राजद नेता रामबाबू सिंह का बड़हरा में जनसंपर्क अभियान, माई-बहिन योजना को घर-घर पहुँचाने का आह्वान बेतिया में दहेज के लिए विवाहिता की गला दबाकर हत्या, ससुरालवालों पर हत्या का आरोप PURNEA: स्वाभिमान सभा में बोलीं नूतन गुप्ता, नीतीश-मोदी की जोड़ी ने बदली बिहार की तस्वीर जहानाबाद में शुरू हुआ 'माई-बहिन मान योजना' का प्रचार, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी Bihar Crime News: आर्म्स स्मगलर निकला बिहार का यह JDU नेता, हथियार तस्करी के बड़े गिरोह का है सरगना Bihar Crime News: आर्म्स स्मगलर निकला बिहार का यह JDU नेता, हथियार तस्करी के बड़े गिरोह का है सरगना Bihar Politics: CAG की रिपोर्ट पर बिहार में सियासी घमासान, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने तेजस्वी यादव को लपेटा Bihar Politics: CAG की रिपोर्ट पर बिहार में सियासी घमासान, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने तेजस्वी यादव को लपेटा बिहार में शराबबंदी के बीच 994 लीटर विदेशी शराब बरामद, ट्रक के तहखाने से मिली 115 पेटी, दो तस्कर गिरफ्तार Jharkhand News: कमोड में फन फैलाए बैठा था जहरीला कोबरा, दरवाजा खोलते ही मच गई चीख-पुकार
26-Apr-2025 06:53 PM
By FIRST BIHAR
Advisory For Media: पहलगाम हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। भारत सरकार की तरफ से पाकिस्तान के खिलाफ लगातार सख्त फैसले लिए जा रहे हैं। इसी बीच केंद्र सरकार ने मीडिया के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है और कई अहम निर्देश दिए हैं। ऐसे में एक बार फिर से यह सवाल लोगों के मन में है कि क्या कुछ बड़ा होने वाला है?
दरअसल, पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे। इस स्थिति को देखते हुए, सरकार ने मीडिया संस्थानों से डिफेंस ऑपरेशंस और सुरक्षा बलों की आवाजाही की लाइव कवरेज से बचने की अपील की है।
सरकार का तर्क है कि इस प्रकार की रिपोर्टिंग से अनजाने में शत्रुतापूर्ण तत्वों को मदद मिल सकती है। यह एडवाइजरी विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद रक्षा मामलों पर रिपोर्टिंग को ध्यान में रखते हुए जारी की गई है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी इस सलाह में कहा गया है, “राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, सभी मीडिया प्लेटफॉर्म, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया यूजर्स को सलाह दी जाती है कि वे रक्षा और अन्य सुरक्षा-संबंधी अभियानों पर रिपोर्टिंग करते समय अत्यधिक जिम्मेदारी बरतें और सभी प्रासंगिक कानूनों व नियमों का सख्ती से पालन करें।” सलाह में विशेष रूप से यह कहा गया है कि, “रक्षा अभियानों से जुड़ी कोई भी रियल-टाइम कवरेज, दृश्यों का प्रसारण या सोर्स-आधारित जानकारी पर आधारित रिपोर्टिंग नहीं की जानी चाहिए।”
सरकार ने यह भी चेताया कि संवेदनशील जानकारी का समय से पहले खुलासा न केवल सुरक्षा बलों की कार्यवाही को प्रभावित कर सकता है, बल्कि उनके जीवन को भी खतरे में डाल सकता है। अंत में, सलाह में कारगिल युद्ध, 2008 के मुंबई हमले और कंधार अपहरण जैसी घटनाओं का हवाला देते हुए बताया गया है कि किस तरह ऐसी कवरेज ने पहले राष्ट्रीय हितों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला था।