Akshara Singh: एक्ट्रेस अक्षरा सिंह और उनके पिता के खिलाफ कोर्ट ने जारी किया समन, इस दिन अदालत में हाजिर होने का आदेश समाजसेवी अजय सिंह ने मदद के बढ़ाए हाथ, पुलिस और आर्मी भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं को सौंपा जंपिंग गद्दा Cancer causing food: रोज़मर्रा का ये खाना बन रहा है कैंसर मरीजों की मौत की वजह ,रिसर्च में खुलासा! Success Story: पुलिस ने मांगी रिश्वत तो लड़की ने शुरू कर दी UPSC की तैयारी, पहले IPS बनीं; फिर IAS बनकर पिता का सपना किया साकार JEE Main 2025: जेईई मेन में VVCP के छात्र-छात्राओं ने फिर लहराया परचम, जिले के टॉप थ्री पर कब्जा BIHAR NEWS: बिहार के गरीबों के लिए 2102 करोड़ रू की मंजूरी, जल्द ही खाते में जायेगी राशि, डिप्टी CM ने PM मोदी को कहा 'धन्यवाद' Chanakya Niti: दौलत, औरत और औलाद ...चाणक्य ने इन्हें क्यों बताया अनमोल? नीतीश कुमार को बड़ा झटका, जेडीयू के पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद आलम ने दिया इस्तीफा Namami Gange Yojana: बिहार के इस जिले को केंद्र सरकार की सौगात, नमामी गंगे और अटल मिशन के तहत मिलेगा साढ़े पांच सौ करोड़ का विकास पैकेज जनेऊ नहीं उतारा तो परीक्षा से किया बाहर, FIR के बाद बढ़ी सियासत
24-Aug-2021 06:32 PM
PATNA : डॉ. एनके लाल पटना के पुराने अस्पतालों में एक सहयोग के चिकित्सा निदेशक हैं। ये एक साथ चिकित्सा के तीन विधाओं में महारथ हासिल की है। इन्होेंने पीएमसीएच से एमबीबीएस और एमएस (जेनरल सर्जरी) किया। फिर एनेस्थिसिया में डिप्लोमा किया। एनेस्थिसिया में ही एमएस भी किया। डॉ. लाल एनेस्थिसिया में एमएस के अंतिम बैच के छात्र रहे हैं। उसके बाद इस कोर्स का नाम एमडी हो गया। दोहरा एमएस और डिप्लोमा करने के बाद इन्होंने अमेरिका और हांगकांग से चाइनीज चिकित्सा पद्धति एंक्यूपंक्चर का कोर्स किया। अभी यह तीनों पर काम कर रहे हैं। इनका लंबा कॅरियर रहा है। इन्होंने पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज (अब धनबाद में) में फिजियोलॉजी के विभागाध्यक्ष के रूप में सेवा दी। फिर पतरातू थर्मल पॉवर में अधीक्षक बन गए। फिर कुर्जी में मुख्य एनेस्थिस्ट के रूप में ज्वाइन किया। अंत में अपना चार बेड का क्लीनिक खोला जो अब 100 बेड का सहयोग अस्पताल बन चुका है। जो आज पटना के सबसे पुराने 100 बिस्तरों वाले मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल में से एक है। यह बिहार, असम, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के रोगियों को व्यापक चिकित्सा देखभाल प्रदान करता है। अस्पताल को सभी आपात स्थितियों सहित 30 से अधिक चिकित्सा, शल्य चिकित्सा और दंत चिकित्सा विशेषताओं में उच्च गुणवत्ता वाले इनपेशेंट और आउट पेशेंट चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। अस्पताल अच्छी तरह से सुसज्जित घर रेडियोलाॅजी, प्रयोगशाला विभागों और डायलिसिस इकाई द्वारा समर्थित है। हमने मेडिसिन और सर्जरी के क्षेत्र में उच्च प्रशिक्षित और अनुभवी सलाहकारों की एक टीम इकट्ठी की है।
प्रश्नः एक्यूपंक्चर चिकित्सा विधि क्या होता है?
उत्तरः एक्यूपंक्चर लैटीन शब्द है। इसमें नीडल को स्कीन में गड़ाया जाता है। इसमें इलेक्ट्रीक स्टीमुलेशन(उद्दीपनध्उत्तेजना) देते हैं। यह विधि दर्द में काफी राहत देता है। एक्यूपंक्चर देने से हार्मोन रिएक्शन होता है। इसमें गेट कंट्रोल थ्योरी का इस्तेमाल होता है। इसका इतिहास चीन से शुरू होता है। इसमें यीन और येंग संतुलित करके दर्द से राहत देता है। यीन स्त्री और येंग पुरुष को सूचक है। पुराने जमाने में नीडिल हाथ से चुभाते थे। आजकल मशीन से चुभाया जाता है। इसका अधिकतम इस्तेमाल आर्थराइटिस में केस में होता है।
प्रश्नः यह कितना सफल या कारगर है?
उत्तरः दर्द निवारण में यह 60 प्रतिशत तक सफल है
प्रश्नः किस तरह के रोगों में यह ज्यादा प्रभावशाली है?
उत्तरः घुटने का आर्थराइटिस, कोहनी का आर्थराइटिस, मांसपेशियों का दर्द, कमर का दर्द, सर्वाइकल दर्द, माइग्रेन, पैर का फेंटम लिंप, हाथ की झुनझुनी, नपुंशकता आद में यह काफी कारगर है।
प्रश्नः हड्डी का टीबी होने पर भी हड्डियों में दर्द होता है। यह इस विधि से टीबी से निजात मिल सकती है?
उत्तरः टीबी ठीक नहीं होगा। लेकिन दर्द कम हो जाएगा। कैंसर में भी यही बात है। दर्द कम करेगा। लेकिन ठीक नहीं करेगा।
प्रश्नः माइग्रेन में भी सिर में दर्द होता है। यह विधि कितना कारगर है?
उत्तरः 15 दिन सूई लगाई जाती है। फिर एक-एम्क माह बाद मरीज को बुलाया जाता है। दर्द कम हो जाता है। लेकिन बीमारी ठीक नहीं होता है।
प्रश्नः उम्र बढ़ने पर जोड़ों का दर्द आम है। क्या इसमें इलाज संभव है?
उत्तरः 40 से 60 प्रतिशत तक दर्द कम हो जाता है। पूर्णतः ठीक नहीं होता है।
प्रश्नः एक्युपंक्चर विधि से इलाज कराने में कितना खर्च आता है?
उत्तरः 10 से 15 दिन का कोर्स दो हजार रुपए खर्च आता है।
प्रश्नः कितना समय लगता है?
उत्तरः आधा घंटा।
प्रश्नः सहयोग अस्पताल के बारे में जरा बताएं? यह कौन-कौन विभाग क्रियाशील है?
उत्तरः जेनरल, न्यूरो सर्जरी, गेस्ट्रो, स्त्री एवं प्रसूती रोग और विभिन्न विभाग यहां क्रियाशील हैं।
प्रश्नः सहयोग अस्पताल में कितने डॉक्टर और कर्मी है?
उत्तरः 33 कंसल्टेंट डॉक्टर हैं। 16 पूर्ण कालिक डॉक्टर हैं। 125 से ज्यादा स्टॉफ हैं। यहां 100 बेड है।
प्रश्नः सहयोग हाॅस्पिटल क्यों?
उत्तरः एनएबीएच एल मान्यता प्राप्त, पटना में पारदर्शिता के साथ उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा देखभाल प्रदान करने का 30 साल का ट्रैक रिकाॅर्ड, आईएसओ 9001: 2015 मान्यता प्राप्त, स्वास्थ्य सेवा में विश्वसनीय नाम, एक छत के नीचे चिकित्सा, शल्य चिकित्सा और दंत चिकित्सा देखभाल, 24 घंटे आपातकालीन देखभाल, 24 घंटे आईसीयू केयर, घर में 24 घंटे डाॅक्टर कवरेज, 24 घंटे घर में समर्पित आईसीयू (क्रिटिकल केयर) चिकित्सक 1000 से अधिक वर्षों के संयुक्त अनुभव के साथ सभी क्षेत्रों में उच्च प्रशिक्षित और अनुभवी सलाहकार, हाउस प्रयोगशाला में 24 घंटे अत्याधुनिक मल्टीस्लाइस सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, डिजिटल एक्सरे और पोर्टेबल एक्सरे, 24 घंटे एम्बुलेंस सेवा, रोगियों और परिचाराकों के लिए कैफेटरिया, हवाई और रेल परिवहन के लिए गठजोड़, कैशलेस सेवाओं के लिए सीजीएचएस, ईएसआई, एफसीआई, बीएसएनएल, कई अन्य सार्वजनिक और अर्ध-सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों, केंद्र सरकार, राज्य सरकार, अर्ध-सरकारी कार्यालयों, एजेंसियों और कम से कम 40 तृतीय पक्ष प्रशासकों (टीपीए) के साथ पैनल में शामिल होना, सुविधाजनक क्रेडिट कार्ड, डेबीट कार्ड और स्वयं भुगतान करने वाले रोगियों के लिए नकद भुगतान स्वीकार किया जाता है।
प्रश्नः आपकी हॉबी क्या है?
उत्तरः टेबल टेनिस, बैडमिंटन और गोल्फ खेलना।