बसपा प्रत्याशी चितरंजन कुमार को AIMIM ने दिया समर्थन, रोमांचक हुई वजीरगंज विधानसभा चुनाव Bihar Election 2025: चुनावी सभा में सम्राट चौधरी ने बताया ‘लालटेनिया’ का मतलब, लालू परिवार पर जमकर बरसे Bihar Election 2025: चुनावी सभा में सम्राट चौधरी ने बताया ‘लालटेनिया’ का मतलब, लालू परिवार पर जमकर बरसे Bihar Election 2025: बिहार के इस नक्सल प्रभावित इलाके में 73 साल बाद होगी वोटिंग, चुनाव को लेकर मतदाताओं में भारी उत्साह ब्रजेश ऑटोमोबाइल्स महिन्द्रा ने रचा नया कीर्तिमान, सितम्बर-अक्टूबर में 2035 वाहनों की डिलीवरी Bihar Election 2025: ‘लालू-नीतीश ने बिहार के बच्चों की पीठ पर मजदूरी का बोरा बांधा’, प्रशांत किशोर का बड़ा हमला Bihar Election 2025: ‘लालू-नीतीश ने बिहार के बच्चों की पीठ पर मजदूरी का बोरा बांधा’, प्रशांत किशोर का बड़ा हमला ISRO GSAT-7R Launch: ISRO ने नौसेना के लिए एडवांस्ड सैटेलाइट GSAT-7R को किया लॉन्च, अंतरिक्ष से समुद्री सीमा की होगी सख्त निगरानी ISRO GSAT-7R Launch: ISRO ने नौसेना के लिए एडवांस्ड सैटेलाइट GSAT-7R को किया लॉन्च, अंतरिक्ष से समुद्री सीमा की होगी सख्त निगरानी Pankaj Tripathi Mother Death: एक्टर पंकज त्रिपाठी की मां का निधन, हेमवती देवी ने 89 वर्ष की आयु में ली आखिरी सांस
21-Jan-2020 04:47 PM
RANCHI: झारखंड के लोगों के लिए खुशखबरी है. लोगों को एक और दिन छुट्टी मिलेगी. 23 जनवरी को सार्वजनिक छुट्टी की घोषणा कर दी गई है. इसको लेकर सीएम हेमंत सोरेन ने घोषणा की है. इसकी जानकारी खुद उन्होंने दी है.

हेमंत ने किया ट्वीट
हेमंत सोरेन ने इसको लेकर ट्वीट किया कि ‘’23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का आदेश दिया है. झारखंड नेताजी सुभाष चंद्र बोस की कर्मभूमि भी रही है. भारत को आजादी दिलाने में उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है. हम सबों को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए. युवाओं को नेताजी के पद चिन्हों पर चलकर राज्य और देश सेवा में अपना योगदान करना चाहिए.''

झारखंड से जुड़ी कई यादें
बताया जाता है कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान क्रांतिकारियों का धनबाद आना-जाना लगा रहता था. उनमें से एक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस भी थे. जब गोमो से गुम होने के बाद नेताजी धनबाद के झरिया पहुंचे, तो अंग्रेज सिपाही उनका पीछा करते हुए यहां भी पहुंच गए. लेकिन यहां भी नेताजी ने अंग्रेजों को चकमा दे दिया और बचकर भाग निकले. इस घटना की याद में रेलवे स्टेशन का नाम ‘’भागा’’ रखा गया. बताया जाता है कि स्वतंत्रता संग्राम में मदद पहुंचाने वाले धनबाद के कई मजदूर नेता भी थे. देश में ट्रेड यूनियनों की शुरुआत भी झरिया में हुई थी. यह शुरूआत किसी ओर नहीं बल्कि सुभाष चंद्र बोस ने की थी.