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16-Nov-2025 02:53 PM
By First Bihar
Illegal Mining : नालंदा जिले में अवैध खनन और शराब तस्करों के हौसले एक बार फिर कानून-व्यवस्था को खुली चुनौती देते नजर आए। बिंद थाना क्षेत्र के छोटी मिसाया गांव में उत्पाद विभाग की टीम पर अचानक हुई फायरिंग ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि नालंदा में सक्रिय बालू और शराब माफिया अब किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।
अचानक हुई फायरिंग से मचा हड़कंप
सूत्रों के अनुसार, उत्पाद विभाग की टीम नियमित जांच के लिए इलाके में पहुंची थी। टीम अवैध शराब और बालू तस्करी पर लगाम लगाने के लिए लगातार अभियान चला रही थी। इसी दौरान जब अधिकारी छोटी मिसाया गांव के पास पहुंचे, तभी घात लगाए बैठे तस्करों ने टीम पर अचानक फायरिंग शुरू कर दी। गोलीबारी इतनी तेज थी कि अधिकारी कुछ देर के लिए खुद को सुरक्षा की मुद्रा में लेने पर मजबूर हो गए।
फायरिंग की आवाज सुनते ही आसपास के घरों में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोग तुरंत अपने घरों में बंद हो गए और बाहर निकलने की किसी ने हिम्मत नहीं की। ग्रामीणों के अनुसार, फायरिंग करीब कुछ मिनटों तक जारी रही, जिसके बाद हमलावर अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले।
संयुक्त टीम ने देर रात तक चलाया सर्च ऑपरेशन
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस, खनन विभाग, उत्पाद विभाग और बिजली विभाग की टीम संयुक्त रूप से गांव पहुंची। देर रात तक इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। पुलिस ने छापेमारी के दौरान एक अवैध बालू लदा ट्रैक्टर बरामद किया है, जिसे तस्कर मौके पर छोड़कर फरार हो गए थे। पुलिस का यह भी मानना है कि फायरिंग करने वाले आरोपी इलाके के ही हैं और अवैध बालू तस्करी से जुड़े हुए हैं। अधिकारी अब गांव के हर कोने में छापेमारी कर संदिग्ध व्यक्तियों की तलाश कर रहे हैं।
हमलावरों की तलाश जारी — 'किसी को नहीं छोड़ा जाएगा'
फायरिंग की इस घटना को पुलिस ने बेहद गंभीर रूप में लिया है। सरकारी टीम पर हमला करने वाले तस्करों की पहचान के लिए तकनीकी और मैनुअल दोनों स्तरों पर जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस ने बताया कि आसपास के CCTV कैमरों की फुटेज भी खंगाली जा रही है, वहीं स्थानीय मुखबिरों को सक्रिय किया गया है।
अधिकारियों ने साफ संकेत दिया है कि सरकारी टीम पर हमला किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नालंदा के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हमलावर चाहे जितने भी प्रभावशाली या संगठित हों, उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा और सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
माफिया के हौसले क्यों बढ़ रहे हैं?
नालंदा जिले में लंबे समय से अवैध बालू खनन और शराब तस्करी एक चुनौती बनी हुई है। प्रतिबंधों और लगातार चल रहे अभियानों के बावजूद माफिया फिर सक्रिय हो जाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अंधेरे में बालू से भरे ट्रैक्टरों की आवाज अक्सर सुनाई देती है। वहीं उत्पाद विभाग की टीम पर हमला इस बात का प्रमाण है कि माफिया प्रशासन का दबाव बढ़ने पर हिंसक भी हो सकते हैं। सरकार द्वारा हर बार सख्ती की बात कही जाती है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में यह माफिया बेहद संगठित तरीके से काम करते हैं, जिससे इन पर पूरी तरह रोक लगाना चुनौतीपूर्ण साबित होता है।
ग्रामीणों में दहशत, पुलिस पर भरोसा भी
घटना के बाद छोटी मिसाया गांव और आसपास के इलाकों में लोगों में काफी दहशत है। ग्रामीण बताते हैं कि शाम होते ही इलाके में अजीब सन्नाटा फैल जाता है, क्योंकि तस्कर रात के समय अधिक सक्रिय रहते हैं। हालांकि पुलिस की बढ़ती गतिविधि को देखकर लोग राहत भी महसूस कर रहे हैं। एक ग्रामीण ने बताया, “फायरिंग की आवाज इतनी तेज थी कि हम घरों से बाहर नहीं निकल पाए। अब पुलिस लगातार गांव में पेट्रोलिंग कर रही है, जिससे थोड़ा भरोसा बढ़ा है।”
प्रशासन की सख्ती के संकेत
पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह मामला सिर्फ अवैध खनन का नहीं, बल्कि सरकारी कर्मचारियों की जिंदगी पर हमले का है। ऐसे मामलों में कठोर धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। टीम ने गांव के आसपास के इलाकों में नाकेबंदी कर दी है और संदेहास्पद व्यक्तियों की निगरानी बढ़ा दी गई है। नालंदा प्रशासन का कहना है कि आने वाले दिनों में अवैध शराब और खनन के खिलाफ और तेज़ अभियान चलाया जाएगा, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।