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14-Feb-2025 09:13 AM
बिहार सरकार बरैला झील सलीम अली पक्षी अभ्यारण्य को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 6 जनवरी को वैशाली दौरे के दौरान इसके विकास और सौंदर्यीकरण की घोषणा की थी। इसके बाद 4 फरवरी को कैबिनेट ने 53.40 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना के तहत झील का संरक्षण, जल प्रवाह में सुधार, इको टूरिज्म और पक्षियों के लिए कृत्रिम आवास का निर्माण किया जाएगा।
परियोजना के तहत झील के जल प्रवाह में सुधार के लिए इनलेट और आउटलेट का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इसके अलावा प्राकृतिक सौंदर्यीकरण के लिए फूल और फलों के पौधे लगाना, बच्चों के खेलने का बगीचा, बोटिंग की सुविधा, साइनेज और सूचना बोर्ड लगाए जाएंगे। यहां आने वाले पक्षियों के लिए बांस, लकड़ी और अन्य इको फ्रेंडली सामग्रियों से कृत्रिम आवास बनाए जाएंगे।
बरैला झील वैशाली जिले के जंदाहा और पातेपुर प्रखंडों में फैली हुई है। यह झील 1625.34 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई है, जिसमें से 197.91 हेक्टेयर को 1997 में पक्षी अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया था। यह झील प्रवासी पक्षियों और स्थानीय वनस्पतियों की समृद्ध जैव विविधता का घर है। यहां प्रवासी पक्षियों की 59 प्रजातियां, स्थानीय पक्षियों की 106 प्रजातियां, 16 वृक्ष प्रजातियां और 11 झाड़ी प्रजातियां पाई जाती हैं। यह झील न केवल प्रकृति प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र है, बल्कि वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए भी महत्वपूर्ण है।
बरैला झील में एक केंद्रीकृत व्याख्या केंद्र सह वॉच टावर का निर्माण किया जाएगा। यह टावर 60-70 फीट ऊंचा होगा और इसमें पक्षी व्याख्या केंद्र, नियंत्रण कक्ष, हस्तशिल्प प्रशिक्षण केंद्र, कैफेटेरिया और सौर ऊर्जा ग्रिड की सुविधा होगी। पर्यटकों के लिए लिफ्ट की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि वे आसानी से झील और पक्षियों का अवलोकन कर सकें।
वैशाली जिला बौद्ध सर्किट, जैन सर्किट और इस्लामिक सर्किट का हिस्सा है। यहां अशोक स्तंभ, राजा विशाल का किला, विश्व शांति स्तूप, जैन मंदिर और बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय जैसे कई ऐतिहासिक स्थल हैं। 2024 में 4.37 लाख भारतीय और 59,219 विदेशी पर्यटक वैशाली आए। बरैला झील के सौंदर्यीकरण से यह क्षेत्र बिहार के प्रमुख प्राकृतिक और वन्य जीव पर्यटन स्थलों में शामिल हो सकता है।