पटना में नगर निगम की लापरवाही से खुला मेनहोल बना जानलेवा, नाले में गिरा बच्चा पहली उड़ान बनी आखिरी सफर, सऊदी नौकरी पर निकले युवक ने फ्लाइट में दम तोड़ा, विदेश में नौकरी का सपना रह गया अधूरा जमुई में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, जंगल से 24 सिलेंडर बम बरामद भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, महिला की मौत, 6 की हालत गंभीर Patna News: पटना एयरपोर्ट के लिए जारी हुआ नया आदेश, उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई बेगूसराय में टला बड़ा हादसा: चलती ट्रेन के इंजन में लगी आग, यात्रियों ने कूदकर बचायी अपनी जान गांधी सेतु पर ट्रक और पिलर के बीच फंसा बाइक सवार, ट्रैफिक पुलिस ने किया रेस्क्यू AI in election: AI की चालबाज़ी से उलझे बिहार के वोटर! फर्जी कॉल्स-Deepfake से फैला भ्रम, अब चुनाव आयोग कसेगा शिकंजा! प्यार के लिए लड़का बना लड़की, अब पति किन्नर से शादी की जिद पर अड़ा Bihar politics : तेजस्वी ने किया 'महिला संवाद' पर हमला, जदयू का पलटवार...क्या महिलाओं की तरक्की से डरते हैं नेता प्रतिपक्ष?
21-Jan-2020 04:47 PM
RANCHI: झारखंड के लोगों के लिए खुशखबरी है. लोगों को एक और दिन छुट्टी मिलेगी. 23 जनवरी को सार्वजनिक छुट्टी की घोषणा कर दी गई है. इसको लेकर सीएम हेमंत सोरेन ने घोषणा की है. इसकी जानकारी खुद उन्होंने दी है.
हेमंत ने किया ट्वीट
हेमंत सोरेन ने इसको लेकर ट्वीट किया कि ‘’23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का आदेश दिया है. झारखंड नेताजी सुभाष चंद्र बोस की कर्मभूमि भी रही है. भारत को आजादी दिलाने में उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है. हम सबों को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए. युवाओं को नेताजी के पद चिन्हों पर चलकर राज्य और देश सेवा में अपना योगदान करना चाहिए.''
झारखंड से जुड़ी कई यादें
बताया जाता है कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान क्रांतिकारियों का धनबाद आना-जाना लगा रहता था. उनमें से एक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस भी थे. जब गोमो से गुम होने के बाद नेताजी धनबाद के झरिया पहुंचे, तो अंग्रेज सिपाही उनका पीछा करते हुए यहां भी पहुंच गए. लेकिन यहां भी नेताजी ने अंग्रेजों को चकमा दे दिया और बचकर भाग निकले. इस घटना की याद में रेलवे स्टेशन का नाम ‘’भागा’’ रखा गया. बताया जाता है कि स्वतंत्रता संग्राम में मदद पहुंचाने वाले धनबाद के कई मजदूर नेता भी थे. देश में ट्रेड यूनियनों की शुरुआत भी झरिया में हुई थी. यह शुरूआत किसी ओर नहीं बल्कि सुभाष चंद्र बोस ने की थी.