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24-Apr-2025 07:29 AM
By First Bihar
Modi action on Pakistan: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए पांच बड़े फैसले लिए गए। ये फैसले न केवल कूटनीतिक हैं बल्कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था, कृषि और ऊर्जा क्षेत्र को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
ये हैं सरकार के पांच बड़े फैसले:
सिंधु जल संधि निलंबित
1960 में हुई सिंधु जल संधि को भारत ने एकतरफा रूप से निलंबित कर दिया है। इस संधि के तहत रावी, ब्यास और सतलुज भारत को तथा सिंधु, झेलम और चिनाब का जल पाकिस्तान को मिलता था। अब इन नदियों का जल रोकने से पाकिस्तान की 80% खेती और जलविद्युत उत्पादन पर गंभीर असर पड़ेगा।
अटारी चेक पोस्ट बंद
भारत-पाक के बीच सीमित व्यापार और आवाजाही का मुख्य द्वार अटारी बॉर्डर अब बंद कर दिया गया है। इससे पाकिस्तान के छोटे व्यापारियों को भारी आर्थिक नुकसान होगा।
SAARC वीजा योजना से बाहर
अब पाकिस्तान के नागरिक SAARC वीजा योजना के तहत भारत नहीं आ सकेंगे। इससे दोनों देशों के सामाजिक और पारिवारिक संबंधों पर भी असर पड़ेगा।
पाकिस्तानी उच्चायोग से सैन्य सलाहकार निष्कासित
नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास में तैनात रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। भारत ने अपने उच्चायोग से भी सलाहकारों को वापस बुला लिया है।
हर पाकिस्तानी नागरिक की निगरानी और निष्कासन की तैयारी
भारत सरकार अब पाकिस्तान से आए हर व्यक्ति की समीक्षा कर रही है और धीरे-धीरे उन्हें देश से बाहर भेजने की योजना बना रही है।
फैसलों के मायने क्या है |
इन फैसलों से स्पष्ट है कि भारत अब आतंकवाद को केवल निंदा तक सीमित नहीं रखेगा, बल्कि ठोस आर्थिक, कूटनीतिक और जल प्रबंधन के जरिए पाकिस्तान पर दबाव बनाएगा। जल संधि का निलंबन पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा झटका है, क्योंकि उसकी अर्थव्यवस्था और खाद्य सुरक्षा इसी पर निर्भर है। इन कदमों से भारत ने यह संकेत दे दिया है कि अब वह अपने राष्ट्रीय हितों के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करेगा।