दिव्यांग पति को पीठ पर लादकर प्रमाण पत्र बनवाने पहुंची पत्नी, वीडियो वायरल होते ही 3 अधिकारियों पर गिर गई गाज मध्य प्रदेश में बड़ा हादसा: कोयला खुदाई के दौरान छत गिरने से 3 मजदूरों की मौत, कई खदान में दबे loan Repayment news: लोन लेने और चुकाने में पुरुषों से आगें निकली महिलाएं... महागठबंधन विधायक दल की बैठक खत्म, नीतीश सरकार को सदन में घेरने की तैयारी Bihar New Fourlane: बिहार के इस जिले में बनेगी एक और नई फोरलेन सड़क, 58 KM होगी लंबाई..जमीन हो जाएगी बेशकीमती 8 मार्च को पूर्णिया आएंगे श्री श्री रविशंकर, रंगभूमि मैदान से निकाली गई शोभायात्रा Bihar vidhan sabha: बिहार विधानसभा में एक जिले के SP की अचनाक क्यों होने लगी चर्चा ? सत्ता पक्ष के विधायक ने कहा.... अब कोई कह नहीं सकता कि बिहार पिछड़ा हुआ राज्य है, पटना में बोले श्री श्री रविशंकर..बिहार बहुत आगे जाएगा Bihar makhana news: मखाने पर चर्चा बहुत... लेकिन रिसर्च सेंटर की बदहाली का जिम्मेदार कौन ? Women's Day 2025: 4 सगी बहनें बनीं महिला सिपाही, पिता की मौत के बाद मां ने मजदूरी करके पढ़ाया
06-Mar-2025 06:23 PM
Women’s Day 2025: आगामी 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है। दुनिया भर में 8 मार्च को हर साल महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। महिला दिवस के नाम से ही जाहिर है कि यह दिन महिलाओं को समर्पित है। महिला दिवस के बहाने हम ऐसी महिलाओं को याद करते हैं जिन्होंने वैश्विक पटल पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। बिहार के सारण जिले की रहने वाली सात बहनों की कहानी भी कुछ खास है। एकमा की ये सात बहनें महिला सशक्तिकरण का नायाब उदाहरण हैं।
सारण के एकमा गांव निवासी राजकुमार सिंह की आजीविका का एक मात्र साधन आटा चक्की की दुकान है। उनकी आर्थिक स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं हैं। राजकुमार सिंह के घर सात बेटियां के बाद एक बेटा है। परिजन राजकुमार सिंह पर सात बेटियों की शादी का लगातार दबाव बना रहे थे, लेकिन बेटियों ने कुछ ऐसा कर दिखाया कि सभी को बोलती बंद हो गई। अपने बुलंद हौसलों के साथ सातो बहनें आगे बढ़ती गईं और देखते ही देखते पुलिस फोर्स ज्वाइन कर लिया और अब वर्दी पहनकर समाज और देश की सेवा कर रही हैं।
सभी बहनों ने राज्य पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बल में अपना योगदान दिया है। सामान्य परिवर की इन बच्चियों ने अपनी जिद और कठिन परिश्रम के बल पर वह मुकाम हासिल कर लिया, जो दूसरों के लिए प्रेरणा का श्रोत है। सात बहनों में सबसे बडी रानी और उनसे छोटी रेणु ने वर्दी पहनने के लिए गांव में ही अभ्यास करना शुरू कर दिया था। गांव वालों के तानों को नजरअंदाज कर वे आगे बढ़ती गईं।
वर्ष 2006 में रेणु का SSB में कांस्टेबल के पद पर चयन हो गया। बड़ी बहन रानी शादी के बाद 2009 में बिहार पुलिस में कांस्टेबल चुन ली गई। इसके बाद अन्य पांच बहनें भी विभिन्न बलों में नियुक्त हो गईं। सातों बहनें संसाधनों के अभाव बीच गांव के ही स्कूल में पढ़ीं और कड़ी मेहनत के बल पर नौकरियां हासिल की। इन बहनों से प्रेरणा से इलाके की दर्जनों लड़कियां पुलिस सेवा में चुनी जा चुकी हैं।
सबसे बड़ी बहन रानी सिंह और कुमारी पिंकी बिहार स्पेशल आर्म्ड पुलिस में तैनात हैं जबकि कुमारी रेणु सिंह एसएसबी, कुमारी सोनी सिंह सीआरपीएफ, कुमारी प्रीति सिंह क्राइम ब्रांच, कुमारी रिंकी सिंह एक्साइज पुलिस और कुमारी नन्ही सिंह जीआरपी में तैनात हैं। कभी परिवार के लिए बोझ समझी जाने वाली सातों बहनें आज समाज के लिए प्रेरणा बन गई हैं।