ब्रेकिंग न्यूज़

पटना में नगर निगम की लापरवाही से खुला मेनहोल बना जानलेवा, नाले में गिरा बच्चा पहली उड़ान बनी आखिरी सफर, सऊदी नौकरी पर निकले युवक ने फ्लाइट में दम तोड़ा, विदेश में नौकरी का सपना रह गया अधूरा जमुई में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, जंगल से 24 सिलेंडर बम बरामद भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, महिला की मौत, 6 की हालत गंभीर Patna News: पटना एयरपोर्ट के लिए जारी हुआ नया आदेश, उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई बेगूसराय में टला बड़ा हादसा: चलती ट्रेन के इंजन में लगी आग, यात्रियों ने कूदकर बचायी अपनी जान गांधी सेतु पर ट्रक और पिलर के बीच फंसा बाइक सवार, ट्रैफिक पुलिस ने किया रेस्क्यू AI in election: AI की चालबाज़ी से उलझे बिहार के वोटर! फर्जी कॉल्स-Deepfake से फैला भ्रम, अब चुनाव आयोग कसेगा शिकंजा! प्यार के लिए लड़का बना लड़की, अब पति किन्नर से शादी की जिद पर अड़ा Bihar politics : तेजस्वी ने किया 'महिला संवाद' पर हमला, जदयू का पलटवार...क्या महिलाओं की तरक्की से डरते हैं नेता प्रतिपक्ष?

UPI लेनदेन में बड़ा बदलाव: चार्जबैक को लेकर NPCI की नई गाइडलाइंस, आज से लागू

डिजिटल भुगतान को आसान और सुरक्षित बनाने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) लेनदेन के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं।

UPI

15-Feb-2025 01:40 PM

15 फरवरी 2025 से चार्जबैक (Chargeback) से जुड़े मामलों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब Transaction Credit Confirmation (TCC) और Return (RET) के आधार पर चार्जबैक को ऑटोमैटिक स्वीकार या अस्वीकार किया जाएगा। आपको बता दें कि चार्जबैक वह प्रक्रिया है जिसमें किसी विवादधोखाधड़ी या तकनीकी गलती के कारण UPI लेनदेन को उलट दिया जाता हैऔर पैसे ग्राहक को वापस मिल जाते हैं।

चार्जबैक की समस्या क्यों उठती है?
 अब तकजब ग्राहक के बैंक (Remitting Bank) द्वारा चार्जबैक दर्ज किया जाता थातब प्राप्तकर्ता बैंक (Beneficiary Bank) को उसका समाधान करने का समय नहीं मिल पाता था। कई बार बैंक रिटर्न रिक्वेस्ट (RET) भेजते थेलेकिन चार्जबैक पहले ही शुरू हो जाने के कारण इसे स्वीकार नहीं किया जाता था। इससे विवाद अधूरा रह जाता था और ग्राहकों को असुविधा होती थी।

अब कैसे होगा समाधान?

NPCI ने विवाद समाधान प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब जब चार्जबैक उठाया जाएगातो प्राप्तकर्ता बैंक के रिटर्न अनुरोध (RET) और ट्रांजैक्शन क्रेडिट कन्फर्मेशन (TCC) को ध्यान में रखते हुए इसे ऑटो-अप्रूव या रिजेक्ट किया जाएगा।

इस बदलाव का असर किन पर होगा?

  1. Bulk Upload Mode से किए गए चार्जबैक पर यह नियम लागू होगा।
  2. Unified Dispute Resolution Interface (UDIR) और फ्रंट-एंड विवाद समाधान सिस्टम पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

नई प्रणाली के फायदे

इस नई व्यवस्था से अनावश्यक पेनाल्टी और विवादों को रोका जा सकेगा। साथ ही लेनदेन सुलह प्रक्रिया (Reconciliation Process) पहले से अधिक तेजी और सुगमता से होगी। इससे ग्राहक को बेहतर सुरक्षा और समय पर समाधान मिलेगा