Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक्टिव हुआ पटना जिला प्रशासन, इस दिन से शुरू होगा हथियारों का वेरिफिकेशन Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक्टिव हुआ पटना जिला प्रशासन, इस दिन से शुरू होगा हथियारों का वेरिफिकेशन Viral Video: वायरल वीडियो कांड में BJP बड़ा एक्शन, पार्टी से निकाले गए बब्बन सिंह रघुवंशी; डांसर के साथ पार कर गए थे सारी हदें Viral Video: वायरल वीडियो कांड में BJP बड़ा एक्शन, पार्टी से निकाले गए बब्बन सिंह रघुवंशी; डांसर के साथ पार कर गए थे सारी हदें Life Style: ये तीन फूड्स खाए तो पड़ सकते हैं लेने के देने, शरीर के लिए हैं काफी खतरनाक; जानिए... DARBHANGA: राहुल गांधी पर 2 केस दर्ज, 20 नामजद कांग्रेस नेता और 100 अज्ञात के खिलाफ भी प्राथमिकी Bihar News: डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने की हाई लेबल मीटिंग, अधिकारियों को दिए यह निर्देश Bihar News: डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने की हाई लेबल मीटिंग, अधिकारियों को दिए यह निर्देश Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज, BLA प्रशिक्षण का तीसरा चरण सम्पन्न Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज, BLA प्रशिक्षण का तीसरा चरण सम्पन्न
09-Oct-2024 01:11 PM
By First Bihar
PATNA : बिहार के एक डीसीपी को बड़ी सजा मिली है। उन्हें 26 साल पुराने मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गयी है। पूर्णिया में थानेदार रहते एक फेक एनकाउंटर मामले में सजा का एलान हुआ। इस घटना के बाद पुलिस महकमे में हडकंप का माहौल है। हर किसी के जुबान पर इसी घटना का जिक्र देखने को मिल रहा है।
जानकारी के मुताबिक, सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने 26 साल पुराने पूर्णिया जिले के फर्जी एनकाउंटर मामले में पुलिस इंस्पेक्टर मुखलाल पासवान को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई। मुखलाल वर्तमान में दरभंगा स्पेशल ब्रांच में डीएसपी के पद पर तैनात हैं। अब कोर्ट का आदेश आने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इसके साथ ही उन पर तीन लाख एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इस मामले में एक अन्य पुलिसकर्मी अरविंद झा को भी अदालत ने 5 साल जेल की सजा सुनाते हुए 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इन दोनों दोनों को पिछले महीने ही कोर्ट ने दोषी करार दिया था।
बताया जा रहा है कि यह मामला साल 1998 का है। जब पूर्णिया जिले के बड़हरा थाने के तत्कालीन थानेदार मुखलाल पासवान ने बिहारीगंज थाना इलाके के एक गांव में छापेमारी के दौरान संतोष कुमार सिंह नाम के एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हालांकि, पुलिस टीम ने इसे एनकाउंटर बताते हुए हत्या के मामले को दबाने की कोशिश की।
उसके बाद में जब मामला सामने आया तो इसकी जांच नई दिल्ली सीबीआई की स्पेशल क्राइम ब्रांच को सौंपी गई। इसके बाद सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की। फिर आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की। इस कांड में दारोगा संजय कुमार और सिपाही रामप्रकाश ठाकुर को सबूतों के अभाव में कोर्ट ने बरी कर दिया।
इधर, सीबीआई स्पेशल क्राइम ब्रांच के विशेष लोक अभियोजक अमरेश कुमार तिवारी ने इस मामले में मुख्य आरोपी को कड़ी सजा देने का अनुरोध अदालत से किया था। सीबीआई ने इस मामले की सुनवाई के दौरान 45 गवाह पेश किए। गवाहों और अन्य सबूतों केआधार पर पटना की सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने बीते 27 सितंबर को मुखवाल पासवान और अरविंद झा, दोनों पुलिसकर्मियों को दोषी आईपीसी की धारा 193 के तहत दोषी करार दिया था।