Dularchand murder case : आधी रात CJM कोर्ट में पेश हुए बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह, जेल भेजने की शुरू हुई तैयारी Anant Singh arrest: मुश्किलों में फंसे मोकामा के 'छोटे सरकार' अनंत सिंह, दुलारचंद यादव की हत्या के समय खुद थे मौजूद दुलारचंद हत्या के मामले में पुलिस ने अनंत सिंह समेत तीन लोगों को किया अरेस्ट, SSP ने कहा - घटना के वक्त खुद मौजूद थे JDU कैंडिडेट Anant Singh arrest : अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद पटना ssp ने बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस! कुछ देर में हो जाएगी आधिकारिक पुष्टि ; क्या होगा मोकामा सीट पर असर बड़ी खबर : दुलारचंद हत्याकांड मामले में पुलिस ने अनंत सिंह को किया अरेस्ट ! दो गाड़ियों से साथ लेकर रवाना हुए सीनियर अधिकारी ! इलाके में चर्चा हुई तेज शिक्षा और शोध में नई दिशा: पटना ISM के चेयरमैन के जन्मदिन पर IJEAM का प्रथम अंक जारी Bihar Crime News: बिहार में इलाज के दौरान महिला की मौत पर हंगामा, अस्पताल छोड़कर भागे डॉक्टर और हेल्थ स्टाफ Bihar Crime News: चुनावी तैयारियों के बीच बिहार में चाकूबाजी की घटना, नाबालिग लड़के की हत्या से हड़कंप Mahila Rojgar Yojana: अब तक 1.51 करोड़ महिलाओं को मिला 10-10 हजार, लाभ मिलने तक जारी रहेगी योजना...आवेदन की कोई अंतिम तिथि नहीं Mahila Rojgar Yojana: अब तक 1.51 करोड़ महिलाओं को मिला 10-10 हजार, लाभ मिलने तक जारी रहेगी योजना...आवेदन की कोई अंतिम तिथि नहीं
14-May-2025 03:29 PM
By First Bihar
Punganur cow: भारत की देसी नस्लों में पुंगनूर गाय को सबसे छोटी गाय माना जाता है, जिसकी ऊंचाई मात्र 1 से 2 फीट तक होती है। यह गाय एक दिन में लगभग 3 से 5 लीटर दूध देती है, जिसमें 8% तक वसा पाया जाता है, जो कि सामान्य गायों की तुलना में कहीं अधिक है। इसके दूध में औषधीय गुण होते हैं, जिसे आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से बेहद लाभकारी माना जाता है।
पुंगनूर गाय मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले की नस्ल है, लेकिन अब यह कई राज्यों जैसे दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी लोकप्रिय होती जा रही है। इसकी कीमत 1 लाख से लेकर 25 लाख रुपये तक हो सकती है, जो इसके आकार, दूध उत्पादन क्षमता और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।
बता दे कि इस नस्ल की देखभाल बेहद आसान है। यह कम चारा खाती है और कम जगह में आसानी से पाली जा सकती है, जिससे यह शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों के लिए उपयुक्त बनती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऋषि-मुनि भी इस गाय को पालते थे। पुंगनूर गाय को बिलुप्त होने से बचाने के लिए कई संस्थाएं और गौशालाएं प्रयास कर रही हैं।