Bihar Crime News: सनकी पति ने रॉड से पीट-पीटकर ले ली पत्नी की जान, हत्या करने के बाद खुद पहुंचा थाने Bihar Crime News: सनकी पति ने रॉड से पीट-पीटकर ले ली पत्नी की जान, हत्या करने के बाद खुद पहुंचा थाने Life Style: पोषक तत्वों से भरपूर है यह सुपरफूड, डाइट में शामिल करने पर होंगे ये फायदे Municipal by-election in Bihar: बिहार में नगर निकाय उपचुनाव की तारीखों का एलान, जानिए.. कब होगी वोटिंग और काउंटिंग? Municipal by-election in Bihar: बिहार में नगर निकाय उपचुनाव की तारीखों का एलान, जानिए.. कब होगी वोटिंग और काउंटिंग? तेजप्रताप यादव इस लड़की के साथ 12 सालों से रिलेशनशिप में रह रहे, लालू के लाल ने खुद किया खुलासा, शादी के बंधन में बंधेंगे ? Motivation: प्रेमानंद जी ने दिए सक्सेस होने के टिप्स, बताया कैसे मिलेगी सरकारी नौकरी? जानें... Motivation: प्रेमानंद जी ने दिए सक्सेस होने के टिप्स, बताया कैसे मिलेगी सरकारी नौकरी? जानें... BEGUSARAI: 10 हजार का ईनामी कुख्यात अपराधी अवधेश सहनी गिरफ्तार, लंबे समय से पुलिस को थी तलाश IPS Sudhir Chaudhary: कौन हैं IPS सुधीर चौधरी? जिन्हें सेना ने किया सम्मानित, ऑपरेशन सिंदूर से है कनेक्शन
24-May-2025 10:49 AM
By First Bihar
Anshul Mishra Contempt Case: मद्रास हाईकोर्ट ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अंशुल मिश्रा को अदालत की अवमानना का दोषी करार देते हुए हुए एक महीने की साधारण कारावास की सजा सुनाई है।यह सजा चेन्नई मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (CMDA) के पूर्व सदस्य सचिव के रूप में कोर्ट आदेश की अनदेखी करने के चलते दी गई। साथ ही कोर्ट ने उनके वेतन से याचिकाकर्ताओं को ₹25,000 का मुआवज़ा देने का निर्देश भी दिया है। कोर्ट ने हालांकि 30 दिनों की राहत दी है ताकि अधिकारी इस सजा के खिलाफ अपील कर सकें।
1983 से लंबित मामला, जमीन अधिग्रहण से जुड़ा विवाद
यह मामला वर्ष 1983 का है, जब तमिलनाडु हाउसिंग बोर्ड (TNHB) ने चेन्नई में याचिकाकर्ता भाई-बहन आर. ललितांबाई और के.एस. विश्वनाथन की 17 सेंट (करीब 7400 वर्ग फुट) जमीन अधिग्रहित की थी। इस जमीन पर बहुमंजिला इमारतें तो बनाईं गईं, लेकिन उनका वर्षों तक उपयोग नहीं किया गया। पीड़ितों ने जमीन वापसी के लिए CMDA से संपर्क किया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। नवंबर 2023 में हाईकोर्ट ने CMDA को दो महीने के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया था, जिसकी अनदेखी की गई। परिणामस्वरूप, अगस्त 2024 में याचिकाकर्ताओं ने अदालत में अवमानना याचिका दाखिल की।
न्यायमूर्ति वेलमुरुगन की सख्त टिप्पणी
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पी. वेलमुरुगन ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि गरीब और पीड़ित लोगों को न्याय के लिए सरकारी कार्यालयों और अदालतों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। और जब अदालत आदेश देती है, तब भी अधिकारी आदेशों की अनदेखी करते हैं। यह न्यायपालिका और जनता दोनों के साथ अन्याय है। उन्होंने आगे कहा कि अधिकारियों द्वारा अदालत के आदेशों की अनदेखी एक आम प्रवृत्ति बनती जा रही है, जो न्याय प्रणाली में आमजन के विश्वास को कमजोर करती है। वर्तमान में अंशुल मिश्रा तमिलनाडु अर्बन हैबिटेट डेवलपमेंट बोर्ड (TNUHDB) के प्रबंध निदेशक के पद पर फरवरी 2025 से कार्यरत हैं। इससे पूर्व वे CMDA के सदस्य सचिव के पद पर थे, जब यह मामला उनके समक्ष लंबित था।