पटना में नगर निगम की लापरवाही से खुला मेनहोल बना जानलेवा, नाले में गिरा बच्चा पहली उड़ान बनी आखिरी सफर, सऊदी नौकरी पर निकले युवक ने फ्लाइट में दम तोड़ा, विदेश में नौकरी का सपना रह गया अधूरा जमुई में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, जंगल से 24 सिलेंडर बम बरामद भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, महिला की मौत, 6 की हालत गंभीर Patna News: पटना एयरपोर्ट के लिए जारी हुआ नया आदेश, उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई बेगूसराय में टला बड़ा हादसा: चलती ट्रेन के इंजन में लगी आग, यात्रियों ने कूदकर बचायी अपनी जान गांधी सेतु पर ट्रक और पिलर के बीच फंसा बाइक सवार, ट्रैफिक पुलिस ने किया रेस्क्यू AI in election: AI की चालबाज़ी से उलझे बिहार के वोटर! फर्जी कॉल्स-Deepfake से फैला भ्रम, अब चुनाव आयोग कसेगा शिकंजा! प्यार के लिए लड़का बना लड़की, अब पति किन्नर से शादी की जिद पर अड़ा Bihar politics : तेजस्वी ने किया 'महिला संवाद' पर हमला, जदयू का पलटवार...क्या महिलाओं की तरक्की से डरते हैं नेता प्रतिपक्ष?
19-Feb-2025 01:32 PM
इंडिया सैलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) के अनुसार, यह वृद्धि सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के सकारात्मक प्रभाव का परिणाम है, जो इस उद्योग के विकास को गति देने में एक महत्वपूर्ण कारक साबित हुई है। ICEA के बयान में कहा गया है कि यह बढ़ोतरी भारत के मोबाइल फोन उत्पादन में भी साफ नजर आई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में मोबाइल फोन उत्पादन 2.2 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 4.22 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। हम उम्मीद करते हैं कि 2024-25 में यह आंकड़ा बढ़कर लगभग 5.1 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।" यह आंकड़ा भारत को एक वैश्विक निर्माण शक्ति के रूप में स्थापित कर रहा है।
ICEA ने यह भी अनुमान जताया है कि 2024-25 में मोबाइल फोन निर्यात 1.8 लाख करोड़ रुपये के आसपास जा सकता है, जो पिछले वित्तीय वर्ष में 1.29 लाख करोड़ रुपये से लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि होगी। इस बढ़ोतरी को लेकर ICEA का कहना है कि यह PLI स्कीम की शुरुआत (वित्तीय वर्ष 2020-21) से अब तक 680 प्रतिशत की शानदार वृद्धि को दर्शाता है।
ICEA के मुताबिक, मोबाइल फोन निर्यात इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में सबसे बड़ा विकास इंजन बन चुका है, और इस क्षेत्र में संयुक्त राज्य अमेरिका भारत के स्मार्टफोन के लिए एक प्रमुख बाजार के रूप में उभरा है। ICEA ने यह भी कहा कि यह ऐतिहासिक सफलता सरकार और उद्योग के बीच सहयोगात्मक साझेदारी का परिणाम है, जिसने वैश्विक प्रतिस्पर्धी स्मार्टफोन निर्माण में अपनी मजबूती को साबित किया है।