Bihar News: अब बिहार सरकार नहीं बनाएगी नेशनल हाईवे, निर्माण और मरम्मत का जिम्मा NHAI के हवाले Bihar News: बिहार-झारखंड के इन शहरों के बीच फिर होगा स्पेशल ट्रेन का परिचालन, यात्रियों के लिए बड़ी राहत Bihar News: पटना में युवक की आत्महत्या से मची सनसनी, जांच में जुटी पुलिस Bihar News: बिहार के 24 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी, बाढ़ का संकट और भी गहराया.. सहरसा में रुई के गोदाम में लगी भीषण आग, दमकल की 4 गाड़ियों ने पाया काबू अरवल में इनोवा कार से 481 लीटर अंग्रेज़ी शराब बरामद, पटना का तस्कर गिरफ्तार Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: बिहार में पेशी के दौरान कोर्ट कैंपस से कैदी फरार, पुलिस ने घर से दबोचा Bihar Crime News: बिहार में पेशी के दौरान कोर्ट कैंपस से कैदी फरार, पुलिस ने घर से दबोचा
24-Apr-2025 11:58 AM
By First Bihar
Indus Waters Treaty: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया है।
इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) की आपात बैठक में यह बड़ा फैसला लिया गया। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू होगा और तब तक जारी रहेगा जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन विश्वसनीय रूप से बंद नहीं करता।
पाकिस्तान को मोदी सरकार ने दिया तगड़ा झटका
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा, “भारत तब तक इस संधि के तहत कोई जानकारी साझा नहीं करेगा और न ही किसी बैठक में भाग लेगा, जब तक पाकिस्तान विश्वसनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता।”
क्या है सिंधु जल समझौता?
सिंधु जल समझौता (Indus Waters Treaty) भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हुआ एक ऐतिहासिक जल बंटवारा समझौता है। इसे भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने विश्व बैंक की मध्यस्थता में इसे साइन किया था।
इस समझौते के अंतर्गत:
पश्चिमी नदियों – सिंधु, झेलम और चेनाब का जल अधिकार पाकिस्तान को मिला था।
पूर्वी नदियों – रावी, ब्यास और सतलुज का जल अधिकार भारत को मिला।
हालांकि, भारत को पश्चिमी नदियों का सीमित उपयोग जैसे सिंचाई, घरेलू उपयोग और बिना रोक-थाम बिजली उत्पादन की अनुमति थी।
भारत के फैसले का पाकिस्तान पर प्रभाव
भारत के इस ऐतिहासिक फैसले से पाकिस्तान पर कई स्तरों पर प्रभाव पड़ सकता है:
कृषि पर संकट: पाकिस्तान की 80% कृषि सिंधु जल प्रणाली पर निर्भर है। जल आपूर्ति में रुकावट से खाद्यान्न उत्पादन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर भारी असर पड़ेगा|
बिजली उत्पादन बाधित: सिंधु और उसकी सहायक नदियों पर पाकिस्तान के कई हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट जैसे तरबेला और मंगला डैम निर्भर हैं। जल आपूर्ति बाधित होने से बिजली संकट बढ़ सकता है।
शहरी जल संकट: लाहौर, कराची और मुल्तान जैसे शहरों की जल आपूर्ति पर असर पड़ेगा, जिससे सामाजिक असंतोष भी बढ़ सकता है।
खाद्य सुरक्षा को खतरा: पानी की कमी से फसल उत्पादन घटेगा और पाकिस्तान को खाद्यान्न संकट का सामना करना पड़ सकता है।
हालाँकि पाकिस्तान सरकार ने भारत के इस फैसले पर आपत्ति जताई है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के नेता और पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि भारत का यह कदम अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
1947 के बंटवारे के बाद पंजाब और सिंधु नदी प्रणाली का भी बंटवारा हुआ। पानी के प्रवाह को बनाए रखने के लिए दोनों देशों के सरकार के बीच एक अंतरिम समझौता हुआ, लेकिन भारत ने 1 अप्रैल 1948 को पानी रोक दिया था जिससे पाकिस्तान की सिंचाई व्यवस्था प्रभावित हुई। इसके बाद वर्षों की बातचीत के बाद 1960 में समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे।
प्रधानमंत्री के कड़े फैसले के बाद पाकिस्तान में कूटनीतिक, आर्थिक और सामाजिक संकट यानि अब हाहाकार के तौर पर देखा जा रहा है। यह निर्णय भारत की आतंकवाद के खिलाफ 'ज़ीरो टॉलरेंस' नीति को दर्शाता है।