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20-Nov-2025 11:35 AM
By First Bihar
Bihar Cabinet 2025 : बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई एनडीए सरकार का मंत्रिमंडल आखिरकार सामने आ गया है। शपथ ग्रहण समारोह के ठीक बाद मुख्यमंत्री ने अपने कैबिनेट का विस्तार करते हुए कई अनुभवी चेहरों के साथ-साथ नए विधायकों को भी मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी है। कुल मिलाकर इस मंत्रिमंडल में विविध सामाजिक वर्गों, पार्टी संतुलन और प्रशासनिक अनुभव का शानदार मिश्रण देखने को मिल रहा है।
नीतीश कुमार, जो दसवीं बार मुख्यमंत्री बने हैं, ने इस बार कैबिनेट के गठन में जातीय संतुलन और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को प्राथमिकता दी है। भाजपा, जदयू और सहयोगी दलों के विधायकों को शामिल करते हुए सरकार ने एक मजबूत और व्यापक नेतृत्व टीम पेश की है, जो आने वाले पांच वर्षों में बिहार के विकास लक्ष्यों को आगे बढ़ाने का काम करेगी।
नए मंत्रिमंडल में जिन चेहरों को शामिल किया गया है, वे इस प्रकार हैं: सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, विजय चौधरी, वीरेंद्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार, मंगल पांडे, दिलीप जायसवाल, अशोक चौधरी, लेसी सिंह, मदन साहनी, नितिन नवीन, रामकृपाल यादव, संतोष कुमार सुमन, सुनील कुमार, मोहम्मद जमा खान, संजय सिंह टाइगर, अरुण शंकर प्रसाद, सुरेंद्र मेहता, नारायण प्रसाद, रमा निषाद, लखेंद्र कुमार रोशन, श्रेयसी सिंह, प्रमोद कुमार, संजय कुमार, संजय कुमार सिंह और दीपक प्रकाश।
यह सूची दिखाती है कि इस बार भाजपा और जदयू दोनों ने अपने अनुभवी नेताओं पर भरोसा व्यक्त किया है, वहीं कुछ नए चेहरों को भी मंत्री पद का मौका दिया गया है, ताकि प्रशासन में नई ऊर्जा और नई सोच उतर सके।
मंत्रिमंडल में शामिल मंगल पांडे, नितिन नवीन, अशोक चौधरी, श्रवण कुमार जैसे नेता पहले भी अलग-अलग विभागों का जिम्मा संभाल चुके हैं। इन नेताओं का प्रशासनिक अनुभव नई सरकार को गति देने में मदद करेगा।वहीं दूसरी तरफ श्रेयसी सिंह, दीपक प्रकाश, लखेंद्र कुमार रोशन जैसे युवा चेहरे सरकार में नई ऊर्जा और आधुनिक दृष्टिकोण लाने की क्षमता रखते हैं।
सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, जो उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं, सरकार की रणनीतिक और राजनीतिक दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इन दोनों नेताओं की शैली और नेतृत्व क्षमता भाजपा के संगठन के साथ सरकार के बेहतर तालमेल को मजबूत करेगी।
नई सूची में सभी प्रमुख वर्गों और क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश साफ दिखती है। दलित, अति पिछड़ा, पिछड़ा, महिलाओं और अल्पसंख्यक समाज से आने वाले नेताओं को भी मंत्रिमंडल में पर्याप्त स्थान दिया गया है।रमा निषाद और लेसी सिंह जैसे महिला नेताओं को शामिल करना एनडीए की महिला सशक्तिकरण की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। साथ ही मोहम्मद जमा खान जैसे अल्पसंख्यक चेहरे का शामिल होना भाजपा-जदयू सरकार के सामाजिक संतुलन के प्रयास को रेखांकित करता है।
इस मंत्रिमंडल गठन से यह साफ संदेश गया है कि नीतीश कुमार ने गठबंधन की राजनीति को प्राथमिकता देते हुए भाजपा और जदयू के बीच संतुलित तालमेल बैठाया है। भाजपा बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, और उसे मंत्रालयों में भी मजबूत प्रतिनिधित्व मिला है, परंतु जदयू के वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को भी बराबर महत्व दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में मंत्रिमंडल का और विस्तार संभव है। कुछ खाली विभागों और समीकरणों को ध्यान में रखते हुए दूसरी सूची भी जल्द सामने आ सकती है।
कुल मिलाकर, नीतीश सरकार का यह नया मंत्रिमंडल अनुभव, युवा नेतृत्व, सामाजिक संतुलन और राजनीतिक समन्वय का मिश्रण है। आने वाले समय में यह टीम बिहार के विकास, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे को नई दिशा देने में कितनी सफल होती है, इस पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।