।