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Bihar NDA government : “छोटा रहेगा, घबराना नहीं है; शपथ ग्रहण पर नीतीश का संकेत, कैबिनेट विस्तार खरमास के बाद”

पटना के गांधी मैदान में गुरुवार को नीतीश कुमार 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। एनडीए की नई सरकार में सीमित मंत्री शपथ लेंगे, जबकि बड़ा कैबिनेट विस्तार जनवरी 2026 में होगा।

 Bihar NDA government : “छोटा रहेगा, घबराना नहीं है; शपथ ग्रहण पर नीतीश का संकेत, कैबिनेट विस्तार खरमास के बाद”

20-Nov-2025 08:03 AM

By First Bihar

बिहार की राजनीति एक बार फिर नए मोड़ पर खड़ी है। गुरुवार सुबह 11:30 बजे पटना के गांधी मैदान में नीतीश कुमार 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। एनडीए गठबंधन की ऐतिहासिक जीत के बाद नई सरकार के गठन की तैयारी अंतिम चरण में है। लेकिन इस बार शपथ ग्रहण समारोह में मंत्रियों की संख्या बेहद सीमित रहेगी। नीतीश कुमार ने संकेत दिया है कि गठबंधन के पांच दलों—जेडीयू, बीजेपी, लोजपा (रामविलास), हम (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) और रालोमो—से केवल चुनिंदा डेढ़ दर्जन नेता ही कल मंत्री पद की शपथ लेंगे।


नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनने जा रही यह एनडीए की 8वीं सरकार है। डिप्टी सीएम के रूप में सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा शपथ लेंगे, यह लगभग तय माना जा रहा है। भाजपा इस बार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, इसलिए उसके कोटे से कुछ नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं। वहीं जेडीयू में भी इस बार अनुभवी और पुराने चेहरों को प्राथमिकता मिलने की संभावना है।


नीतीश ने बैठक में दिया संकेत—“कल छोटा रहेगा, 14 के बाद करेंगे”

बुधवार को जेडीयू के विधानमंडल दल की बैठक में नीतीश कुमार ने विधायकों और विधान पार्षदों को साफ संकेत दे दिया कि शपथ ग्रहण में मंत्रियों की संख्या कम रहेगी। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने कहा—“कल छोटा रहेगा, घबराना नहीं है। 14 के बाद फिर करेंगे।”राजनीति में यह वाक्य अपने आप बहुत कुछ कह जाता है। बिहार और आसपास के क्षेत्रों में "14 के बाद" का अर्थ होता है—मकर संक्रांति के बाद, यानी वह समय जब खरमास खत्म होता है और दही-चूड़ा का पारंपरिक भोज होता है। इसका मतलब साफ है कि जनवरी 2026 में बड़ा कैबिनेट विस्तार होगा, जिसमें सभी जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखकर और भी मंत्री बनाए जाएंगे।


जातीय समीकरणों का संतुलन साधने की कोशिश

सूत्र बताते हैं कि जेडीयू के कोटे से कल शपथ लेने वाले ज्यादातर चेहरे वही होंगे जो पिछली सरकार में भी मंत्री थे। हालांकि, सामाजिक और जातीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए एक-दो बदलाव किए जा सकते हैं। चकाई सीट से सुमित सिंह की हार के बाद यह चर्चा तेज है कि उनकी जगह किसी राजपूत समुदाय के नेता को मंत्री बनाया जा सकता है।


बीजेपी में नए चेहरों की संभावनाएँ

एनडीए की भारी जीत में भाजपा की बड़ी भूमिका को देखते हुए पार्टी अपने आधार वोटों की झलक सरकार में दिखाना चाहती है। इसलिए कुछ ऐसे नए नेताओं को मौका मिल सकता है जो हाल के चुनाव में जनता के बीच मजबूत समर्थन से उभरे हैं। सूत्रों का कहना है कि भाजपा अपने कोटे के मंत्रियों की सूची पर देर रात तक मंथन करेगी।


अमित शाह पटना पहुंच चुके, रात में तय होगी अंतिम सूची

शपथ ग्रहण से पहले राजनीतिक हलचल सबसे ज्यादा भाजपा और जेडीयू दफ्तरों में है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहले ही पटना पहुंच चुके हैं। माना जा रहा है कि उनके साथ बैठकों के बाद ही बीजेपी अपने मंत्रियों की अंतिम सूची तैयार करेगी। देर रात तक सूची को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है, लेकिन अभी तक राजभवन को नाम नहीं भेजे गए हैं। सीएम हाउस से सभी मंत्रियों के नाम गुरुवार सुबह भेजे जाएंगे।


शपथ से पहले राजभवन में बढ़ेगी गतिविधियाँ

सूत्रों ने बताया कि गुरुवार सुबह से राजभवन में फोन की घंटियां लगातार बजती रहेंगी। परंपरा के अनुसार, राजभवन फोन के जरिए नेताओं को शपथ के लिए बुलाता है। इससे यह साफ होता जाएगा कि कौन नया मंत्री बन रहा है और किसे इस सीमित मंत्रिमंडल में जगह मिली है।


क्यों सीमित रखा जा रहा है मंत्रिमंडल?

नीतीश कुमार इस बार जल्दबाजी में बड़ा मंत्रिमंडल बनाना नहीं चाहते। कई बड़े और अनुभवी नेता चुनावी दौरे, पार्टी जिम्मेदारियों और सरकार के अगले रोडमैप को लेकर व्यस्त हैं। जनवरी में जब मकर संक्रांति के बाद राजनीतिक और धार्मिक सीमाएँ समाप्त हो जाएंगी, तब एक बड़ा और संतुलित कैबिनेट विस्तार किया जाएगा। इसके अलावा गठबंधन के भीतर सभी दलों की हिस्सेदारी को लेकर भी समय समय की जरूरत है।


गांधी मैदान में होगा सादगीपूर्ण आयोजन

गुरुवार को शपथ ग्रहण समारोह गांधी मैदान में आयोजित होगा। इसमें राज्य के बड़े नेता, केंद्रीय मंत्री, एनडीए के विधायक और विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहेंगे। समारोह को सामान्य और सादगीपूर्ण रखने की तैयारी की गई है।


बिहार में एक बार फिर राजनीतिक स्थिरता की नई शुरुआत हो रही है। नीतीश कुमार का यह 10वीं बार मुख्यमंत्री बनना एक ऐतिहासिक घटना है। हालांकि इस बार मंत्रिमंडल छोटा रहेगा, लेकिन जनवरी 2026 में होने वाले कैबिनेट विस्तार को लेकर नेताओं और जनता दोनों के बीच उत्सुकता बनी रहेगी।