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Electric vehicle battery danger: इलेक्ट्रिक वाहन EV खरीदने से पहले पढ़ लें ये खबर... वरना हो सकता है बड़ा नुकसान!

Electric vehicle battery danger: EV वाहन बैटरियों की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहें हैं। बिना प्रमाणित और सस्ती बैटरियों का उपयोग अब जानलेवा साबित हो रहा है। हाल की घटनाएं राज्य के लिए खतरे की घंटी हैं।

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25-Apr-2025 12:26 PM

By First Bihar

Electric vehicle battery danger: इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है, लेकिन इसके साथ ही बैटरियों से जुड़ी समस्याएं भी सामने आ रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इन बैटरियों की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों में कमी के चलते कई बार यह जानलेवा साबित हो रही हैं।खासकर कर के गर्मी के मौसम में EV व्हीकल पर विशेष ख्याल रखना होता है |


देश के कई हिस्सों में EV बैटरियों में आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं। इन मामलों की जांच में पाया गया है कि कुछ लोकल या घटिया कंपनियों की बैटरियां बिना पर्याप्त टेस्टिंग के बाजार में पहुंच रही हैं। इनमें थर्मल रनअवे, ओवरचार्जिंग और शॉर्ट सर्किट जैसी तकनीकी खामियां होती हैं।


सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और EV बैटरी निर्माण को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि उपभोक्ताओं को भी सस्ती बैटरियों के बजाय प्रमाणित और BIS-लाइसेंस प्राप्त उत्पादों को ही चुनना चाहिए।


क्या करना चाहिए?

केवल BIS प्रमाणित बैटरियों का उपयोग करें

चार्जिंग के दौरान वाहन पर निगरानी रखें

लोकल या अज्ञात ब्रांड्स से बचें

बैटरी की सर्विसिंग और जांच नियमित रूप से कराएं      


स्थानीय बाजारों में सस्ते EV बैटरी का बोलबाला

राज्य के कई बाजारों में चीन या लोकल कंपनियों की बिना प्रमाणित बैटरियां बेची जा रही हैं। ये बैटरियां सस्ती तो होती हैं, लेकिन सुरक्षा के लिहाज़ से बेहद खतरनाक साबित हो रही हैं। सरकार के पास अभी ऐसा कोई मजबूत सिस्टम नहीं है जो इन लोकल बैटरियों की निगरानी कर सके।


क्या कर रही है बिहार सरकार?

बिहार सरकार ने अभी तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। ना ही कोई विशेष EV बैटरी निरीक्षण अभियान शुरू हुआ है और ना ही डीलरों पर सख्ती की गई है। हालांकि परिवहन विभाग ने EV रजिस्ट्रेशन को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी की घोषणा जरूर की है, लेकिन सुरक्षा की अनदेखी लोगों की जान पर भारी पड़ सकती है |