IRCTC Tatkal Ticket: 10 बजते ही वेबसाइट खड़े कर देती है हाथ? कंपनी के फाउंडर ने बताया तत्काल टिकट पाने का सबसे आसान समाधान Road Accident: बारात से लौट रही कार की ट्रक से टक्कर, दो की मौत Bihar News: सिस्टम के आगे जनता लाचार, डॉक्टरों की लापरवाही के चक्कर में गई 14 वर्षीय बच्ची की जान Bihar News: रक्सौल-हल्दिया 6 लेन एक्सप्रेसवे इस वर्ष तक होगा पूरा, 54,000 करोड़ का प्रोजेक्ट हमेशा के लिए बदलेगा बिहार की तस्वीर Bihar Vegetables Export: अब विदेशों में बिहारी तरकारी का जलवा, इस देश भेजी गई सब्जियों की पहली खेप Bihar Weather: प्रदेश के इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी, वज्रपात को लेकर भी IMD ने किया सावधान ARWAL: ऑपरेशन के दौरान महिला की मौत, संचालक मौके से फरार, इलाज में लापरवाही के कारण गई जान शिवहर में 4 दिन से लापता 14 वर्षीय किशोर का मिला शव, इलाके में सनसनी VAISHALI: एनएच-22 पर दर्दनाक सड़क हादसा: दो बाइकों की टक्कर में युवक की मौत, बहन समेत दो घायल मंगल पांडेय से प्रशांत किशोर ने मांगा इस्तीफा, कहा..थोड़ी भी शर्म और लज्जा बची है तो स्वास्थ्य मंत्री पद की कुर्सी छोड़ें
20-Feb-2025 09:10 AM
By First Bihar
बिहार के औद्योगिक विकास को नई दिशा देने के लिए 1243 एकड़ में विशाल औद्योगिक क्षेत्र बनाने की योजना को मंजूरी दी गई है। यह क्षेत्र वैशाली जिले के जंदाहा, राजापाकर और महुआ प्रखंडों में फैला होगा और भारत माला परियोजना के तहत निर्माणाधीन आमस-दरभंगा छह लेन एक्सप्रेस-वे से सीधा जुड़ा होगा।
इस परियोजना को बिहार में निवेश आकर्षित करने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रगति यात्रा के दौरान इस योजना की घोषणा की थी, जिसके बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिसको लेकर जिला अपर समाहर्ता ने अन्य अधिकारियों के साथ क्षेत्र का दौरा किया और इस संबंध में जानकारी दी।
इस औद्योगिक क्षेत्र के विकास से बिहार को कई लाभ होंगे। जैसे बड़े पैमाने पर उद्योगों की स्थापना, जिससे राज्य में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। आमस-दरभंगा सिक्स लेन एक्सप्रेसवे से जुड़ने से लॉजिस्टिक और ट्रांसपोर्टेशन को लाभ होगा। राज्य का व्यापार और निर्यात मजबूत होगा, जिससे बिहार की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, इस योजना को लेकर कुछ विवाद भी सामने आ रहे हैं। जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की जा रही है, उन्होंने इसका कड़ा विरोध किया है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार पहले बंजर जमीन लेने की बात कर रही थी, लेकिन अब उपजाऊ और हरे-भरे खेतों को जबरन लिया जा रहा है।
बुधवार को जिला प्रशासन के अधिकारियों ने ग्रामीणों से मुलाकात की और उन्हें इस परियोजना के फायदे समझाने की कोशिश की। जिला अपर समाहर्ता और अन्य अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि किसानों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा सरकार की ओर से दिया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि यह परियोजना बिहार के औद्योगिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम ग्रामीणों की आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं। किसानों को उचित मुआवजा और पुनर्वास योजना दी जाएगी।