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04-Apr-2025 07:47 AM
Waqf Bill: वक्फ विधेयक पर संसद ने अपनी मुहर लगा दी है। लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी गुरुवार को 12 घंटे से अधिक चली मैराथन बहस के बाद इसे पारित कर दिया गया। इस विधेयक के समर्थन में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े।
वहीं, विधेयक पर विपक्ष की ओर से कई संशोधन पेश किए गए, जिसे सदन ने खारिज कर दिया। अब दोनों सदनों से पारित होने के बाद इसे तुरंत ही राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। उनकी मंजूरी मिलते ही यह विधेयक कानून का रूप ले लेगा। विधेयक पारित करने के लिए लोकसभा की तरह राज्यसभा में भी आधी रात के बाद तक कार्यवाही चली।
जानकारी हो कि, 8 अगस्त, 2024 को लोकसभा में दो बिल, वक़्फ़ (संशोधन) बिल, 2024 और मुसलमान वक़्फ़ (निरसन) बिल, 2024 पेश किए गए। इनका मकसद वक्फ बोर्ड के काम को सुव्यवस्थित और वक्फ की प्रॉपर्टीज का बेहतर मैनेजमेंट करना है। वक्फ (संशोधन) बिल, 2024 का मकसद वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है, ताकि वक्फ संपत्तियों के रेगुलेशन और मैनेजमेंट में आने वाली समस्याओं और चुनौतियों का समाधान किया जा सके।
संशोधन विधेयक का उद्देश्य देश में वक्फ संपत्तियों के मैनेजमेंट में सुधार करना है। इसका मकसद पिछले कानून की खामियों को दूर करना और अधिनियम का नाम बदलने जैसे बदलाव करके वक्फ बोर्डों की कार्यकुशलता को बेहतर करना भी है।
वहीं,इस बिल के आने से बदलाव की बात करें कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। उदाहरण के तौर पर ट्रिब्यूनल का फैसला आखिरी नहीं माना जाएगा, दावे को सिविल कोर्ट, हाई कोर्ट और उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी सकेगी, वक्फ की ओर से किसी भी जमीन पर दावा करना आसान नहीं होगा, दान में मिली जमीन को ही वक्फ की संपत्ति माना जाएगा। वक्फ की पूरी संपत्ति पोर्टल पर दर्ज की जाएगी।
इसके अलावा अगर सरकारी सरकारी संपत्ति पर दावा किया तो जांच की जाएगी। साथ ही इस्तेमाल के आधार पर किसी जमीन पर वक्फ का दावा स्वीकार नहीं होगा। बिल में कहा गया है कि वक्फ की जिन संपत्तियों पर नमाज पढ़ी जाती है, उनमें कोई दखल नहीं दिया जाएगा। पंजीकृत संपत्तियों में कोई दखल नहीं होगा। खास बात है कि वक्फ किसी भी आदिवासी इलाके में संपत्ति होने का दावा नहीं कर सकेगा।