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16-Nov-2025 12:40 PM
By First Bihar
Rohini Acharya Allegation : बिहार चुनाव 2025 के नतीजों के बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में आंतरिक हलचल थमने का नाम नहीं ले रही है। पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार में मचा विवाद अब और तीखा होता दिख रहा है। लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य पिछले दो दिनों से लगातार सोशल मीडिया पर अपने दर्द और नाराज़गी को बेहद मुखर अंदाज में साझा कर रही हैं। कभी पिता की ढाल बनकर खड़ी रहने वाली और परिवार की वफादार मानी जाने वाली रोहिणी ने अब ऐसे आरोप लगाए हैं, जिनसे न सिर्फ परिवार की अंदरूनी कलह उजागर हो गई है, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मच गई है।
परिवार से नाता तोड़ने का ऐलान और फिर नए आरोप
15 नवंबर को रोहिणी आचार्य ने अचानक सोशल मीडिया पर पोस्ट कर यह घोषणा कर दी थी कि उन्होंने अपने परिवार से नाता तोड़ लिया है। यह ऐलान सभी के लिए चौंकाने वाला था। लेकिन मामला यहीं शांत नहीं हुआ। अगले ही दिन उन्होंने एक और विस्तृत पोस्ट कर अपने ऊपर हुए व्यवहार, मानसिक प्रताड़ना और अपमान की विस्तृत कहानी दुनिया के सामने रख दी। सबसे गंभीर आरोप उन्होंने संजय यादव और रमीज पर लगाया, जो RJD की राजनीति और संगठन से जुड़े माने जाते हैं। रोहिणी ने अपने पोस्ट में लिखा कि इन दोनों ने उन्हें “गंदी गालियां दीं” और यहाँ तक कि “मारने के लिए चप्पल तक उठा लिया।” रोहिणी के मुताबिक, इस पूरे घटनाक्रम के दौरान उन्हें इतनी मानसिक प्रताड़ना हुई कि वे रोती हुई मायके का घर छोड़कर चली आईं।
किडनी दान को लेकर बेहद पीड़ादायक टिप्पणी का आरोप
रोहिणी आचार्य ने अपने पोस्ट में दावा किया कि उनके पिता लालू प्रसाद यादव के लिए की गई उनकी सबसे बड़ी कुर्बानी—किडनी दान—को लेकर भी उनके खिलाफ बेहद अपमानजनक बातें कही गईं। उन्होंने लिखा कि उन्हें गालियां देते हुए कहा गया कि—“मैं गंदी हूँ और मैंने अपने पिता को गंदी किडनी लगवा दी… करोड़ों रुपए लिए, टिकट लिया तब किडनी दी…” रोहिणी ने इस बात पर गहरा दुख व्यक्त किया कि जिसे उन्होंने अपना सबसे बड़ा धर्म, सबसे बड़ा कर्तव्य समझकर किया था, आज उसी को उनके ऊपर हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने आगे लिखा कि उन्हें यह भी कहा गया कि—“जब किसी भी लड़की के मायके में बेटा या भाई हो, तो वे अपने पिता की जान बचाने के लिए कभी आगे न आएं, बल्कि अपने भाई से या उसके दोस्तों से कहें कि वह किडनी दे दे।”
रोहिणी ने इसे बेहद “अमानवीय” और “पीड़ा देने वाली” सोच बताया। “मैंने अपने पिता के लिए सबकुछ छोड़ दिया, आज वही गलती बता दी गई” अपने दर्द को बयान करते हुए रोहिणी ने लिखा कि उन्होंने अपने पिता को बचाने के लिए अपने बच्चों, पति और ससुराल की अनुमति तक नहीं ली। केवल एक बेटी होने के नाते अपने “भगवान समान पिता” के लिए किडनी देने का निर्णय लिया।
उनके शब्दों में—“आज उसी त्याग को गंदा कहा जा रहा है... मेरी जैसी गलती कोई बेटी न करे… किसी भी घर में रोहिणी जैसी बेटी पैदा न हो।” उनकी इस बात से साफ झलकता है कि अंदरूनी विवाद अब बेहद निजी और भावनात्मक स्तर तक पहुँच चुका है।
2022 में किडनी दान से आई थीं सुर्खियों में
गौरतलब है कि रोहिणी आचार्य 2022 में तब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आई थीं, जब उन्होंने अपने पिता लालू प्रसाद यादव को अपना किडनी दान कर उनकी जान बचाई थी। पूरा देश उस समय उनके साहस और त्याग की सराहना कर रहा था। तमाम राजनीतिक मतभेदों के बावजूद सभी दलों के नेताओं ने रोहिणी की इस पहल की प्रशंसा की थी।
राजनीति में सक्रियता और हालिया परिदृश्य
रोहिणी आचार्य ने 2024 में सारण लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद वे प्रत्यक्ष राजनीति में भले उतनी सक्रिय न रही हों, लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से वे हमेशा RJD और अपने पिता की मुखर समर्थक रहीं। बिहार चुनाव 2025 में RJD की करारी हार के बाद पार्टी के भीतर रणनीति, नेतृत्व और संगठन को लेकर सवाल उठने लगे। इसी दौरान परिवार के भीतर भी तनाव बढ़ा और वही तनाव अब सार्वजनिक तौर पर सामने आ चुका है।
परिवार और पार्टी पर बड़ा सवाल
रोहिणी आचार्य द्वारा लगाए गए आरोपों ने RJD परिवार और पार्टी दोनों के लिए स्थिति बेहद जटिल कर दी है। ऐसे आरोप, जिसमें गाली-गलौज से लेकर शारीरिक हमले की कोशिश तक शामिल हो, किसी भी राजनीतिक परिवार के लिए बेहद गंभीर माने जाते हैं। इस घटनाक्रम के बाद पार्टी अभी तक आधिकारिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं दे पाई है, लेकिन राजनीतिक हलकों में यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि RJD के भीतर मतभेद अब नियंत्रण से बाहर होते जा रहे हैं।
रोहिणी के इस खुलासे और नाता तोड़ने के ऐलान के बाद अब पूरा घटनाक्रम गंभीर रूप से राजनीतिक रूप ले सकता है। क्या परिवार के लोग स्थिति संभालने की कोशिश करेंगे? क्या RJD नेतृत्व इन आरोपों पर कोई सफाई देगा? या फिर लालू परिवार में यह ‘भूचाल’ आगे और व्यापक होगा? इन सभी सवालों के जवाब आने वाले समय में मिलेंगे, लेकिन इतना तय है कि लालू परिवार की यह अंदरूनी कलह बिहार की राजनीति को आने वाले दिनों में और अधिक प्रभावित करेगी।