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Bihar Election 2025 : NDA में सीट बंटवारा के बाद कैंडिडेट चयन को लेकर आया यह फार्मूला, BJP में 80% पुराने कैंडिडेट हो सकते हैं वापस

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए एनडीए ने सीट बंटवारे का ऐलान कर दिया है। भाजपा और जेडीयू 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी, जबकि लोजपा रामविलास, हम और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को भी हिस्सेदारी मिली है। पहले चरण के उम्मीदवारों की घोषणा आज हो सकती है।

Bihar Election 2025 : NDA में सीट बंटवारा के बाद कैंडिडेट चयन को लेकर आया यह फार्मूला, BJP में 80% पुराने कैंडिडेट हो सकते हैं वापस

13-Oct-2025 09:20 AM

By First Bihar

Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर एनडीए (NDA) ने आखिरकार सीट बंटवारे का फॉर्मूला साफ कर दिया है। बीते शाम एनडीए की ओर से आधिकारिक तौर पर घोषणा की गई कि इस बार गठबंधन में बड़े भाई और छोटे भाई का फार्मूला खत्म कर दिया गया है। यानी भाजपा (BJP) और जेडीयू (JDU) दोनों दल बराबर-बराबर 101-101 सीटों पर चुनाव मैदान में उतरेंगे। वहीं, सहयोगी दलों को भी हिस्सेदारी दी गई है लोजपा (रामविलास) को 29 सीटें, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) को 6 सीटें, और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को भी 6 सीटें दी गई हैं।


सीट बंटवारे के बाद अब एनडीए की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उम्मीदवारों के नामों पर भी अंतिम मुहर लगाई जा रही है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, आज देर शाम तक पहले चरण के उम्मीदवारों की सूची आधिकारिक रूप से जारी की जा सकती है। वहीं, कुछ उम्मीदवारों को फोन के जरिए सूचित कर दिया गया है कि वे नामांकन की तैयारी शुरू कर दें।


पार्टी सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेतृत्व ने इस बार यह रणनीति बनाई है कि पहले के 80% उम्मीदवारों को दोबारा टिकट दिया जाएगा। यानी अगर भाजपा 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है तो उनमें से लगभग 81 सीटों पर पुराने उम्मीदवार ही दोबारा मैदान में होंगे। इसका मकसद संगठन में स्थिरता बनाए रखना और कार्यकर्ताओं के उत्साह को बढ़ाना है।


भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में यह भी माना गया कि शहरी क्षेत्रों में उम्मीदवारों को लेकर कुछ हल्की नाराजगी जरूर है, लेकिन पार्टी के प्रति जनता का रुझान सकारात्मक है। ऐसे में उम्मीदवार बदलने से बड़ा फायदा नहीं होगा। पार्टी का मानना है कि यदि प्रचार-प्रसार और संवाद मजबूत रखा जाए, तो मौजूदा विधायक अपनी सीटें आसानी से जीत सकते हैं।


सूत्रों के अनुसार, पहले चरण के लिए पार्टी ने 20 से अधिक मौजूदा विधायकों को कॉल कर नामांकन की सूचना दे दी है। इनमें राजधानी पटना की बांकीपुर सीट से नितिन नवीन, दीघा से संजीव चौरसिया, लखीसराय से विजय कुमार सिन्हा, और बिहार शरीफ से डॉ. सुनील कुमार का नाम शामिल है। विक्रम सीट से सिद्धार्थ कुमार शामिल हैं. सिद्धार्थ कुमार वैसे तो कांग्रेस के विधायक हैं लेकिन पिछले साल बीजेपी और नीतीश कुमार की सरकार के विश्वासमत के दौरान एनडीए का समर्थन किया था।


इसके साथ ही हाजीपुर से अवधेश सिंह, साहेबगंज से राजू कुमार सिंह, बरूराज से अरूण कुमार सिंह, दरभंगा से संजय सरावगी, जाले से जीवेश कुमार, अमनौर से कृष्ण कुमार मंटू, बेगूसराय से कुंदन कुमार, तरारी से विशाल प्रशांत जैसे उम्मीदवारों को पार्टी नेतृत्व ने हरी झंडी दिखा दी है. उन्हें नामांकन की तैयारी करने को कह दिया गया है। जानकारों का मानना है कि भाजपा ने उम्मीदवार चयन में संगठन की जमीनी रिपोर्ट को तरजीह दी है। वहीं, जेडीयू भी अपने हिस्से की सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर मंथन कर रही है। एनडीए का फोकस इस बार जातीय समीकरणों के साथ-साथ विकास और सुशासन के एजेंडे पर रहेगा।


कुल मिलाकर, सीट बंटवारे के साथ बिहार विधानसभा चुनाव की तस्वीर अब लगभग साफ हो गई है। एनडीए ने जहां एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरने की रणनीति तय कर ली है, वहीं महागठबंधन के खेमे में भी सीट बंटवारे पर मंथन जारी है। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि एनडीए अपने पहले चरण के उम्मीदवारों की आधिकारिक सूची कब जारी करता है।