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Bihar Election 2025 : "नीतीश कुमार को CM बनाने के नाम पर NDA में सस्पेंस ! BJP के नेता ने कहा — मोदी की गारंटी और अमित शाह की रणनीति ने दिलाई बंपर जीत"

बिहार चुनाव में एनडीए की बड़ी जीत का श्रेय मोदी की गारंटी और अमित शाह की रणनीति को दिया जा रहा है, लेकिन भाजपा नेता दिलीप जायसवाल ने नीतीश कुमार का नाम तक नहीं लिया, जिससे सस्पेंस बढ़ गया है।

Bihar Election 2025 : "नीतीश कुमार को CM बनाने के नाम पर NDA में सस्पेंस ! BJP के नेता ने कहा — मोदी की गारंटी और अमित शाह की रणनीति ने दिलाई  बंपर जीत"

15-Nov-2025 11:55 AM

By First Bihar

Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए को मिली प्रचंड जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रणनीति को दिया जा रहा है। इस जीत के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने भी साफ तौर पर कहा कि बिहार की जनता ने मोदी की गारंटी पर भरोसा दिखाया है। दिलचस्प बात यह है कि अपने पूरे बयान में जायसवाल ने कई बार पीएम मोदी और अमित शाह का उल्लेख किया, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम तक नहीं लिया। इससे राजनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या भाजपा नीतीश कुमार के चेहरे को आगे बढ़ाने के मूड में है या नहीं।


मोदी की गारंटी का असर चुनावी मैदान में दिखा

दिलीप जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता देशभर में चरम पर है। लोग मोदी की गारंटी को विकास, सुरक्षा और स्थिरता का प्रतीक मानते हैं। उन्होंने याद दिलाया कि पीएम मोदी भले ही देशभर में व्यस्त रहते हों, लेकिन बिहार चुनाव को लेकर वे लगभग एक साल पहले ही एक्टिव हो गए थे। चुनाव अभियान के दौरान प्रधानमंत्री ने 11 बड़ी जनसभाएं कीं। इन जनसभाओं में उन्होंने विकास कार्यों, योजनाओं और केंद्र सरकार द्वारा बिहार को दिए गए सहयोग का विस्तृत उल्लेख किया। पीएम ने विशेष रूप से विभिन्न क्षेत्रों के विकासात्मक मुद्दों पर जोर दिया, जिससे जनता के बीच भरोसा और मजबूत हुआ।जायसवाल ने कहा कि “मोदी की गारंटी आज एक ब्रांड बन चुकी है। बिहार की जनता ने इसे दिल से स्वीकार किया है। चुनाव का परिणाम इसका सबसे बड़ा सबूत है।”


अमित शाह की रणनीति ने पलट दिया चुनावी समीकरण

दूसरी ओर, भाजपा के रणनीतिकार माने जाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार चुनाव के दौरान संगठन को मजबूत करने, बूथ स्तर तक सक्रियता बढ़ाने और कार्यकर्ताओं के साथ लगातार बैठकें करने पर विशेष ध्यान दिया। जायसवाल ने बताया कि शाह ने भाजपा कार्यकर्ताओं को चुनाव जीतने का एक विशेष “मंत्र” दिया था। उसी रणनीति के दम पर भाजपा फिर से बिहार में मजबूत शक्ति के रूप में उभरकर आई।उन्होंने कहा कि “अमित शाह को राजनीति का चाणक्य कहा जाता है। चाणक्य का काम रणनीति थी, शाह का भी यही काम है। फर्क इतना है कि शाह रणनीति बनाकर उसे परिणाम में बदल देते हैं। इस बार बिहार में जो परिणाम आया है, वह शाह की रणनीति का ही नतीजा है।”


लेकिन CM नीतीश कुमार पर BJP की चुप्पी…?

हालांकि, पूरे बयान में दिलीप जायसवाल ने नीतीश कुमार का एक बार भी नाम नहीं लिया। इससे यह साफ है कि भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद के सवाल पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है।जब फर्स्ट बिहार के रिपोर्टर प्रेम कुमार ने उनसे नीतीश कुमार और शपथ ग्रहण से जुड़ा सवाल पूछा, तो वे इससे बचते नजर आए। उन्होंने कहा:“फिलहाल 16 तारीख को मतदाता धन्यवाद कार्यक्रम होगा। उसके बाद सभी दल बैठकर विचार-विमर्श करेंगे। फिर विधायक दल की बैठक होगी और नेता का चयन होगा। उसी के बाद शपथ ग्रहण की तारीख तय होगी।”इस बयान से इतना जरूर स्पष्ट हो गया कि भाजपा नीतीश कुमार को लेकर खुलकर कुछ भी नहीं कह रही है।


पहले अमित शाह और राजनाथ दे चुके थे नीतीश को गारंटी

चुनाव प्रचार के दौरान अमित शाह ने कई मंचों पर कहा था कि “बिहार में नीतीश कुमार और केंद्र में नरेंद्र मोदी की जोड़ी हिट है।” इसी तरह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सार्वजनिक तौर पर कहा था कि एनडीए की ओर से नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होंगे। लेकिन अब जब भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और जेडीयू दूसरी पोजीशन पर चली गई है, तो सियासी समीकरण तेजी से बदलते दिखाई दे रहे हैं। भाजपा नेता अब फिर से उसी रटे-रटाए बयान पर लौट आए हैं—“विधायक दल तय करेगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा।”


क्यों बदले नेताओं के बयान?

• भाजपा बिना जेडीयू के भी इस बार पूर्ण बहुमत के करीब सीटें हैं।

• भाजपा के भीतर से इस बार साफ संकेत मिल रहे हैं कि पार्टी खुद का मुख्यमंत्री चाहती है।

ऐसे में भाजपा नेता अब नीतीश के नाम पर खुलकर कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

भले ही अभी आधिकारिक रूप से कुछ न कहा गया हो, लेकिन भाजपा की चुप्पी अपने आप में बहुत कुछ कह देती है। नीतीश कुमार को लेकर एनडीए में सहमति बनेगी या भाजपा नया नाम सामने लाएगी—फैसला विधायक दल की बैठक में होगा। हालांकि यह भी चर्चा है कि भाजपा किसी समझौते के तहत नीतीश को कुछ समय के लिए सीएम बनाए, लेकिन मैसेज साफ है कि अब भाजपा फैसले खुद करना चाहती है।


दिलीप जायसवाल का बयान दो बातें स्पष्ट करता है बिहार की जीत का श्रेय मोदी की गारंटी और शाह की रणनीति को दिया जा रहा है। नीतीश कुमार को लेकर भाजपा में असमंजस बढ़ गया है।अब सबकी नजरें विधायक दल की बैठक और एनडीए की अंतिम घोषणा पर टिक गई हैं। क्या नीतीश कुमार फिर मुख्यमंत्री बनेंगे या इस बार भाजपा अपना चेहरा सामने लाएगी—यह आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा।


प्रेम राज की रिपोर्ट