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15-Nov-2025 12:23 PM
By First Bihar
Patna News: पटना में पिछले एक सप्ताह से वायरल संक्रमण तेजी से फैल रहा है और इसका असर अस्पतालों में देखने को मिल रहा है। सरकारी और निजी अस्पतालों के OPD में फ्लू जैसे लक्षणों वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। चिकित्सकों के अनुसार, पिछले सप्ताह की तुलना में मरीजों में 30–35 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। मौसम में तेजी से बदलाव, प्रदूषण और हवा में नमी की कमी ने संक्रमण के फैलाव के लिए अनुकूल माहौल बना दिया है।
पटना के प्रमुख अस्पताल जैसे IGIMS, PMCH, NMCH, न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल, गर्दनीबाग अस्पताल और राजेंद्र नगर सामुदायिक केंद्र में मरीजों की भारी भीड़ है। मरीज मुख्यतः खांसी, तेज बुखार, गले में खराश, नाक बहना, सिरदर्द और सांस लेने में परेशानी की शिकायत लेकर आ रहे हैं। IGIMS के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. मनीष मंडल के मुताबिक पल्मोनरी और ईएनटी विभाग में मरीज सबसे ज्यादा पहुंच रहे हैं। ज्यादातर मामले वायरल संक्रमण के हैं, जिनमें किसी खास दवा की जरूरत नहीं पड़ती और सामान्यत: दो-तीन दिनों में मरीज ठीक हो जाते हैं।
पटना की हवा इन दिनों दूषित है और तापमान में 10–12 डिग्री का उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। दिन में गर्मी और रात में ठंड की स्थिति, हवा में नमी की कमी और लगातार बढ़ता प्रदूषण वायरस के फैलाव को तेज कर रहा है। नवंबर में शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 280–320 के बीच रहा, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे प्रदूषित माहौल में वायरस अधिक समय तक सक्रिय रहते हैं और सांस संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं।
जिन लोगों को पहले से दमा (अस्थमा), COPD, किडनी रोग, हृदय रोग या अन्य पुरानी बीमारियां हैं, उनके लिए यह संक्रमण अधिक खतरे का संकेत देता है। ऐसे मरीजों को डॉक्टर खास सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं और जरूरत पड़ने पर तत्काल इलाज लेने की चेतावनी दी जा रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन शहरवासियों को भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनने, हाथों की सफाई और ताजी हवा में समय बिताने जैसी सावधानियां बरतनी चाहिए। स्वास्थ्य विभाग भी लगातार अस्पतालों में निगरानी बढ़ा रहा है और आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था कर रहा है। यह स्थिति इस बात का संकेत है कि बड़े शहरों में मौसम और हवा की खराब गुणवत्ता सीधे स्वास्थ्य पर गंभीर असर डालने लगी है, और भविष्य में ऐसे संक्रमणों से बचाव के लिए लोगों को जागरूक रहना जरूरी है।